आप उच्च महत्वाकांक्षी
ईर्ष्या व प्रतिस्पर्धा से दूर.....
जीवित स्वप्न !
चाँद के भी पार होंगे
घर कई !
देखता हूँ रात में
मंज़र कई
चाँदी के दरवाज़े
बुलायेंगे मुझे
ओ मुसाफ़िर ! देख ले
हलचल नई
मैं हूँ अधर्मी !
तैरती हैं झील में
वे ख़्वाब जो धूमिल हुए।
कुछ हुए थे रक्तरंजित
सड़कों पर बिखरे पड़े।
पैसा कमाने की धुन सवार है इन पर
अन्तरजाल पर कैसे कमाया जाए तलाशते रहते हैं
देखिए एक बानगी
whatsapp टिप्स और ट्रिक हिंदी मे
last sometime से मै बहुत busy था । इसलिए Blog पर कोई New Post नही लिख पाया । Friends आज whatsapp के लगभग 400 million से भी अधिक active users है । संदेश , video send ,mp3 file भेजने के लिए whatsapp Best messanger, Friends आज हम whatsapp की ऐसी tricks के बारे मे जानेगे जो every whatsapp user को पता होनी चाहिए ।
फ्री ब्लॉग कैसे बनाएं
Friends आप Google पर कुछ भी Search करते है तो Google उससे Related सभी page दिखाता है । आप सोच रहे होगे यह सब Google पर कौन लिखता है । दोस्तो Google पर सर्च करने पर जो Results आते है वो Blog या Website होते है । और अधिकतम Blog होते है ।
**********************
शब्दों की मुस्कुराहट
ये नाम है एक ब्लॉग का
जिसमें लिखते हैं हमारे
परमप्रिय संजय जी भास्कर
आप कहते हैं....
जिन्दगी के कुछ रंगों को
समेटकर
शब्दों से मुस्कुराहट
बाँटने की कोशिश :)
अपने विचारों में
खोया रहने वाला
एक संवेदनशील इन्सान
अभी पिछले महीने इनके विवाह की
सालगिरह थी..विलम्बित शुभ कामनाएँ
आज के ही दिन हम हुए थे एक कुछ खट्टी मीठी यादें
ढेर सारा प्यार लगता है
कल की ही बात है स्वर्ग में तय होते हैं रिश्ते
सुना है ऐसा सब कहते हैं,
........ बदलाव :)
घर से दफ्तर के लिए
निकलते समय रोज छूट
जाता है मेरा लांच बॉक्स और साथ ही
रह जाती है मेरी घड़ी
ये रोज होता हो मेरे साथ और
मुझे लौटना पड़ता है उस गली के
मोड़ से
अब अवलोकन करते हैं
हमारे अतिथि चर्चाकारों की कुछ रचनाएँ
हमारे ब्लॉग के छःसौवीं प्रस्तुति के अतिथि
आदरणीय डॉ. सुशील जी जोशी
........................
जय हो जय हो जय हो
सब की जय हो
एक हजारवीं
पोस्ट है
जय जय हो
दोस्तों की
जय हो
दुश्मनों की
जय हो
काम की बात
करने में ही
होती हैं बस
कठिनाईयाँ
कुछ लोग
बहुत अच्छा
लिखते हैं
पढ़ते ही
बज उठती
है चारों तरफ
शहनाईयाँ
पण्डित रूपचन्द्र जी शास्त्री जी ने
हमें गौरन्वावित किया था
650 वीं प्रस्तुति देकर
पहरेदारी करते-करते सुबह हुई
सुख आये थे संग में रहने.
डाँट-डपट कर भगा दिया,
जाने अनजाने में हमने,
घर में ताला लगा लिया,
"देखो मैंने चित्र बनाया"
ब्लैकबोर्ड पर श्वेत चॉक से,
देखो मैंने चित्र बनाया।
अपने कोमल अनुभावों से,
मैंने इसको खूब सजाया।।
हमारे ब्लॉग के 700 वीं प्रस्तुति के अतिथि चर्चाकार थे
आदरणीय राकेश कुमार जी श्रीवास्तव
उनके ब्लाग में भी गए थे हम
खुशी का मन्त्र
खुशियाँ फैली यहाँ चारो ओर,
मन क्यों भागता है दुःख की ओर,
जीने का मज़ा तभी आएगा
जब मन देखेगा खुशी की ओर।
जीवन का सफ़र....
जीवन का सफ़र है ये प्यारे,
यहाँ पल-पल बदले नज़ारें.
कभी राह में, दुःख के काँटे मिले,
कभी राह आसां हो, सुख के सहारे.
.....................
आज के अंक में अपने अतीत का
अनुभव से हम स्वयं अवगत हुए
हम सम्मानित करते है अपने
पूर्व व अतिथि चर्चाकारों का
कल का अंक नियमित होगा
सादर
दिग्विजय
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंवजनदार प्रस्तुतिकरण
साधुवाद
सादर
शानदार प्रस्तुतीकरण
जवाब देंहटाएंपांच लिंको के आनंद के सुनहले सफर के रुपहले किरदारों की यादों की हलचल बड़ी मीठी लगी। बधाई! चरैवेति!!!
जवाब देंहटाएंलाजवाब प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंअरे वाह...बहुत बढ़िया रहा आज का अंक।
जवाब देंहटाएंमुझे मान देने के लिए धन्यवाद।
बहुत बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअप्रतिम सच मे 1000 वें अंक से पहले की बानगी सभी आधार स्तंभ रचनाकारों को पूर्ण सम्मान देती पुरानी श्वेत यादों का अभूतपूर्व संगम ।
जवाब देंहटाएंलाजवाब प्रस्तुति।
नमन
सभी स्थापित रचनाकारों को ।
1000वें अंक की प्रतीक्षा में उलूक के 1000वें के लिये आभार और 1000 शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुतिकरण लाजवाब यादों के साथ...
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन प्रस्तुति रचनाकारों को सम्मान देती.....शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंयादों की हलचल बहुत बढिया..
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
आभार।
बहुत सुंंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआदरणीय दिग्विजय जी --- आज के लिंकों की बेहतरीन प्रस्तुति मन को छु गयी और अतीत के बारे में बहुत कुछ बता गयी | बहुत अच्छा लगा सबके बारे में जानकार | प्रिय संजय भास्कर जी को उनकी शादी की सालगिरह के शुभावसर पर ढेरों शुभ कामनाएं | उनकी रचनाएँ यदा कदा पढती रहती हूँ | वे एक अच्छे रचनाकार के साथ बेहतरीन पाठक भी हैं | सभी रचनाएँ पढ़ी |सभी रचनाकारों को शुभकामनाये और आपको सुंदर लिंक संयोजन के लिए हार्दिक बधाई | हजारवें अंक का बेसब्री से इन्तजार है |
जवाब देंहटाएंदिग्विजय जी, आभार, यशोदा बहन का मैं शुक्रगुजार हूँ कि उन्होंने मुझे "पांच लिंकों का आनंद" के सफर में हमसफ़र बनने का मौका दिया और मुझे सदैव "पांच लिंकों का आनंद" के टीम से प्यार एवं सहयोग मिला। 1000 वें अंक के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा अंक।
जवाब देंहटाएं