निवेदन।


फ़ॉलोअर

गुरुवार, 18 अप्रैल 2019

1371....देख प्रकृति के रंग मन हरियाया...

सादर अभिवादन। 

बसंत गुज़र गया 
पतझड़ आ गया 
कोमल किसलय की छायी छाया 
देख प्रकृति के रंग मन हरियाया। 
-रवीन्द्र 

आइये अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलें- 


 à¤®à¥‡à¤°à¥€ फ़ोटो

"तुम जब चाहे मधु बरसाओ,
जिस पर चाहे मधु बरसाओ,     
जब तक चाहो तरसाओ,  
जिसको चाहो तरसाओ."
कानून हैं कागज के टुकड़े,
सब फाईलों में दब जाती हैं
लाचार, नहीं कुछ कर पाओगी.
मसली सी खुद को पाओगी




उतर ही जाता है उम्र का उबाल एक दिन,
जमीन बुला लेती है अंततः
बैठाती है गोद,
थपकियों में आती है मौत की नींद,
छूट जाते हैं चंद निशान
धागों की शक्ल में.....
बरगद हरियाता है,
हर पतझड़ दे बाद,
जीवन भी......



 कुछ सोच-विचारकर वह गाँव के हर घर के विषय में सोचता हुआ और उसके समझ में जो लोग वास्तव में बुद्धिजीवी हैं उन्हें इकट्ठा करता है और कहता है,"अपने गाँव के युवकों की स्थिति को देख रहे हो?"
  "हमलोग क्या कर सकते हैं?"
"आप ही लोग तो कर सकते हैं... , अब समय आ गया है कि बुद्धिजीवियों को पुनः राजनीति में आना चाहिए। *मतदान करने की प्रतिशत ज्यादा से ज्यादा हो।"*



सड़कों पर निकला है आज बड़ा हुजूम जवानों का पर
हौसला उन नन्हों में है जो अपने पिता को सलाम कर रहे थे


 

 हाँ तो  मै  घर  तक  जब  पहुंची  तब  दरवाज़ा  खोलने  में  दिक्कत  आई , चाभी  तो  वही  थी ... सही  थी तो  क्या  ताला  बदल  गया  है ? मेरी  नेम  प्लेट  कहाँ  है ... ये  एड्रेस  पहले  वाला  ही  है  क्या ? वो  मेरे  सब  पड़ोसी  क्या  हुए ? और  स्टाफ़ ? बगीचा  वही  है अलबत्ता  फूल  कुछ  कम  से लग  रहे  हैं .


हम-क़दम का नया विषय

यहाँ देखिए

आज बस यहीं तक 
फिर मिलेंगे अगले गुरूवार। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

10 टिप्‍पणियां:

  1. ड़कों पर निकला है आज बड़ा हुजूम जवानों का पर
    हौसला उन नन्हों में है जो अपने पिता को सलाम कर रहे थे
    व्वाहहहहह
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. तुम जब चाहे मधु बरसाओ,बरगद हरियाली है हर पतझड़ के बाद ,बुद्धिजीवियों को राजनीति में आना चाहिए,हौसला उन नन्हों में है जो पिता को सलाम कर रहे हैं।समाज की दिशा बदलने वाली पंक्तियाँ बेहतरीन व्याख्या।

    जवाब देंहटाएं
  3. शानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...

    जवाब देंहटाएं
  4. सहज सुंदर प्रस्तुति। बढ़िया रचनाएँ जो मन को भा गईं। सादर आभार।

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर बंध के साथ बहुत शानदार प्रस्तुति हर रचना लाजवाब सभी रचनाकारों को बधाई। सुंदर संकलन ।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...