जैसे गंगा का जल
जैसे मां के हाथ की पकी खीर
जैसे जेठ की तपिस के बीच
होरहे का साथ.तन गया मन
पीत पुहुप कनेर के फले ऐ सखी इस मधुमास !
धवल भाल पर कर रही अब ‘रश्मि’ मधुहास !१!
‘बिरह-जोगिया’ छंद में मन रचे गीत मल्हार !
कच्ची अम्बियाँ संग अब सतवन के अभिसार
बिहार (संगठित)- पूर्वी उत्तर प्रदेश में जहाँ सतुआन मनावल जाला
ओही दिन बंगाल में में “पैला (पीला) बैसाख”
परब आ पंजाब में बैशाखी मनावल जाला ।
बंगाल आ पंजाब के नया साल एही दिन से शुरू होला ।
दक्खिन भारत में इ लोक-परब के नाम बिशु त आसाम में बिहू कहल जाला ।
कमोबेश भारत के हरेक जगहा इ लोक-परब मनावल जाला ।
सतुआन, सकरात, मेष संक्रांति, वैशाखी, पैला बैशाख, बिशु भा बिहू सभे के
मनवला के पाछे एके कारण बा – नया फसल के अईला के
आनंद मनावल आ आपन इष्ट देवता के धन्यवाद देवे के
सत्तू खाने की शास्त्रीय विधि है। खाने की ही नहीं बनाने की भी
विधि वैदिक काल से वर्णित है। सत्तू एक वैदिक भोजन है।
देवता हिमालय में रहते हैं इसलिए तिब्बत, चीन एवं
संपूर्ण उत्तरी भारत में सत्तू खाया जाता है।
सत्तू बनाना एवं खाना ज्ञानी लोगों का काम है -
वेद में कहा गया है -
सक्तुमिव तितउना पुनन्तो यत्र घीरा मनसा वाचमक्रत।
अत्रा सखायः सख्यानि जानते,भद्रैषा लक्ष्मीर्निहिताधिवाची।।
फिर मिलेंगे....
अब बारी है हम-क़दम की
हम-क़दमसभी के लिए एक खुला मंचआपका हम-क़दम चौदहवें क़दम की ओरइस सप्ताह का विषय है:::: डर :::::::: उदाहरण ::::यहाँ हर व्यक्ति है डर की कहानीबड़ी उलझी है अन्तर की कहानीशिलालेखों को पढ़ना सीख पहलेतभी समझेगा पत्थर की कहनी..........................................आप अपनी रचना आज शनिवार 14 अप्रैल 2018शाम 5 बजे तक भेज सकते हैं।
चुनी गयी श्रेष्ठ रचनाऐं आगामी
शुभ प्रभात दीदी
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनाएँ
सादर नमन
नव फसल के साथ ई नव वर्ष के सब कोई के शुभकामना ,विभा जी राउर के प्रस्तुती एकदम सत्तू जइसन ही सोंधा और स्वादपूर्ण बा..बहुत बहुत आभार शब्दों के रूप में अइसन निमन शुभकामना खातिर ..
जवाब देंहटाएंप्रणाम ..
वाह लाजवाब प्रस्तुति दी जी, राज्यों के नव वर्षो के साथ सत्तू परम्परा के बारे मे अवगत करवाती आज की प्रस्तुति बेहद भिन्न और आकर्षक ।
जवाब देंहटाएंनव वर्ष और फसल कटाई की हार्दिक शुभकामनाएं ।
वाह्ह्...दी सतुआनी....हमेशा की तरह लाज़बाब अंक। लोक परंपरा की सोंधी खुशबू बिखरेती हुई आज की प्रस्तुति के लिए आभार आपका दी।
जवाब देंहटाएंबंगाली नववर्ष पर शुभकामनाएं। सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंबंगाली नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
बहुत बढिया ..सत्तुआनी की हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंआभार
आज की प्रस्तुति हमारी संस्कृति को दर्शाती हैं
जवाब देंहटाएंअतिसुन्दर संकलन
आदरणीय दीदी -- हमेशा की तरह आज का ये नव रंग भी खूब भाया | नई जानकारी मिली | अजब हिन्दुस्तान गजब इसकी संस्कृति !!!! बहुत अच्छा लगा बांग्ला वर्ष की बेला के बारे में जानकर | रचनाएँ बहुत बेहतरीन और मधुर | सादर आभार और नमन के साथ बधाई |
जवाब देंहटाएंसतुआन पर बहुत कुछ लिखा और पढ़ा | आभार इस सुंदर प्रस्तुती के लिए आदरणीय विभा दीदी |
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