"आधुनिक हिंदी लघुकथा के एक सौ एक साधकों की विशिष्ट-सूची"
आगामी हिंदी-दिवस पर जारी की जानी है।
पत्र अथवा मेसेंजर के माध्यम से अपनी/अपने परीचित लघुकथाकारों विषयक जानकारी कृपया पांच सितंबर'17 से पूर्व उपलब्ध करवाकर सहयोग करें!
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अधिकाधिक प्रचारित करने पर आभारी होऊंगा। सादर।
संवाद के पूरा होने के लिए
दोनों पक्षों का पूर्ण वक्तव्य कतई जरुरी नहीं
कई दफा अपूर्ण संवाद भी
संवाद के पूरा होने का कारण बनती है
अपूर्णता संवाद को एक नया अर्थ प्रदान करती है
सुबह की फ्लाइट के लिए रात दो बजे प्रवेश की हिदायत दी गयी थी।
डेढ़ बजे रात 'कैब' का इंतजाम कर रवानगी करवा दी ।
उनके जाने के बाद शयन-शय्या पर पहुंचा ही था कि
कुछ देर के लिए बिजली गायब हो गयी साथ ही कॉर्ड-लेस भी सेंस-लेस हो गया।
बिजली आने पर कैब चालाक का फोन मिला कि आपका फोन नहीं लग रहा था
इधर मेरे नेट बंद होने की वजह से मेरा जी.पी.एस. काम नहीं कर रहा है !
अब आप इंतजार करेंगे या गाडी छोड़ना चाहेंगे ?
इतिहास कभी कायर का नहीं
तू ही धर्म है, तू ईमान है, मुझे देश रब के समान है
ये गुलाम तेरा मुरीद है, तू बुलंदियों का निशान है!
जहां स्वाभिमान की ख़ातिर सिर कटते हैं मगर झुकते ही नहीं !
जहां रणभेरी की सुन पुकार बढ़ चले क़दम रुकते ही नहीं !
ये लाजवाब, ये बेमिसाल, इनका न कोई भी सानी !
बयान
"न बचने की कगार पर है -
खेती योग्य जमीन
मृदा का उपजाऊपन
स्वच्छ हवा-जल और जीवन,
मौसम की उँगलियों में संतुलन का चाबुक नहीं बचा
शब्दकोषों में नहीं बचे रास आने वाले शब्द
संसद से गैरहाजिर है संसदीय आचरण"
दोहे
आदरणीय दीदी
जवाब देंहटाएंसादर नमन
एक अच्छी प्रस्तुति
सादर
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुन्दर!
जवाब देंहटाएंआदरणीया विभा दी,
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिंकों का संयोजन,मेरे लिए सारी लिंक अपठित थी।आभार आपका नयी रचनाएँ पढ़ने को मिली।
आदरणीया ,शुभप्रभात
जवाब देंहटाएंआज का अंक अच्छा लगा
संवाद, मैंने किया था प्यार ,रुखसाना ''शशांक मुकुट शेखर'',
इतिहास कभी कायर का नहीं ''डॉ.अभिज्ञात''
विशेषकर ,रचनाओं का चयन उम्दा ! शुभकामनाओं सहित ,आभार ''एकलव्य"
बहुत उम्दा रचनाएं
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन
नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआज का अंक किसी विशेषांक जैसा है।
आदरणीय विभा दीदी सादर नमन।
वैचारिक मंथन की सामग्री से समृद्ध इस अंक में एक से बढ़कर एक रचनाओं को आपने आदरणीय पाठकों के समक्ष पेश किया है।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं !
शीर्षक आकर्षक एवं विचारोत्तेजक है।
आभार सादर।
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति।
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