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सोमवार, 11 अक्टूबर 2021

3178..कह दो जरा, मन से, भटके न वो, उलझे बड़े, पथ ये सारे, कहीं अटके न वो

सादर अभिवादन..
पाँच दिन हो गए माता श्री को आए
आज स्कंदमाता के दर्शन होंगे
माता श्री को नमन
रचनाएँ...


सुबह सुबह संदीप का फोन आया. कल रात उसके पिता जी को दिल का दौरा पड़ा है. अभी हालात नियंत्रण में है और दोपहर १२.३० बजे उन्हें बम्बई ले जा रहे हैं. वैसे तो सब इन्तजाम हो गया है मगर यदि २० हजार अलग से खाली हों तो ले आना. क्या पता कितने की जरुरत पड़ जाये? निश्चिंतता हो जायेगी. मैने हामी भर दी और कह दिया कि बस पहुँचता हूँ.
बाद में पता चला कि संदीप के पिता जी नहीं रहे. बम्बई में ही उन्होंने दम तोड़ दिया. उनके बड़े भाई का परिवार वहीं रहता था तो अंतिम संस्कार भी वहीं कर दिया गया. संदीप ने मुझसे फिर कभी बात नहीं की. मुझे बतलाने का मौका भी नहीं दिया कि क्या हुआ था.

काश, मैं उस वक्त अपने सिद्धांतों को दर किनार कर गेट से नीचे से भीड़ का हिस्सा बन निकल गया होता, तो संदीप आज भी मेरा दोस्त होता.



"यम महाराज हमारी विनती पर गौर करें,
इन मानवों को ऑक्सिटोसिन
का इंजेक्शन ही दिया जाए।"

" मैं तो आया हूँ- देवि बता दो
जीवन का क्या सहज मोल
भव के भविष्य का द्वार खोल
इस विश्वकुहर में इंद्रजाल




पथिक इस राह के, हम, दूर तक जाएंगे,
वो पंछी चाह के, हमें भटकाएंगे,
विचलन कई, लुभाने आएंगे!
कह दो जरा, मन से, भटके न वो,
उलझे बड़े, पथ ये सारे, कहीं अटके न वो!




नवराते में गूँजते, माँ के भजन संगीत ।
जयकारे करते सभी,  माँ से जिनको प्रीत।
माँ से जिनको प्रीत, व्रती रह पूजन करते।
पा माँ का आशीष, कष्ट जीवन के हरते।
कहे सुधा करजोरि, करो माँ के जगराते।
हो जीवन भयमुक्त, सफल जिनके नवराते।




हा ! जिसे सजाकर शीश चला
कंटक से कुंठित राहों में,
है खड़ा सामने अरि बनकर
प्रतिकार भरे उद्ग्राहों में।

अब जान सका हूँ जीवन के
निष्ठुर, अखंड अनुवादों को,
मैं, दूर परिधि से करता हूँ
अवनमन सभी प्रतिवादों को।


इति शुभम..

4 टिप्‍पणियां:

  1. असीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका
    श्रमसाध्य प्रस्तुति हेतु साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  2. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  3. वैविध्यपूर्ण सुंदर, सार्थक संकलन । बहुत बहुत शुभकामनाएँ आपको 💐🙏

    जवाब देंहटाएं
  4. उम्दा लिंको से सजी लाजवाब हलचल प्रस्तुति
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए दिल से धन्यवाद एवं आभार आपका...
    आप सभी को नवरात्रि की अनंत शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं

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