इन खेलों के बिना अधूरी लगती होगी ।
गिल्ली-डंडा, कंचे ,खो -खो,
चौथी सालगिरह है। सालगिरह बधाई देने का दिन होता है। मैं कोई राजनीतिक व्यक्ति
नहीं हूं , न किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित , न किसी गिरोह का सदस्य कि आरोप
प्रत्यारोप और पूर्वाग्रह की बात करूं।
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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शुभ प्रभात सखी
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
साधुवाद
आभार
सादर
सस्नेहाशीष संग शुभ दिवस
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़ियाँ प्रस्तुतीकरण
बचपन को आंखों के सामने ला खडा किया जब कहा इतनी गर्मी लगती थी बस मां दादी के डर से झूठ मूठ दोपहरी मे सोने का बहाना होता या उनके सोते ही खिसक जाना बाद की डाड़ाट की भी कहां परवाह वो बिन दास दिन वो प्यारे से खेल वो प्यारा बचपन।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति पम्मी जी ।
सभी रचनाकारों को बधाई ।
सुंदर रचनाओं का चयन।
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह पम्मी जी वाह ....बेहतरीन msg संकलन
जवाब देंहटाएंवाह ! लाजवाब लिंक संयोजन ! बहुत सुंदर आदरणीया ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंआज यशोदा दी की सखी के सरोकार कुछ राजनीतिक भी रहे। सही बात, साहित्य समाज से अक्षुण्ण नहीं रह सकता। डगमगाते नेहरू को थमते दिनकर ने कहा था कि राजनीति जब लड़खड़ाती है तो साहित्य उसे थाम लेता है। ऐसा तभी जब साहित्य पूर्वाग्रहों से परे और दुराग्रहों से तटस्थ हो। आज देश में उच्च शिक्षा की स्थिति बहुत दयनीय है। पूंजीवाद सर चढ़ कर बोल रहा है। किसान बदहाल है। गरीब को अच्छी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं।
जवाब देंहटाएंबहुत सारे काम बाकी है।विकास के लिए प्रतिबद्ध सरकार यदि प्रशंसा की हकदार है तो उसकी अक्षमता निंदनीय भी उतनी ही। स्वस्थ लोकतंत्र में मजबूत विपक्ष की अपरिहार्य उपस्थिति को भी उतनी ही मजबूती से स्वीकारना अपेक्षित है।
बहुत सुंदर प्रस्तुति पम्मी जी। गर्मी की छुट्टी की छुपन छुपाई और गिल्ली डंडा याद दिलाने के लिए विशेष आभार!!!
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह!!बहुत ही खूबसूरत संकलन ...बचपन की ओर ले जाने के लिए शुक्रिया ।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंउत्क्रष्ट रचनाएँ
चढ़ते सियासी पारे के बीच एक समसामयिक प्रस्तुति लेकर आयी हैं आदरणीया पम्मी जी. विमर्श के लिये ज्वलंत मुद्दों की भरमार है अब. इस अंक में चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंबचपन की यादों में फिर से डुबकी लगा ली आज हम ने
जवाब देंहटाएंअतिसुन्दर प्रस्तुति पम्मी जी
बेहतरीन प्रस्तुतिकरण सुन्दर लिंक संयोजन..
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