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बुधवार, 17 अप्रैल 2019

1370..हर इक बार उगा है सूरज नए नए आश्वासन लेकर ..





।।भोर वंदन।।


बढ़ी जा रही जिस तरह से अरुणिमा
है लगता कहीं पर हवन हो रहा है
मधुर मुक्त आभा, सुगंधित पवन है
नये दिन का कैसा सृजन हो रहा है।
प्रभाकर शुक्ला



चुनाव की सरगर्मियों दोपहर की गर्मियों के दर्मियान आनंद ले निम्न लिंकों पर..✍
🔅🔅




ओ मेरे आवारा मन चल  धूप से उठ के दूर कहीं पर 
इसमें शेष उजास नहीं है केवल है अंधियारा  बाक़ी



हर इक बार उगा है सूरज नए नए आश्वासन लेकर 
ओढ़ सकेंगी नई सुबह में, सिर पर कलियाँ शाल सुनहरी 

🔅🔅


ब्लॉग छान्दसिक अनुगायन से..



फिर एक
महाभारत होगा
दुर्योधन खुलकर बोल रहा ।
द्रौपदी हो
गयी अपमानित
कौरव सिंहासन डोल रहा




अपनी तपन से तपा
अपनी गति से थका
लेने विश्राम ,शीतलता
देखो भास्कर उतरा
सिन्धु प्रांगण में
करने आलोल किलोल ,
सारी सुनहरी छटा


🔅🔅



75 दिनों में ही 80 गौवंश की हो चुकी है यहाँ मृत्यु
***************************
    मीरजापुर । प्रदेश सरकार के फरमान पर यहाँ नगर में जब गौशाला खुला तो हमने सोचा था कि सड़कों और गलियों में भटकने वाले छुट्टा पशु कहलाने से हमें मुक्ति मिलेगी। इससे पूर्व वर्षों से हम जब कभी पेट की अग्नि को शांत करने की विवशता में मुकेरी बाजार, गुड़हट्टी, गनेशगंज और घंटाघर की सब्जी और गल्ला मंडी में किसी की दुकान अथवा..


🔅🔅


लड़का होकर रोता है  ? या लड़के रोते नहीं। जैसी सीख हमारे परिवेश में आम है | परिवार, रिश्तेदार, दोस्त यहाँ तक कि अभिभावक भी, बेटों को यही सिखाते हैं कि लड़के रोते नहीं |  इतना ही नहीं फिल्मों और टीवी सीरियलों में यह वाक्य आम है |  ऐसे में जब घरेलू हिंसा के आंकड़े सामने आते हैं तो लगता है कि लड़के रुलाते नहीं यह..


🔅🔅



हम बादल थे 
बरस गये 
पर 
जमीन सूखी रह गई 
तेरे समान के तह में 
दुनिया जहान सब था 
शरीर कुछ भी ना था ..

🔅🔅
हम-क़दम का नया विषय

यहाँ देखिए

।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍


10 टिप्‍पणियां:

  1. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  2. सबको एक समान नजर से देखने वाले भगवान महावीर, जो अहिंसा और अपरिग्रह के साक्षात मूर्ति थें । उनकी जयंती पर सभी को शुभकामनाएँ।
    इस सम्बंध में मैंने भी कल एक लेख " जियो और जीने दो " पोस्ट किया है।
    गौवंश की पीड़ा को अपने ब्लॉग पर स्थान देने के लिए हृदय से आभार आपका पम्मी जी।
    आज ब्लॉग पर कविताओं के अतिरिक्त भी बहुत कुछ है।
    प्रणाम सभी को।

    जवाब देंहटाएं
  3. व्वाहहहह
    बेमिसाल प्रस्तुति
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर रचनाओं से सजा सराहनीय अंक है आज का पम्मी जी..सुंदर प्रस्तुति..👌

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर रूप में सजाई है पंक्तियाँ।सादर

    जवाब देंहटाएं
  6. शानदार प्रस्तुति करण उम्दा पठनीय लिंक संकलन...

    जवाब देंहटाएं
  7. खूबसूरत रचनाओं का संगम और प्रस्तुति हमेशा की तरह रसमयी। सादर आभार।

    जवाब देंहटाएं

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