भाई कुलदीप जी आज नहीं हैं
सच मे आप परेशान हो जाएँगे
पसंदगी में एक रूपता पाकर..
तो...चलें छुट्टियों के माहोल को खुशनुमा बनाएँ...
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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शुभ प्रभात...
जवाब देंहटाएंइस पर लिखना
उस पर लिखना
लिखते लिखते
कुछ भी लिखना
लिखना और लिखते जाना
और नही थकना..
बेहतरीन..
सादर...
सस्नेहाशीष संग शुभकामनाएं छोटी बहना
जवाब देंहटाएंउम्दा संकलन
सभी रचनाएँ उम्दा। मेरी ग़ज़ल को शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंआपके पसंदीदा सूत्रों में स्थान देने के लिए हृदयतल से आभार । बहुत सुन्दर प्रस्तावना और बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रविवारीय हलचल में 'उलूक' के पन्ने को भी जगह देने के लिये आभार यशोदा जी।
जवाब देंहटाएंबढ़िया हलचल. मेरी कविता शामिल करने के लिए शुक्रिया.
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंइस पर लिखना
उस पर लिखना
लिखते लिखते
कुछ भी लिखना
बहुत कुछ ऐसे ही
लिखा जाता है
सच कहा आपने प्रबुद्ध जन बहुत कुछ लिख जाते हैं। जैसे रामनवमी पर्व पर पेरियार के विचारों को प्रमुखता देना।
विद्वान रावण इस लिये राम के समतुल्य नहीं है , क्यों कि उसमें दूसरे की सम्पत्ति और स्त्री ( माँ, बहन, पुत्री) के हरण की प्रवृत्ति थी।
वैसे मैं किसी अज्ञात ईश्वरीय शक्ति में विश्वास नहीं करता , फिर भी राम में मानवीय गुण तो थें ही और स्वभाविक है कि मनुष्य में रुप में हैं ,तो कुछ खामियाँ भी इंसान में होती ही हैं।
प्रणाम।
बहुत ही शानदार प्रस्तुति है यशोदा जी सब कुछ मनभावन सुंदर। एकरूपता कतई दिखाई नही दी ।
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंकों का चयन और सादगी के साथ प्रस्तुति, बधाई
सुंदर संयोजन
जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार हलचल प्रस्तुति दी
जवाब देंहटाएंसादर
शानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआदरणीय यशोदा दीदी -- सादर आभर इस विशेष प्रस्तुती में -- एक औरत जैसी अद्भुत रचना पढवाने के लिए | सभी की रचनाएँ विशेष और अनमोल हैं | सभी को हार्दिक शुभकामनायें |सादर आभार और शुभकामनायें |
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