सादर अभिवादन
कल फूल डे निकल गया
आज है कूल डे
एसी कूलर के साथ....
संक्षिप्त में आज चलते हैं रचनाओँ की ओर....
जोगन का है रूप धरा
जोगन तेरी कहलाऊँगी
और नहीं कुछ चाह है प्रियतम
भजन तेरे ही गाऊँगी
मन के मंदिर में मै अपने
मूरत तेरी सजाऊँगी
पश्चिमी देशों में एक अप्रैल को यह मूर्ख दिवस मनाने का प्रचलन
रहा हैं, चूकि हम भारतीय भी अंग्रेजों के गुलाम रहे हैं। अतः
उनकी संस्कृति, उनकी भाषा और उनका पहनाव भी हमारा हो
गया है। जो दो शब्द अंग्रेजी में बोल लेते हैं, वे जेंटलमैन समझे
जाते हैं। अभिभावक हिन्दी भाषा में साहित्य सृजन करते हैं,
परंतु उनके बच्चे अंग्रेजी माध्यम वाले विद्यालय में शिक्षा
ग्रहण करते हैं। यही कठोर सत्य है , हम भारतीयों का ?
प्रेम के कुछ दाग तन में रह गए
इसलिए हम अंजुमन में रह गए
सब तो डूबे चुस्कियों में और हम
नर्म सी तेरी छुवन में रह गए
चल दिए कुछ लोग रिश्ता तोड़ कर
कुछ निभाने की जतन में रह गए
कितनी सुन्दर! और दूसरी-
अरे रूपदर्शी! यह क्या है-
यह विरूप विद्रूप डरौना?
“मूर्तियाँ ही हैं दोनों
कहीं तेज़ तर्रार ज़िंदगी।
कहीं फूल का हार ज़िंदगी॥
कहीं बर्फ़ -सी ठंडक रखे।
कहीं सुर्ख़ अंगार ज़िंदगी॥
कहीं माथे की बिंदिया जैसी।
कहीं पायल-झंकार ज़िंदगी॥
बकवास
करने का
अपना मजा
और
अपना
एक
नशा होता है
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अब बारी है हम-क़दम की
पैंसठवां क़दम
विषय
चित्र
कोई उदाहरण नही
स्वतंत्र लेखन करना है आपको
अंतिम तिथिः 06 अप्रैल 2019
प्रकाशन तिथि ः 08 अप्रैल 2018
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सादर
यशोदा
जवाब देंहटाएंचल दिए कुछ लोग रिश्ता तोड़ कर
कुछ निभाने की जतन में रह गए..
सही कहा आपने , सुंदर अंक है आज का और विषय भी बढ़िया। पथिक के गुजरे "फूल डे "को स्थान देने के लिये यशोदा दी आपका हृदय से आभार, प्रणाम।
बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंकहीं माथे की बिंदिया जैसी।
कहीं पायल-झंकार ज़िंदगी॥
सादर..
बहुत बढ़िया प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन ।
जवाब देंहटाएंआज के संकलन में मेरी रचना को स्थान देने हेतु हार्दिक आभार ....
जवाब देंहटाएंसस्नेहाशीष संग शुभकामनाएं छोटी बहना
जवाब देंहटाएंमनमोहक संकलन
बहुत सुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं
जवाब देंहटाएंबेहतरीन संकलन आज की रचनाओं का ... उलूकिस्तान अच्छा लगा ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी ग़ज़ल को जगह देने के लिए ...
सुन्दर संकलन। आभार यशोदा जी उलूकिस्तान की खबर को जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसादर
शानदार प्रस्तुति... उम्दा लिंक संकलन..।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति ।
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