कभी -कभी कुछ बातें कहीं नहीं जाती और जब बात हो आज के पावन पर्व की तो हर रचना एक ही दुआ करती है अपने भाई के लिए कि भैया तुम जीवन में सबकुछ पाना जिसके तुम हक़दार हो और जब कभी दुःख में होना मुझे अवश्य याद करना। तेरी ये बहना हमेशा तेरे साथ खड़ी होगी !
भाई -बहन के इस प्यार भरे रिश्तों को
शब्दों में न कह पाऊँगा
बोलती रचनायें आपको अवश्य दिखाऊँगा !
सादर अभिवादन
दोहे "निश्छल पावन प्यार" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
राखी लेकर आ गयी, बहना बाबुल-द्वार।
भाई देते खुशी से, बहनों को उपहार।।
--
रक्षाबन्धन पर्व का, दिन है सबसे खास।
जिनके बहनें हैं नहीं, वो हैं आज उदास।।
मेरे घर न आना भैया
आदरणीय ''साधना वैद'' जी की एक
'कृति'
रक्षा बंधन का त्यौहार है
हर बहन का अपने भाई पर
अटूट विश्वास और
अकथनीय प्यार है !
श्रावण की पूनम
आदरणीय ''अनीता जी'' की एक रचना
भैय्या तेरी याद
आदरणीय 'श्वेता जी' की एक मधुर रचना
बचपन की वो सारी बातें
स्मृति पटल पर लोट गयी
तुम न आओगे सोच सोच
भरी पलकें आँसू घोंट गयी
भाई के लिए एक प्यारी कविता
आदरणीय ''अर्चना सक्सेना'' जी की एक
'कृति'
मटक-मटक के नाच दिखाता
सारे घर का दिल बहलाता
रीदी-रीदी कह कर मुझसे
मेरे पीछे भागा आता
कैसे ?.........
आदरणीय ''मीना शर्मा'' जी की एक हृदयस्पर्शी
'रचना'
जाने बदला क्यूँ रुख हवाओं का,
मिजाज़ रुत का भी है बदला सा !
प्यार का फलसफा सदियों से वही
वक्त के साथ हम बदलें कैसे ?
'लघु कथा'
राजा की बीमारी बढ़ती गई। सारे नगर में यह बात फैल गई।
तब एक बूढ़े ने राजा के पास आकर कहा, ''महाराज,
आपकी बीमारी का इलाज करने की मुझे आज्ञा दीजिए।
''राजा से अनुमति पाकर वह बोला,
''आप किसी सुखी मनुष्य का कुरता पहनिए,
अवश्य स्वस्थ हो जाएँगे।''
अंत में मेरी ''भावनायें''
भाई ध्रुव सिंह जी शुभ प्रभात...
जवाब देंहटाएंएक डोरी राखी की मेरी ओर से भी...
बेहतरीन प्रस्तुति..
आज का अग्रलेख
विषय बन गया चर्चा हेतु
सादर
सुंदर भावमय प्रस्तुति। शुभ प्रभात।।।।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात एवं सर्वप्रथम रक्षाबंधन के पावन अवसर पर सभी मित्रों व पाठकों को हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर एवं भावपूर्ण सूत्र आज की हलचल में ! मेरी प्रस्तुति को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से आभार एकलव्य जी !
सुन्दर प्रस्तुतिकरण.....
जवाब देंहटाएंउम्दा संकलन.....
रक्षा बंधन के पवित्र त्योहार की पाँच लिंकों के परिवार को एवं समस्त पाठकगण को हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर विविधतापूर्ण रंगों से सजी आज की प्रस्तुति,
अंत में बहुत सुंदर पंक्तियाँ।
मेरी रचना को मान देने के लिए आपका आभार ध्रुव जी।
ध्रुव सिंह जी बहुत सुंदर पाँच लिंकों का आनन्द
जवाब देंहटाएंऔर रक्षा बंधन की शुभकामनाएं
बहुत ही उम्दा संकलन
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर..
जवाब देंहटाएंविविधतापूर्ण रंगों से सजी आज की प्रस्तुति,
सार्थक चर्चा के साथ लिंक की लिपिबद्ध से विषय की सुंदरता बढ गया..
प्रेम के प्रतीक राखी के उत्सव की शुभकामनायें ! सुंदर सूत्रों से सजी हलचल ! आभार !
जवाब देंहटाएंप्रिय एकलव्य -- सुंदर रचनाओं से सजा आज का संयोजन स्नेह पर्व को समर्पित होने के कारण बहुत ही मिठास भरा है | सचमुच इस निर्लेप और निष्ठुर होते जाते समाज में ये पर्व अनोखी स्नेह भरी शीतल बयार जैसा है | भाई बहन के प्यार को समर्पित इस त्यौहार में निर्मलता है- शुचिता है -- आपकी बहन को समर्पित भावनाओं में भाई को समर्पित कुछ पंक्तियाँ लिख रही हूँ
जवाब देंहटाएंजग में हर वस्तु का मोल
पर मेरे भाई तुम हो अनमोल
लेकर राखी के दो तार
आऊँ स्नेह का पर्व मनाने ,
बचपन की गलियों में घूमूं-
देखूं पीहर तेरे बहाने ;
बहना चाहे प्यार तेरा बस -
ना मांगे राखी का मोल
जग में हर वस्तु का मोल
पर मेरे भाई तुम हो अनमोल !!
आपके साथ सभी को इस स्नेह पर्व पर हार्दिक बधाई और शुभ कामनाएं की भाई बहनों का प्यार बना रहे-------
आदरणीय ध्रुवजी, अंत में भाई बहन के प्रेम को समर्पित आपकी पंक्तियों ने दिल को छू लिया । बहुत सुंदर अंक रहा आज का,सभी रचनाएँ बेहतरीन । अपनी रचना के चुने जाने से सुखद आश्चर्य भी हुआ । सादर धन्यवाद स्वीकारें । सभी भाइयों बहनों को मेरी ओर से राखी के पावनपर्व की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबढ़िया संकलन |
जवाब देंहटाएंसार्थक और पठनीय प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआभार।