||| सादर नमस्कार |||
आज 26 अप्रैल को विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस
(world intellectual property day) मनाया जाता है।
विश्व बौद्धिक संपदा संगठन के द्वारा 26 अप्रैल 2000 में यह घोषणा की गई।
"किसी व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा अपनी मस्तिष्क के उत्पादन के अनुसार
किया गया सृजन बौद्धिक संपदा कहलाती है।"
व्यक्ति को उनके बौद्धिक सृजन के परिप्रेक्ष्य में प्रदान किया जाने वाला
अधिकार बौद्धिक संपदा अधिकार कहलाता है।
इस दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य बौद्धिक संपदा के अधिकारों
(कॉपीराइट,पेटेंट,ट्रेडमार्क, औद्योगिक डिजायन इत्यादि) के संदर्भ में जागरुक करना है।
इस वर्ष इसका मुख्य विषय(Theme) है,
डिजिटल रचनात्मकता:संस्कृति की पुनर्कल्पना
Digital Creativity:Culture Re imagined)
आप भी अपनी बौद्धिक संपदा के प्रति जागरुक रहकर अपनी बौद्धिक संपत्ति का सदुपयोग कर सकते हैं।
तो चलिए अवलोकन करते है आपकी बौद्धिक संपदा का....
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आदरणीय विश्वमोहन जी की अद्भुत
शैली में लिखी
सारगर्भित,प्रेरक रचना का आस्वादन कीजिये
दह दहक दीया, दिल बाती का
तिल जले तेल, सूख छाती का।
समा हो खुद, बुझने को भुक भुक,
फिर, परवाने का मरना क्या!
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मिलिये एक बेहद प्रतिभाशाली, अद्भुत युवा कवि नवीन कुमार श्रोत्रिय जी से
जो हिंदी साहित्य की लुप्त होती लेखन विधायें दोहा,छंद,कहमुकरी इत्यादि में सिद्धहस्त तो है ही साथ
गीत,गज़ल,हायकु जैसी हर विधा में माँ शारदा का आशीष इन्हें प्राप्त है।
उनकी लिखी भाई-बहन के स्नेह में भीगी एक रचना
बचपन की यादों का दर्पण,तडप जगायें भारी
पलकें भारी हो जाती जब,आये याद तुम्हारी
रक्षाबंधन आया बहिना,राखी तेरी, गहना
ओ प्यारी बहिना,ओ मेरी बहिना..
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आदरणीया मीना भारद्वाज जी द्वारा रचित प्रकृति सौंदर्य हायकु के रुप में
बढ़ी आबादी
सिमटी कुदरत
चिन्ता जनक
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आदरणीय लोकेश जी की मन छूती अभिव्यक्ति
तन्हाई के जंगल में
भटकते हुए
याद का पल
जब भीग जाता है
अश्क़ों की बारिश में
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मानव मन के सूक्ष्म भावों को उकेरती आदरणीया मीना शर्मा जी की रचना
जो प्रीत का धागा कच्चा हो,
टूटेगा ही !
पर उस धागे का एक छोर
जब बँधा हृदय से रह जाए !
और दूजा छोर खोजने में,
हर साँस उलझ कर रह जाए !
तब मन तो, दुखता है ना ?
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हम-क़दम के सोलहवें क़दम
का विषय...
आदरणीय रवींद्र जी लेकर आयेंगे कल का अंक।
आज की प्रस्तुति कैसी लगी अवश्य बताइयेगा
आप सभी के उत्साहवर्धक प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा में
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंबौध्धिक सम्पदा दिवस
हमे तो याद भी नहीं है कि
एसा भी कोई दिवस होता है
नई जानकारी हेतु आभार
रचनाएँ भी सटीक चुनी आपने
सादर
सस्नेहाशीष संग असीम शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंहम और समृद्ध हो गए इस पोस्ट से
अच्छी प्रस्तुति। बौद्धिक संपदा के प्रति जागरूकता होना अच्छी बात परंतु जब आप की सम्पदा की किसी और के घर में दिखती है बड़ा क्षोभ होता है.... परन्तु आप उस स्थिति में कुछ नहीं कर सकते और कॉपी राइट एक्ट इतना उलझा हुआ है कि आम सर्जक उस तक पंहुच ही नहीं पाता।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ बेहद प्रभावशाली हैं। सभी रचनाकारों को बधाई।
सादर
सुप्रभात.
जवाब देंहटाएंविश्व बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस पर आदरणीया श्वेता जी की प्रस्तुति नवीनता और वैचारिक लिंकों का सुन्दर समावेश है. प्रस्तावना में दी गयी जानकारी उपयोगी व ज्ञानवर्धक है. इस अंक में चयनित सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनायें.
बौद्धिक संपदा के प्रति जागरुकता उत्पन्न करती ज्ञानवर्धक प्रस्तावना और सुन्दर लिंक संयोजन .
जवाब देंहटाएंएकदम नया शब्द और दिवस ....बौद्धिक दिवस ...
जवाब देंहटाएंना जाना ना सुना ना पहचाना शुक्रिया
सभी रचनायें उत्तम और सराहनीय ...नमन
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुतिकरण
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनायें
मेरी रचना को स्थान देने के लिए सादर आभार
सुंंदर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाएँ
बौद्धिक संपदा नई जानकारी.. बढिया
आभार।
पचरंगी लिंक्स !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन.....
जवाब देंहटाएंआज विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस है आज ही जाना मैने भी.....बहुत धन्यवाद एवं बधाइयां।
बौद्धिक संपदा से अनजान थी. जानकारी देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद श्वेता जी. सुंदर प्रस्तुति सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंवाह!!श्वेता ,बौद्धिक संपदा दिवस की जानकारी देने हेतु बहुत बहुत धन्यवाद ..बेहतरीन प्रस्तुति ..सभी लिंक शानदार ।
जवाब देंहटाएंप्रिय श्वेता -- आजके संकलन में बोद्धिक संपदा का जिक्र बहुत ही जानकारी भरा है |बौद्धिक संपदा की चोरी का जिक्र अक्सर सुना जाता है | ये दुखद है | किसी के मौलिक विचार या अन्यकलात्मक मौलिक सृजन ही उसकी बौद्धिक संपदा है |आजके दिन के महत्व से सचमुच मैं भी अपरिचित थी | अच्छी जानकारी दी आपने | नये कवि का हार्दिक स्वागत है | सभी रचनाकारों को पढ़ा | सभी रचनाएँ अच्छी लगी | आपको भी सस्नेह बधाई और शुभकामनायें |
जवाब देंहटाएंबौद्धिक संपदा ही सबसे बड़ी संपदा होती है। किसी की वाणी को, विचार को साझा करना तो ठीक है पर चुरा लेना और अपना बताना अपराध और पाप है। आज के अंक में चयनित रचनाकारों को बधाई। श्वेता जी को प्रभावशाली प्रस्तुति हेतु साधुवाद । मेरी रचना का चयन करने हेतु अत्यंत आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को अपने ब्लॉग पर स्थान प्रदान करने के लिए सभी सुधुजनों का हृदय तल से आभारी हूँ. : Naveen Shrotriya "Utkarsh"
जवाब देंहटाएंShrotriya Mansion Bayana
Http://NKutkarsh.blogspot.com