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रविवार, 23 जुलाई 2017

737...आप कुछ भी कह के देखो वो उस पर कुछ कुछ कह ही जाते हैं

सादर अभिवादन....
जैसे-जैसे 31 जुलाई पास आ रही है

देवी जी के मुख पर निराशा छा रही है
वो इसलिए नहीं कि पता नही सही होगा कि नहीं
निराशा इसलिए...कि पाँच लिंकों का आनन्द का 
कैसे क्या होगा.... मेरे पास दिलासा का
सारा स्टॉक खत्म हो गया....
आखिरी में कह दिया.....
किसी का कुछ नहीं होगा समझ कर जाओ.....

चलिए एक नज़र आज की पसंद पर...

कोई खलिश सी है दबी, शायद उस धड़कन में!
ऐसे गुमसुम चुप, ये पहले कब रहता था?
कोई एहसास है जगी, शायद उस धड़कन में!
संवेदनाओं के ज्वर, अब अकेला ही ये सहता है?


धूप की कतरनें ....श्वेता सिन्हा
हृदय के चौखट पर बनी अल्पना में
मिल गयी रंगहीन बूँदे,
भर आये मन लबालब
नेह सरित तट तोड़ कर लगी मचलने,
मौन के अधरों की सिसकियाँ
शब्दों के वीरान गलियारे में फिसले,



अपने आप से बात करता 
वह बूढ़ा बड़ा अजीब लगता है,
बेपरवाह, बेख़बर,
बस चलता जा रहा है 
अपनी ही धुन में,
ख़ुद से ही बतियाता.


नर नपुंसक ... विश्वमोहन
छल कपट खल दुराचार से
सती सुहागन हर जाती हो
देवी देती अगिन परीछा, 
पुरुषोत्तम का घर पाती हो



कर्ण तुम मेरे भीतर जीते हो
लेकिन मैंने अपनी दानवीरता पर
थोड़ा अंकुश लगाया है
एड़ी उचकाकर देख रही हूँ
तुम कहाँ सही थे
और कहाँ गलत !!!


कुछ आते हैं 
कुछ जाते है
कुछ पढ़ते हैं 
कुछ लिखते है

कुछ कुछ भी 
नहीं करते हैं
बस कुछ करने 
वालों से कुछ 
दुखी हो जाते हैं

आज के लिए बस..
दिग्विजय ...
कुछ जादू के खेल देखिए....




16 टिप्‍पणियां:

  1. नमन
    ये क्या-क्या लिख दिया
    फिर भी
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. ३१ जुलाई को क्या होने वाला है ऐसा
      मेरी पति महोदय अवकाश प्राप्त करेंगे वैसे

      हटाएं
  2. सुंदर प्रस्तुति के लिए बधाई । अपनी रचना को देखकर गौरवांवित महसूस करता हूँ। समस्त हलचल टीम और पाठकों का अभिवादन।

    जवाब देंहटाएं
  3. आदरणीय,
    बहुत सुंदर प्रस्तुति, पठनीय लिंकों का चयन।
    अंत में अत्यंत मनोरंजक वीडियो ।

    जवाब देंहटाएं
  4. शानदार उत्कृष्ट सूत्रों का संकलन। आगामी 31 जुलाई से आदरणीय बहन जी विशेष उद्देश्य से अवकाश पर रहेंगी। सकारात्मक परिणामों के लिए हमारी ढेरों शुभकामनाएं एवं दुआएं। ब्लॉगिंग के क्षेत्र में उनका समर्पण एक अनुकरणीय उदाहरण है। संपादन साजसज्जा और वैचारिक सोच समझ की कमी खल सकती है हालांकि बहन जी ने हमें समय समय पर सक्षम बनाने हेतु अनेक उपाय, सुझाव दिए हैं। उनके अवकाश से लौटने तक टीम के ऊपर विशेष जवाबदेही रहेगी जिसका हम सभी चर्चाकार अपनी अपनी क्षमता अनुसार पूरा करेंगे। आभार सादर। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  5. सुन्दर लिंक संयोजन, सुन्दर हलचल ...बधाई

    जवाब देंहटाएं
  6. उम्दा संकलन....
    मस्त वीडियो के साथ....

    जवाब देंहटाएं
  7. खुद पर और ऊपर वाले पर विश्वास रखें। आत्मविश्वास बनाये रखें। जो भी होता है उसकी मर्जी से और भले के लिये होता है। शुभकामनाएं। दुनिया चलती रहती है बस हमे वहम होता है । यहाँ तो आजकल हनुमान जी नाराज चल रहे हैं बन्दर टेलीफोन के तार के पीछे ही पड़ गये हैं अभी चल रहा है कल नेट चलेगा या नहीं पता नहीं है । आज की सुन्दर प्रस्तुति में 'उलूक' के कुछ को स्थान देने के लिये आभार दिग्विजय जी।

    जवाब देंहटाएं
  8. सुन्दर संकलन! और ३१ जुलाई के बाद!:-

    छटेंगे बादल संशय के,
    और, पलायन पर्जन्य का.
    गूंजेगा पांच लिंकों में,
    गरजन पाञ्चजन्य का.

    तुणीर आलोक आशा का,
    तिमिर की कोख भेदेगा.
    रोशन चिराग 'यशोदा' का,
    सृजन चिरंजीवी यश देगा.

    जवाब देंहटाएं

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