कुछ लिखने जैसा है ही नहीं
हालात सिखाते हैं, बातें
सुनना और सहना !!
वरना....
हर श़ख़्श फ़ितरत से
बादशाह होता है।।
चलिए चलें लिंक की तरफ़...
राकेश भाई की सुन्दर त्रिपदी...
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यही दस्तूर है जीवन का....राकेश श्रीवास्तव
जो मैंने चाहा ना मिला तो क्या हुआ,
जो तुमने चाहा मिल गया तो क्या हुआ,
नई चाह है अब हम दोनों के पास, यही दस्तूर है जीवन का।
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फूल खिलने पर तुम खुश होते हो,
उसके मुरझाने पर तुम रोते हो,
कुछ भी करो बस चलते रहो , यही दस्तूर है जीवन का।
क्या हो तुम....पुरुषोत्तम सिन्हा
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क्यूं मैं हूं, इक तुम्हारे ही आस में?
कभी कुछ पल जो आओ अंकपाश में,
बना लूं वो ही लम्हा खास मैं,
भूल जाऊँ मैं खुद को, कुछ पल तुम्हारे साथ में...
छांव-छांव कहाँ चलता है कोई ...रश्मि शर्मा
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अपने हिस्से का रो लिया
चुप के,छुप के
समझा लिया ख़ुद को
कि कहावतें यूँ ही नहीं बनती
जीवन का अनुभव होता है इनमें
समझते थे
जो दिल में रहते हैं
वो कहीं भी रहे, दूर नहीं होते
बेबस हुआ सुकून....शशि पुरवार
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जंगल कटते ही रहे, सूख गए तालाब
बंजर होते खेत में, ठूँठ खड़े सैलाब
जीवन यह अनमोल है, भरो प्रेम का रंग
छोटे छोटे पल यहाँ, बिखरे मोती चंग
शब्दों का गंगाजल....सुप्रिया पाण्डेय
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शब्दों से हंस लेती हूँ,
शब्दों का अश्क़ बना
दुख बनकर बह लेती हूं
शब्दों से सजती
शब्दों में संवरती हूँ,
एहसास का बवंडर.....श्वेता सिन्हा
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प्यासी ज़मी में दिल की बरसो न बनके बादल।
ग़म धूप की तपन से धड़कन हुई है बंजर ।।
वीरानियों में महके सूखे हुए जो गुल है।
ख़ामोशियों में चीख़ेे एहसास के बवंडर।।
आज बस यहीं तक
आज्ञा लेते हैं
दिग्विजय ..
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाओँ का संकलन
मातृदिवस पर शुभकामनाएँ
सादर
उम्दा लिंक्स चयन अति सुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंमातृदिवस की शुभकामनाओं के संग हार्दिक बधाई
माँ पर रचना🤔
बहुत सुन्दर संकलन.मातृदिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंवाह!!सभी रचनाएँ एक से बढकर एक ...! मातृ.दिवस की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत रचनाओं का संकलन। सादर बधाई इस बेहतरीन अंक के लिए।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन है सर।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने का हृदय से अति आभार आपका।
सादर।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत रचनाओं का संकलन. सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवम् शुभकामनाएँँ।
जवाब देंहटाएंआभार
सुंदर संकलन। मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंदिग्विजय जी, आभार, सुन्दर प्रस्तुति, इस चर्चा में सम्मलित सभी रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही सुंदर प्रस्तुति सादर।
जवाब देंहटाएंsundar charcha hamen shamil karne hetu dil se dhnyavad
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