आज यानि 16 अगस्त 2017 का प्रारम्भ कर्मयोग संकल्प से करें..
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बुधवार, 16 अगस्त 2017
761..संजिदा सहिफा के ताल्लुकात आजमाने से हैं..
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15 टिप्पणियां:
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आदरणीय पम्मी जी आज का अंक अत्यंत विचारणीय
जवाब देंहटाएंरवींद्र जी से लेकर विश्वमोहन जी ,दिगम्बर साहब तक ,
प्रेम का ओवर डोज वंदना वाजपेई जी ने
सही कहा है रिश्तों का आधार विश्वास
बहुत सुन्दर संकलन
सोचने को विवश करती ,आभार
"एकलव्य"
bahut hi Sundar Bharat
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात..
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति काफी से अधिक श्रेष्ठ
आपके श्रम को नमन
सादर
नमस्ते,
जवाब देंहटाएंवाह ! सुन्दर वैचारिक लिंकों का संकलन।
उत्सव के बाद दायित्वों,संकल्पों को पूरा करने की दृढ़ इच्छाशक्ति सुफल के लिए लाज़मी है।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं !
मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार पम्मी जी।
बधाई ताज़गी भरे अंक प्रस्तुतीकरण के लिए।
सादर।
बहुत सुंदर सराहनीय एवं पठनीय लिंकों का समन्वय आज के अंक में पम्मी जी सार्थक प्रयास के लिए आपको बधाई एवं चयनित सभी रचनाकारों का हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय पम्मी जी --सुप्रभात | आजके सुंदर संकलन पर नजर डाली -- बहुत ही अच्छी रचनाएं चुनी आपने | सही कहा ध्रुव जी ने -- आज के संकलन के सभी बड़े नामों को एक साथ पढ़ना बहुत अच्छा अनुभव है | सभी को बहुत बधाई और आपको भी हार्दिक शुभकामना और बधाई |
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जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति..
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुतिकरण.....
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक संकलन....
सुंदर संकलन के लिए आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर आज का संकलन पम्मी जी विचारणीय ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
बहुत सुन्दर संकलन तैयार किया आपने पम्मी जी , मेरी रचना को स्थान देने के लिए धन्यवाद ... वंदना बाजपेयी
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक संयोजन ! बहुत सुंदर आदरणीया ।
जवाब देंहटाएंएक से बढ़कर एक चर्चायें। हलचल जोरों पर है। जारी रहे । शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसुन्दर ... लाजवाब और चिंतन करते हुए आलेख औ रचनाओं को सज्जित किया है आज की हलचल में ... आभार मुझे भी जगह देने के लिए आज ...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाओं का संकलन है आज भी हलचल की प्रस्तुति । इंतजार और उत्सुकता अगले अंक के लिए बनी रहती है । शुक्रिया पम्मीजी ।
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