।। उषा स्वस्ति।।
"खग ध्वनी से अंबर गूॅजी
शयित निन्द्रा हो गई भंग
हो गई हरीतिमा सोनजूही
स्वरर्णिम रह गई है दंग।
हे प्राची दिगन्त के रवि
निरत निदेश कर्णाधार
तू ही परित्राण औ चिरमहान
तू ही अमात्य और सत्य प्राण।"
बिंदेश्वरी प्रसाद शर्मा'बिंदु
आज की पेशकश में शामिल रचनाकारों की शब्द बानगी देखिए, साथ ही टिप्पणी से जरूर दें ..जल्दी, जल्दी बढ़ते हैं त्योहारों के मौसम में कई तरह का काम, धाम होता है ना सबको, तो फिर चलें..✍️
चाँदनी रात की बरसात
किसानों के दिल तोड़ गई बेमौसम बारिश!
इतिहास बार-बार दोहराता है स्वयं को
मंदिर तोड़े जा रहे हैं
खंडित हो रही हैं मूर्तियाँ
धर्म के नाम पर अत्याचार और हैवानियत का
एक बार फिर प्रदर्शन है
जाने यह कैसा विचित्र दर्शन है
जिसमें दूरियाँ पाटी
जो धर्म आदमी में ख़ुदा नहीं देख पाता
जवाब देंहटाएंवह कैसे राह दिखाएगा
अबोध भेड़ों की तरह जिधर चाहे कोई भी
हांकता हुआ ले जाता है
शानदार चयन
आभार
सादर
बिल्कुल सही कहा आपने मैम मैं आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूँ!
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसच में किसानों का दिल तोड़ गई बेमौसम बरसात! चूंकि मैं एक गाँव और एक किसान परिवार से हूंँ,मेरी खुद की नौ बीघा फसल बारिश के चलते बर्बाद हो गई!और जो बची है उस पर भी खतरे के बादल मंडरा रहें हैं!
जवाब देंहटाएंमैं देख रही हूं कि किस तरह इस बारिश ने किसानों के आंखों से आंसुओं की बरसात कराई है!कितनों का सपना दिल और बहुत कुछ टूटा है कितनों के सपनों पर इस बारिश ने पानी फेर दिया है!जो फसल देखकर कुछ ही दिन पहले किसान फूले नहीं समाते थे उसी की दुर्दशा देखकर आंखों से आंसू रोक नहीं पा रहे हैं! इसमें किसी एक का नहीं बल्कि सभी किसानों का नुकसान हुआ है! इसलिए एक दूसरे का दुख देखकर थोड़ा संतोष कर रहे हैं! और एक दूसरे की हिम्मत बन रहें हैं!
वर्तमान हालातों का यथार्थ चित्रण करती रचनाओं का चयन, प्रभावशाली प्रस्तुति, आभार!
जवाब देंहटाएंसार्थक लिंकों से सजी सुन्दर और प्रभावशाली प्रस्तुति के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनायें। मुझे भी यहाँ स्थान देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंउम्दा। आभार आपका।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सामयिक तथा सार्थक रचनाओं का चयन किया है आपने पम्मी जी,आपके श्रमसाध्य कार्य को मेरा सादर नमन,मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूं ।
जवाब देंहटाएंसामयिक विविध विषयों को उठाती रचनाओं का चयन कर वास्तव में गागर में सागर भरने का कार्य किया है आपने! हार्दिक बधाई!
जवाब देंहटाएंइनमें मेरी भी नन्हीं-मुन्नी रचनाओं को स्थान देने के लिए हृदय से आभारी हूँ।