भाई कुलदीप जी किंकर्तव्य विमूढ़ से बैठे है...
नेट बाधित है... शुक्र है कि फोन चल रहा है
सादर
दुनिया में सबसे तेज धावक कौन...
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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आदरणीय दिग्विजय जी शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंदीदी दस दिनों की यात्रा पर हैं उनकी यात्रा
मंगलमय हो ! उनकी अनुपस्थिति में सारी
ज़िम्मेदारी आपके कंधों पर है जिसे आप
बख़ूबी निभा रहें हैं। आज का लिंक बहुत अच्छा लगा
एवं प्रारंभ के शब्द अतिरोचक
आभार।
"एकलव्य"
Nice links.
जवाब देंहटाएंAsha ji , A warm welcome in Halchal.
Nice to read you.
Thanks Digvijay ji
बहुत सुंदर लिंकों का चयन एवं अपठित रचनाकार को पढना अच्छा लगा। सराहनीय प्रस्तुति आदरणीय सर जी।
जवाब देंहटाएंआज की प्रस्तुति का अपना ख़ास महत्त्व है आदरणीय दिगंबर जी!
जवाब देंहटाएंआपका चयन सराहनीय और प्रेरक है।
सभी चयनित रचनाकारों को शुभकामनाऐं और बधाई।
आशा पांडे ओझा जी की रचना के साथ उनका स्वागत है।
आभार सादर।
भाई रवीन्द्र जी मैं दिगंबर नहीं हूँ
हटाएंमैं कपड़े पहनता हूँ..
आपकी प्रतिक्रिया पसंद आई
आभार
आपके जवाब में छुपी चुहल का जवाब नहीं आदरणीय भाई जी। आभार सादर।
हटाएंसुप्रभात मित्रो,
जवाब देंहटाएंसुन्दर हलचल और सुन्दर लिंक्स|
बहुत सुंदर लिंकों का चयन
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक संयोजन.......
जवाब देंहटाएंKitabon ki Duniya ko yahan jagah dene ka shukriya...Sneh Banaye rakhen...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सूत्र चयन बढ़िया प्रस्तुति आप बहुत अनुभवी चर्चाकार हैं दिग्विजय जी तबियत खुश है बीमार नहीं होती है आप भी खुश रहें सुन्दर प्रस्तुतियाँ देते रहें । शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति ! मेरे लिए कुछ ब्लॉग नए हैं उन्हें पढ़ते हुए आज की शाम खूबसूरत हो गई....आदरणीय आशा पांडेय ओझाजी और आदरणीय नीरज गोस्वामी जी की कई रचनाएँ पढ़ीं। नीरज गोस्वामी जी के पुस्तक सागर में गोते लगाए । डॉ अपर्णा त्रिपाठी जी को पिछले कुछ दिनों से पढ़ ही रही हूँ । हलचल मेरी लाइब्रेरी हो गई है आजकल.... बहुत कुछ है यहाँ पढ़ने के लिए। सादर धन्यवाद ।
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