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रवींद्र जी की अनुपस्थिति का
लाभ उठाते हुये
हमने सोचा आज आप सब को
सखी रेणु बाला जी से मिलवाकर
उनकी
पसंद की रचनाएँ
पढ़वाते हैंं-
★★★
रेणु जी उस भारतीय नारी का प्रतिनिधित्व करती है, जो बेटी,पत्नी, बहू, भाभी, माँ और अन्य सामाजिक
रिश्तों को प्रेम एवं समर्पण से
सींचती हैं। मर्यादा और
गरिमा से बँधकर,
अपने सारे दायित्व निभाकर खुश है
परंतु
अपने अस्तित्व की पहचान
बनाने में सक्षम भी है।
रेणु जी की बोलती क़लम
ब्लॉग जगत में अपनी पहचान रखती है।
सुंदर शब्द-शिल्प और भावनाओं में पगी
उनकी रचनाएँ पाठक के मन को बाँध लेती है ।
एक बहुत अच्छी पाठिका है रेणु जी, किसी भी रचनाकार की रचना को सहज आत्मसात कर
उसपर आत्मीय और सारगर्भित विवेचना करना
एक ऐसा गुण है जो उन्हें सामान्य से विशेष बनाता है।
गद्य और पद्य पर समान अधिकार रखती है
रेणु जी
तो चलिए अब विलंब न करते हुये
हमसभी आनंद लेते हैं उनकी पसंद की कुछ
रचनाओं की-
★★★★
गया कर्ज का मारा रघुआ बेचारा
भावना तिवारी का नवगीत पढ़कर मेरे रौंगटे खड़े हो गये थे |
मैं इस नवगीत को सभ्यता के शिखर पर बैठे राष्ट्र की विपन्नता
से जूझते धरतीपुत्र का शोकगीत कहती हूँ | सत्ताएं बदली ,
सत्ताधारी बदले लेकिन नहीं बदला तो कथित रघुवा का नसीब !
यह नवगीत जबसे पढ़ा मेरी स्मृतियों से कभी ओझल ना हो सका |
जवाब देंहटाएंआज तो रेणु दी और उनकी मनपसंद कि रचनाएँ ही ब्लॉग पर छाई हुई हैं।
दी से मेरा परिचय ब्लॉग जगत पर तब हुआ ,जब उन्हें लगा कि यह व्याकुल भाई कौन आ गया, फिर उन्होंने मेरे ब्लॉग को निखारने एवं संवारने का काम किया। उस समय उनके अतिरिक्त और किसी की टिप्पणी नहीं आती थी। उन्होंने मुझे भाई का एक विशेष स्नेह दिया। अब तो हमदोनों में खूब बातें भी होती है। मैं ब्लॉग पर तभी कुछ पोस्ट करता हूँ, जब वे पढ़ लें, क्यों कि मेरे अधिकांश पोस्ट सकारात्मक नहीं होते हैं। वे उन्हें एक अच्छी पाठिका की तरह पढ़ती हैं और एक विशेषता है , उनमें उनकी लेखनी रात में तब सक्रिय होती है, जब हम शयनकक्ष में होते हैं। वे रात्रि 10 से 12 के मध्य लेखन करती हैं, क्यों कि वे एक गृहिणी हैं और परिवार का दायित्व है। इस तरह से उनका लेखन आसान नहीं है, फिर में साहित्य जगत में उनकी अभिरुचि है।
उनकी रचना भावपूर्ण होती है,वे कुछ भी लिख कर धड़ाधड़ पोस्ट करने के दौड़ से स्वयं को बाहर रखती हैं । वे अपना अधिकांश समय हम जैसे नये लोगों के ब्लॉग पर जा , उन्हें प्रोत्साहित करने में देती हैं।
अतः यशोदा दी एवं श्वेता जी को हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ कि आज उन्होंने अपने ब्लॉग पर उस शख्स को प्रस्तुत किया है, जो ब्लॉग जगत में परिचय का मोहताज नहीं है।
सभी को प्रणाम।
बहुत ही सराहनीय संकलन प्रिय रेणु के द्वारा |
जवाब देंहटाएंलाजबाब रचनाएँ 👌
प्रिय रेणु दी आप की सराहना की जाए वही कम है, आप का स्वभाव तो बहुत अच्छा है ही, साथ ही सभी को साथ लेकर चलने की आप की भावना सभी से अलग बनाती है आप को, आप के लेखन की क्या तारीफ़ करू वो तो है ही क़ाबिले तारीफ़, आप का स्नेह और सान्निध्य हमें यूँ ही मिलता रहे |
आप को ढेरों शुभकामनायें और बहुत सारा स्नेह 🌷🌷🌷🌷
सादर
मन गदगद हो गया मिलकर
जवाब देंहटाएंलेखनी अनवरत चलती रहे
उम्दा प्रस्तुतीकरण
ऊची पसंद
जवाब देंहटाएंऔर पसंद के साथ
रचना की विशेषता
व्वाहहहहह..
