सादर अभिवादन।
बदलते मौसम में
आस्थाओं को बदलने का
दौर भी आता है
रुख़ करता है उस ओर अवसरवादी
जिस पाले में अधिक पाता है।
आज विश्व तम्बाकू निषेध दिवस है।
सरकारें तम्बाकू उत्पादों से टैक्स कमाती रहेंगीं
तम्बाकू सेवन करने वालों की जानें जाती रहेंगीं
नशे की लत उम्र घटाती रहेगी
स्वजनों को रह-रहकर सताती रहेगी।
आइये अब आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर चलें जहाँ हलचल से
रूबरू होते हैं हम ज़माने की -
मैं इश्क हूँ
मैं अमृता हूँ
मैं साहिर के होठों से लगी
उसके उंगलियों के बीच
जलता हुआ एहसास हूँ....
एक मुसाफिर अंजान डगर का
धुंधली सी भीगी सी राहें
ना कोई साथी ना ही कारवां ।
"जोदी तोर डाक सुने केउ ना आसे
तोबे ऐकला चोलो रे"
मन का कोलाहल
प्रखर हो जाता है
मौन का बसेरा मन
जब पता है
गहरा समुद्र भी
कभी कभी मौन
हो जाता है
एकांकी हो कर भी
चाँद सभी का कहलाता है
लेखन का क्षेत्र अत्यंत विस्तृत है,उतने ही विस्तृत है हमारे विचार,उतनी ही विस्तृत है हमारी भावनायें और इन सबका कारण है-हमारे आसपास फैला,सामाजिक ताने-बाने से बुना ये विस्तृत संसार।'अपने विचारों और भावनाओ के सहयोग से विभिन्न सामाजिक परिस्थितियों और घटनाओं को गहरायी से...
सवाल करना बेकार है,
हमारा ही आदमी है,
हमारी ही व्यवस्था है,
जो कोई देखे सुने
वो गूंगा, बहरा अँधा है,
मुंह पर चुप रहने की सिलिप लगाओ,
व्यवस्था को कोसने से बाज आओ,
जंहा जाओगे यही हाल मिलेगा
कर्मचारी ग़ायब, शिकायतों का अंबार मिलेगा।
और अब चलते-चलते आनन्द लीजिये आदरणीय राही जी की छायाचित्रण कला और पक्षी ज्ञान शृंखला का -
कौवा , जिसे भारतीय, ग्रेनेक्ड, सिलोन या कोलंबो क्रो के नाम से भी जाना जाता है, जो एशियाई मूल की कौवा परिवार का एक आम पक्षी है, लेकिन शिपिंग की सहायता से अब दुनिया के कई हिस्सों में पाया जाता है।
आज के लिये बस इतना ही।
मिलते हैं फिर अगले गुरूवार।
कल अपनी प्रस्तुति के साथ आ रही हैं आदरणीया श्वेता सिन्हा जी।
रवीन्द्र सिंह यादव
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ चुस्त-दुरुस्त है
आभार
शुभकामनाएँ
सादर
उत्कृष्ट संकलन।मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति। अच्छी रचनाएं पढ़ने को मिलीं। विविधता से भरी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार।
सादर
बहुत सुन्दर हलचल।
जवाब देंहटाएंउपयोगी भुमिका एक तरफ विनाश दुसरी और बरसता अर्थ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक का चयन मेरी रचना को चुनने के लिये हार्दिक आभार। सभी रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंगये कल के लिये कसक, हिंदी ब्लॉगरों ने कल "हिंदी पत्रकारिता दिवस" पर कुछ भी प्रस्तुति नही दी।
सादर।
रवींद्र जी, आभार, सुन्दर प्रस्तुति, इस चर्चा में सम्मलित सभी रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत प्रस्तुति रविन्द्र जी ..सभी चयनित रचनाकारों को हार्दिक अभिनंदन । रही बात तम्बाकू निषेध दिवस की ,तो एक दिवस के निषेध से क्या होगा ....इस विषय से संम्बन्धित विज्ञापनों में भी ..साथ में बहुत छोटेअक्षरों में लिखा जाता है"तम्बाकू सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है"....।
जवाब देंहटाएंतम्बाकू निषेध दिवस और उन पर कोई काव्य नहीं ....कमी खल गई ..शेष सुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंकल शाम और आज सुबह नशा को ना कहें नारा लगाते लगाते यहाँ आई तो अच्छा लगा अपने विचारों का समर्थन देख
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक संकलन....लाजवाब प्रस्तुतिकरण...
जवाब देंहटाएंखूबसूरत लिंक संयोजन !! बहुत सुंदर आदरणीय ।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार ।
सार्थक भूमिका और जानदार संकलन!!!
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