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रविवार, 6 अक्तूबर 2019

1542..आपस की बातों को, बातों तक ही रहने दो

सादर अभिवादन
मातारानी कुशलता बनाए रखें
आज भाई कुलदीप जी बाहर हैं
सो आज हम...

चलिए रचनाओं की ओर चलें..

तुम मेरे मन के दर्पण हो
तुझमें ही मेरा अक्स घुला
झील के ठहरे पानी में
चाँद का प्रतिबिंब हो तुम


Tumhe pana chahta hu
वही बातें वही रातें
चंद मुलाक़ातें
फिर से लाना चाहता हूँ
तुम्हें ढूँढना चाहता हूँ
तुम्हें पाना चाहता हूँ।


आपस की बातों को 
बातों तक ही रहने दो
जो भी छिपा है दिल में
उजागर ना करो
नाकाम मोहब्बत को
परदे में ही रहने दो |
वक्त के साथ बहुत
आगे निकल गये हैं


वे मंदिर में गुड़हल के फूलों की अर्थी सदियों से चढ़ाते आये हैं .. चढ़ाएंगे .. पर फायदेमंद होने के बाद भी उसकी चटनी नहीं खायेंगे ...
ले ये पचास रुपया ... कुल एक सौ पचहत्तर रूपये हो गए उधार ... जब हो सुविधा से लौटा देना । अब जाओ शाम काफी हो गई है ... बच्चे घर पर तुम्हारा और तुम्हारी ले गई सब्जी का इंतज़ार कर रहे होंगे "
"हाँ दीदी ! जा रही। .. हाय री ! ... उड़ुल की चटनी ..."
-दोनों एक साथ ठहाके लगा कर हंस पड़ती हैं।



जैसा कि कायस्थ परिवारों में श्रीवास्तव और वर्मा सरनेम लगता है उसी के अनुसार उनका नाम लाल बहादुर वर्मा रखा गया था। शास्त्री जी शुरू से ही जात-पात, ऊँच-नीच, छुआ-छूत जैसी प्रथाओं के विरोधी रहे थे। समय के साथ जब उन्हें गांधी जी के नेतृत्व में काम करने का अवसर मिला तो उनके विचार और भी परिपक़्व हो गए। उन दिनों काशी विद्यापीठ में ग्रैजुएट डिग्री के बतौर शास्त्री टाइटल मिलता था। चूँकि शास्त्री जी ने यह उपाधि हासिल की हुई थी सो उन्होंने अपने उपनाम वर्मा को हटा कर शास्त्री जोड़ लिया, तबसे वे  लाल बहादुर शास्त्री के नाम से ही जाने और माने जाने लगे..........!
आज बस
कल आएँगी श्वेता एक नया अंक लेकर
सादर..


10 टिप्‍पणियां:

  1. भा गई आज की प्रस्तुति..
    शानदार रचनाएँ..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. सस्नेहाशीष व असीम शुभकामनाएं संग शुभ दिवस छोटी बहना
    सराहनीय प्रस्तुतीकरण

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत अच्छी रचनाओं के लिंक्स प्रकाशित किये गये हैं.
    हलचल हमेशां पांच ही चुनिदा लिंक्स के लिए बनी थी.. इसी बात पर खरी उतरती आज का ये अंक है.

    ब्लॉग पर नये ब्लोगर्स को ऐसे ही मंच की तलाश रहती है लेकिन वो ऐसे मंच से अछूता रहकर ब्लॉग से बोर होकर ब्लॉग ही छोड़ देता है. हमारा ये कर्तव्य बनता है कि अच्छे लेखकों को हम ब्लॉग पर बनाएं रखें. इसी संदर्भ में मैं आप सभी से नये ब्लोगर से परिचित करवाना चाहता हूँ नये ब्लोगर को आपके उत्साहवर्धन की जरूरत है प्लीज् पधारें, नये ब्लोगर से मिलें- अश्विनी: परिचय (न्यू ब्लोगर) 

    जवाब देंहटाएं
  4. सुंदर संकलन।मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार यशोदा जी।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर प्रस्तुति,
    सभी लिंक शानदार,
    सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  6. शानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...।

    जवाब देंहटाएं

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