दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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गुरुवार, 27 जुलाई 2017
741..... क्योंकि वो ताजमहल नहीं था.
15 टिप्पणियां:
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शुभ प्रभात भाई रवीन्द्र जी
जवाब देंहटाएंश्रेष्ठ रचनाओं का प्रस्तुतिकरण
साधुवाद..
सादर
श्रावण मेल मिलाप का महीना है उतना ही स्मृतियों को कुरेदता भी है, आभार मेरे ब्लॉग की लिंक देने के लिए
जवाब देंहटाएंआज की पांच लिंकों का आनंद की थीं बेस्ड प्रस्तुति संग्रह के योग्य बन गयी है. वियोग पर आधारित श्रेष्ठ रचनाएं हैं वहीं वियोग को भूमिका में बहुत ही सरल शब्दों में समझाया गया है. ऐसे अंक हमारा सोच-समझ का दायरा विकसित करते हैं. बहुत-बहुत धन्यवाद पांच लिंक का आनंद इस दिल को छूती वियोग बेस्ड साहित्यिक प्रस्तुति के लिये.
जवाब देंहटाएंमेहनत और मन से बनाई गई उम्दा पोस्ट
जवाब देंहटाएंविरह के अलग अलग रंगों से सजी आज की प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआदरणीय रवींद्र जी,बहुत लगन से संजोयी है आपने आज के सारे लिंक सुंदर रचनाओं के मेले में मेरी रचना को मान देने के लिए हृदय से आभार आपका।
नया प्रयास सराहनीय है, नवीनता लाने के लिए और पाठकों में उत्सुकता बनाये रखने के लिए समय समय पर प्रयोगात्मक परिवर्तन जरूरी है।
बहुत बधाई और शुभकामनाएँ रवींद्र जी आपको।
अति उत्तम....
जवाब देंहटाएंनये अंदाज में सुंदर प्रस्तुति.....
आभार यादव जी आप का....
आदरणीय रवींद्र जी,
जवाब देंहटाएंवियोग पर आधारित श्रेष्ठ रचनाएं बहुत सुंदर।
आपकी सार्थक प्रयास लिंक को नए आयाम की ओर..
सराहनीय योगदान
धन्यवाद
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंसंयोगवश ही बनी सही, महिला रचनाकारों की प्रस्तुति अति उत्तम रही
जवाब देंहटाएंसुन्दर हलचल हेतु बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति रवीन्द्र जी।
जवाब देंहटाएंअति सुंदर
जवाब देंहटाएंवाह ! रवींद्र जी अतिउत्तम
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति हृदय को स्पर्श करती हुई
बधाई आपको नवीनता के द्वार खोलने
हेतु।
आभार ,
"एकलव्य"
अप्रतिम प्रस्तुति । देर से पहुँचने हेतु क्षमाप्रार्थी हूँ । मेरी रचना को सम्मान देने हेतु सादर धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कमाल की शानदार प्रस्तुति. वियोग पर जानकारी और रचनाएं पढ़कार आनंद आ गया. पसंद आया आपका नया तरीका.
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