सादर अभिवादन...
आप सभी को बीते हुए ब्लॉगर्स डे की शुभ कामनाएँ
सर फिर गया है देवी जी का...
नियत दिन पर नियत काम करती ही नहीँ
पर जो भी करती है..सही ही करती है..(??)
चलिए चलते हैं आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर...
हम सब जुनैद हैं.... वन्दना गुप्ता
नही रही चाह किसी खोजी तत्व की
एक गूंगा मौसम फहरा रहा है
अपना लम्पट आँचल
और मैं हूँ गिरफ्त में
जीने की चाह न बचना
आखिर है क्या ?
मौत ही तो है ये भी
साँस लेना जिंदा होने का सबूत नहीं
हुई गर्व से उन्मत इतनी,
पास बने कुएं से उलझी.......
बोली कुआं ! देखो तो मुझको,
देखो ! मेरी गहराई चौड़ाई ,
तुम तो ठहरे सिर्फ कूप ही ,
मैं नदी कितनी भर आयी !....
उन्हें बस नफरत है,
कुछ नामों से,
कुछ चेहरों से,
कुछ लिबासों से,
हरे थे जब पात
अपनों का था साथ
गूँजते थे स्वर
टहनियों पर बने घोंसलों से।
बचपन का ज़माना बहुत याद आता है
लौटके न आये वो पल आँखों नहीं जाता है
न दुनिया की फिक्र न ग़म का कहीं जिक्र
यादों में अल्हड़ नादानी रह रहके सताता है
सुकून अगर मिल सकता बाज़ार में तो कितना अच्छा होता ... दो किलो ले आता तुम्हारे लिए भी ... काश की पेड़ों पे लगा होता सुकून ... पत्थर मारते भर लेते जेब ... क्या है किसी के पास या सबको है तलाश इसकी ...
शरम का
लिहाज
करने वाले
कभी कभी
बमुश्किल
निकल कर
आते हैं खुले में ‘उलूक’
सौ सुनारी
गलत बातों पर
अपनी अच्छी
सोच की
लुहारी चोट
मारने के लिये।
वाह...
जवाब देंहटाएंनमन
सादर
बहुत सुंदर विविधतापूर्ण लिंकों का चयन,सुंदर लिंकों का संयोजन, मेरी रचना को मान देने के लिए आभार शुक्रिया
जवाब देंहटाएंआपका आदरणीय।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति पाँच सूत्रों में । आभार 'उलूक' के सूत्र को शीर्षक पर जगह देने के लिये दिग्विजय जी।
जवाब देंहटाएंहिन्दी ब्लॉगिंग में आपका लेखन अपने चिन्ह छोड़ने में कामयाब है , आप लिख रहे हैं क्योंकि आपके पास भावनाएं और मजबूत अभिव्यक्ति है , इस आत्म अभिव्यक्ति से जो संतुष्टि मिलेगी वह सैकड़ों तालियों से अधिक होगी !
जवाब देंहटाएंमानते हैं न ?
मंगलकामनाएं आपको !
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
सुन्दर लिंक संयोजन.....
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार एवं धन्यवाद ,आदरणीय...
बहुत सुन्दर लिंक्स संजोये हैं यशोदा .......आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति। आज के माहौल पर कवितायें अच्छी लगीं.
जवाब देंहटाएंवाह...लाज़वाब प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआज एक से बढ़कर एक गंभीर और विचारणीय रचनाओं का संकलन पेश किया है आदरणीय दिगंबर जी ने। अन्तर्राष्ट्रीय हिंदी ब्लॉगर दिवस कल की बजाय आज हमने शिद्दत से मनाया। आभार सादर।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत लिंक संयोजन । बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंदमदार लिंक्स हैं ...
जवाब देंहटाएंआभार मुझे शामिल करने के लिए ...
बहुत ख़ूबसूरत लिंक्स...आभार
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