सादर...
आज मेरी पसंदीदा रचनाकार आदरणीया रेणु जी के बारे में चर्चा पढकर मन प्रफुल्लित हो उठा। उनकी रचनाएं जीवन का आईना होती हैं । उनके सुखद भविष्य की कामना है।
जवाब देंहटाएंशब्दों की सरलता,भावाभिव्यन्जक तरलता, शिल्प की शालीनता और अभिव्यक्ति के अविरल प्रवाह से अपनी रचनाओं को सींचती और पाठको को रिझाती रेणुजी एक सजग पाठक से और आगे बढकर एक निश्छल किन्तु अति सतर्क समीक्षक हैं. आज एक सफल चर्चाकार के रूप में भी उन्होंने अपनी सशक्त उपस्थिति की दुन्दुभी बजा दी है. उनके संकलन में उनकी साहित्य-साधना की परिपक्वता स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है. इतने सुन्दर संकलन की बधाई और ऐसी प्रतिभा से साक्षात्कार हेतु यशोदा जी का विशेष आभार!!!
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ रेणु बहन
जवाब देंहटाएंभाई विश्वमोहन जी ने आपको चर्चाकार बना दिया
बस, अब आप ट्रेनिंग ले ही लीजिए सखी श्वेता से
और बन जाइए चर्चाकार...
बढ़िया पसंद है आपकी
साधुवाद...
सादर
आदरणीय दीदी -- आपके स्नेह से अभिभूत हूँ | अभी थोड़ी व्यस्तताएं बनी हुई हैं पर निकट भविष्य में जरुर कोशिश करूंगी | आपकी उदारता और स्नेह अनमोल है मेरे लिए |सादर सप्रेम आभार और शुक्रिया |
हटाएंआपकी रचनाएँ अंतर्मन से एक नये वैचारिक सदभावना का परिचय देती है...
हटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंप्रिय सखी रेनू जी ,परिचय की मोहताज़ नहीं है। कलम की धनी होने के साथ -साथ एक बहुत ही अच्छी पाठक भी हैं और आज एक चर्चाकार के रूप में भी छा गई हैं ।
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुतीकरण
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाओं से सजी हुई सुंदर प्रस्तुति हार्दिक शुभकामनाएं रेणु बहन
जवाब देंहटाएंप्रिय रेणु बहन के बारे में बहुत सुंदर भावों भरी भुमिका। वैसे वे एक बहुआयामी व्यक्तित्व की धनी मृदु भाषी और सब को अपना बना ले एक ऐसी शख्सियत हैं। उनसे कभी न मिल कर भी बहुदा लगता है बहुत बार मिल चुकि हूं । वे जब भी किसी रचना या रचनाकार पर टिप्पणी करती हैं तो पुरी रचना को आत्मसात करती हैं फिर कुछ लिखती हैं हमेशा उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहता है ।उनकी प्रशंसा में जितना लिखो कम है हर फन-मौला हर साहित्य की धारा पर समानाधिकार और एक बहुत अच्छी और प्यारी इंसान
जवाब देंहटाएंउनके द्वारा पसंद की गई सभी रचनाओं पर उनकी व्यक्तिगत व्याख्या हर रचना को और प्रखर निखार दे रहा है। बहुत सुंदर प्रस्तुति और उस में अपनी रचना देख आश्चर्य मिश्रित खुशी हो रही है बहुत बहुत स्नेह आभार रेणु बहन । सभी रचनाएं शानदार सभी रचनाकारों को बधाई।
वाह। बहुत सुन्दर। रेणू जी के चयनित सूत्र काबिले तारीफ हैं। शुभकामनाएं रेणू जी के लिये।
जवाब देंहटाएंप्रिय दी,
जवाब देंहटाएंआपके लिए और क्या लिखें कुछ सूझ ही नहीं रहा...
