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बुधवार, 3 अप्रैल 2019

1356..तू गा रे ! साँझ सकारे..



।।उषा स्वस्ति।।
जागो फिर एक बार!
प्यार जगाते हुए हारे सब तारे तुम्हें
अरुण-पंख तरुण-किरण
खड़ी खोलती है द्वार-
जागो फिर एक बार!
आँखें अलियों सी
किस मधु की गलियों 
बन्द कर पाँखें
पी रही हैं मधु मौन
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला 
भोर की सजल,सुरुचि विचारों के साथ लिंकों पे नज़र डालें..✍

🌾




उषा ने सुरमई शैया से

अपने सिंदूरी पांव उतारे
पायल छनकी
बिखरे सुनहरी किरणों के घुंघरू
फैल गये अम्बर में

🌾





ओ मांझी ! तेरे गीत बड़े प्यारे !

तू गा रे ! साँझ सकारे !!!
लहरों के मीत,गीतों में प्रीत,
तू गा रे ! साँझ सकारे !!!



मांझी, तू नदिया का साथी,

तू जाने वो क्या कहती !
कब इठलाती, कब मुस्काती,
कब उसकी आँखें भरती ।

🌾



चिल्लाकर मुहं खोल बे

खुल्म खुल्ला बोल बे
नेताओं की तोंद देखकर
पचका पेट टटोल बे
सुरा सुंदरी और सत्ता का
स्वाद चखो बकलोल बे..
🌾






तरसते दो जून

की रोटी को
धन और साधन की
कमी से जूझते
मैले- कुचैले
चीथड़ों में
जीवन के
अनमोल स्वप्न सजाते..



अपनी नई बहू को समझाते हुए
सासू माँ बोली!
देखो बेटी, पति परमेश्वर होता है!
अपने पति का कहना मानना ही
पत्नी का धर्म होता है!
सुनते ही बहू  तपाक से बोली,
नहीं माँजी!
अब ऐसा कहाँ होता है ?
अब पति परमेश्वर नहीं,..
🌾



ग़ज़ल से..



शिक्षा  नसीब होती, कहना जरूर आता
गर  धूर्तता  भी’ होती, छलना जरूर आता |


इस देश के सभी नेता झूठ पर टिके हैं 
गर देश प्रेम होता, हटना जरूर आता

🌾
हम-क़दम का नया विषय

यहाँ देखिए
आता
🌾

।।इति शम।।


13 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात...
    सुनते ही बहू तपाक से बोली,
    नहीं माँजी!
    अब ऐसा कहाँ होता है ?
    अब पति परमेश्वर नहीं,
    बाकी सब होता है!
    बेहतरीन प्रस्तुति..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. सुंदर व सार्थक संकलन। प्रस्तुतकर्ता को हार्दिक धन्यवाद। सभी रचनाकारों को बधाई। सादर।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर भूमिका के साथ बढ़िया रचनाओं का संकलन..बहुत अच्छी प्रस्तुति पम्मी जी।
    सभी रचनाएँ बहुत अच्छी है।

    जवाब देंहटाएं
  4. निराला जी की सुमधुर पंक्तियों से शुरू कर सुंदर लिंकों को पढ़वाने का ढेर सा आभार पम्मी जी।
    बहुत शानदार प्रस्तुति
    सभी रचनाकारों को बधाई।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया।

    जवाब देंहटाएं
  5. कविवर निराला जी अप्रतिम पंक्तियों के साथ सुन्दर प्रस्तुतीकरण। सरस रचनाओं का संकलन। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह बहुत सुंदर संयोजन
    शानदार भूमिका
    सभी रचनाकारों को बधाई
    मुझे सम्मलित करने का आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन..

    जवाब देंहटाएं
  8. आदरणीया पम्मी जी, बहुत सारा धन्यवाद मेरी रचना को यह गौरव देने हेतु। बहुत सुंदर प्रस्तुतिकरण। सादर, सस्नेह आभार।

    जवाब देंहटाएं

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