दी बस मेरी हार्दिक बधाई और अशेष शुभकामनाओं को स्वीकार कीजिए..सस्नेह।
माता शारदा की कृपा और आशीष सदा आपपर बनी रहे यही कामना करते है दी..खूब यशस्वी हों...।
आपके विशाल हृदय में मुझे भी स्थान देने के लिए हृदयतल से आभारी हूँ। स्नेह बनाये रखिये दी।
आदरणीय यशोदा दीदी -- आज जो पांच लिंकों के मंच पर जो मुझे अनमोल अवसर प्रदान किया गया उसके लिए आभारी रहूंगी | जब मेरे स्नेही सहयोगियों और पाठक वृन्द ने लिंक सराहे तो बहुत संतोष हुआ |हालाँकि हर रचना अपने आप में विशिष्ट है | रचनाकार अपनी हर रचना में अपने भाव जीजान से पिरोता है |और हमें एक पाठक के तौर पर कोई अधिकार नहीं कि उसे कम या ज्यादा आंकें |पर कुछ रचनाएँ ऐसी जरुर होती हैं जो भीतर हमेशा के लिए बस जाती हैं | मुझे आज अवसर दिया गया तो मैंने ऐसी ही रचनाओं को चुना जो मुझे कभी भूलती नहीं | ब्लॉग जगत से जुड़कर आभास हुआ कि ये दुनिया भले आभासी कही जाती है पर इसका अपना बहुत महत्व है | ये जीवन में बिना किसी व्यर्थ की आशाओं से दूर एक स्वस्थ सांस्कृतिक और साहित्यिक मंच है जहाँ हर रचनाकार एक दूसरे से कुछ ना कुछ सीख रहा है | इसके साथ सभी रचनाकार एक दूसरे से सामाजिक सांस्कृतिक और महत्व के विषयों से परिचित हो रहे हैं | आज मेरे सभी स्नेहियों ने आकर मुझे विशेष होने का जो आभास करवाया मेरे लिए यादगार पल है | सभी को हृदयतल से आभार और नमन |कुछ रचनाओं के संयोजन में शामिल ना कर पाने का अफ़सोस रहा | प्रिय शशि भाई , आदरणीय भैया दिग्विजय जी - आदरनीय विभा दीदी , आदरणीय पुरुषोत्तम जी , आदरनीय विश्वमोहन जी , प्रिय कुसुम बहन , प्रिय अमित , प्रिय अनीता ,आदरणीय सुशील जी , प्रिय अनुराधा बहन , प्रिय संजय जी , पिय बहन शुभा जी और उन सभी पाठकों की -- जो किसी कारणवश आज उपस्थित नहीं हो पाए के साथ प्रिय श्वेता के अतुलनीय सहयोग की आभारी हूँ | सभी को पुनः आभार |
जवाब देंहटाएंप्रणाम दी
हटाएंप्रिय सखी रेणु जी की पसंदीदा रचनाएं कल से जब भी समय मिला पढी ...व्यस्तता के कारण कल यहाँ प्रतिक्रिया न दे पायी सभी रचनाएं एक से बढ़कर एक हैं रचनाओं पर रेणु जी की चर्चा बहुत ही काबिलेतारीफ है वाकई में आप एक सफल लेखिका के साथ सफलतम चर्चाकार के रूप में भी मुखरित हुई है ....ब्लॉग जगत मेंं अपने उत्कृष्ट लेखन सारगर्भित प्रतिक्रियाएं एवं सभी साथी लेखकों से आत्मीयतापूर्ण व्यवहार की परिचायक आप अपनी बहुआयामी प्रतिभा के कारण निरन्तर सफलता की ओर अग्रसर हैं माँ भगवती की कृपा आप पर हमेशा बनी रहे।हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंमुझे विश्वास था सुधा बहन आप जरूर आयें गी। 🙏🙏🙏🌹🌸🌺💐
हटाएंबेहद सुंदर संकलन आदरणीया रेणु जी सदा से मुझे प्रेरणा देती रही आपकी रचनाएं ह्र्दयतल को स्पर्श करती हैं और आपके प्रोत्साहना के शब्द मुझे सदा लेखन में नित आगे बढ़ने को उत्साहित करते रहे।नमन आदरणीया यशोदा जी का इतने सुंदर अंक के लिए ।
जवाब देंहटाएंप्रिय सुप्रिया, स्वागत और आभार। ☺🌺🌸🌼🌻🥀🌹🌹💐
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जवाब देंहटाएंvery nice short motivational quotes
जवाब देंहटाएंvery nice inspirational quotes after breakup
"very nice inspiration quotes about beauty-motivation456
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