कोई भी ज्योतिषी इसे टाल नहीं सकता
अगस्त में कुछ अच्छे का उम्मीद बनती है
दो लघुकथाएँ ...कविता वर्मा
"ये क्या कह रही हैं मम्मी ?" आपकी देखभाल करना मेरा फ़र्ज़ है। अगर आप घर के कामों में मदद की बात सोच कर चिंता कर रही हैं तो निश्चिंत रहिये। यह उस समय की बात है जब आप स्वस्थ थीं एकदम सारे काम छोड़ कर निष्क्रिय हो जाना आपके स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा नहीं था और बिना अनुभव के गृहस्थी संभालना मेरे लिये भी मुश्किल । लेकिन अब आपके सिखाये तौर तरीके से मैं सब ठीक से संभाल सकती हूँ। आप बस आराम कीजिये अब वर्तमान के आखेट की जिम्मेदारी मेरी।
ये एहतियात भी रहे ऊचाईयों के साथ ...... सचिन अग्रवाल
राज़ी नहीं था सिर्फ मैं हिस्सों की बात पर
क्या दुश्मनी थी वरना मेरी भाइयों के साथ
क्या बेवफाई , कैसी नमी , कैसा रंज ओ गम
रिश्ता ही ख़त्म कीजिये हरजाइयों के साथ
एकोअहं,द्वितीयोनास्ति ...विश्वमोहन
आया अकेला,
चला अकेला,
चल भी रहा हूँ
अकेला,और अब
जाने की भी तैयारी!
अकेले।
अपर्णा बहन का ब्लॉग पहली बार यहां पर
बूढ़ा नहीं होता समय..... अपर्णा बाजपेई
शाम को ले आते हैं बच्चे ;
माँ बाप के लिए रोटी ,
भाई बहन क लिए टॉफी :
और अपने लिए !
एक और आने वाला दिन।
हर आने वाले दिन में
वो छुपाकर रखते हैं ,
माँ के सपने , बाप की उम्मीद ,
गुलाबी खत ....शशि पुरवार
डाकिया आता नहीं अब,
ना महकतें खत जबाबी।
दिल अभी यह चाहता है
खत लिखूँ मैं इक गुलाबी।
मौसम दिखाई देता है....लोकेश नदीश
दिल को आदत सी हो गई है ख़लिश की जैसे
अब तो हर खार भी मरहम दिखाई देता है
तमाम रात रो रहा था चाँद भी तन्हा
ज़मीं का पैरहन ये नम दिखाई देता है
क्षणिकाएँ.... श्वेता सिन्हा
रतजगे करते है
सीले बिस्तर में दुबके
जब भी नींद से पलकें झपकती है
रोटी के निवाले मुँह तक
आने के पहले
अक्सर भोर हो जाती है।
....... अरे....परसों इस्तीफा..
और परसों ही फिर से शपथ ग्रहण
वाह रे राजनीति..तेरे खेल निराले
बिहार के अच्छे दिन लौट रहे हैं
...... आज अति हो गई मुझसे...
सहन कर लीजिए..
सादर...
यशोदा
आपने बैंकों में नोट गिनने की मशीनें देखी होंगी
पर यहां उससे भी तेज नोट गिनने वाले हैं
देखिए..
शुभ प्रभात दीदी उम्दा अंक
जवाब देंहटाएंसंजोया है आपने ,अच्छे लिंक
नये ब्लॉगों को मौका देना अत्यंत आवश्यक
अपर्णा जी का स्वागत है
चलचित्र अच्छा लगा।
आभार ,
"एकलव्य"
बहुत सुंदर संकलन दी ,सारे लिंक बेहतरीन एवं पठनीय है।
जवाब देंहटाएंकुछ नये रचनाकारों को पढना सुखद लगा।
नोट गिनती मशीनी उंगलियां पहली बार देखी।
शुभ प्रभात !
जवाब देंहटाएंनयापन लिए विविधता से परिपूर्ण अंक।
व्यंग ,लघुकथा ,क्षणिकाएं ,कविता ,ग़ज़ल आदि का सुन्दर समागम।
उत्कृष्ट सूत्रों का संयोजन। नवागंतुक रचनाकार अपर्णा बाजपेई जी का स्वागत है।
संतुलन और सजगता हमें आगे बढ़ाने में मददगार है।
आदरणीय यशोदा बहन जी ने अपने अवकाश की घोषणा कर दी है।
उन्हें शुभकामनाऐं !
वे जल्द ख़ुशख़बरी के साथ हमारे बीच फिर सक्रिय हों ऐसी हमारी आशा है।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई।
ब्लॉग पर सक्रिय नियमित सुधि जनों का हार्दिक आभार।
अंत रोचक विडिओ से ..
बहुत उम्दा संकलन
जवाब देंहटाएंसभी रचनायें बेहतरीन
सुप्रभात,
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचनाओं का सुन्दर संकलन,
बढ़िया हलचल|
बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात!उम्दा संकलन
जवाब देंहटाएंसभी चयनित रचनाकारों को बधाई।
धन्यवाद।
बहुत ही सुंदर....
जवाब देंहटाएंसादर....
sarthak charcha , hamen shamil karne hetu abhar
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा संकलन सुन्दर प्रस्तुतिकरण के साथ....
जवाब देंहटाएंउम्मीदें जिन्दा रहनी चाहिये। जो भी होगा अच्छा होगा । आमीन । बहुत सुन्दर चर्चा सजाई है सुन्दर सूत्र चुने हैं । शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंअच्छी हलचल रही ।
जवाब देंहटाएंअच्छी हलचल रही ।
जवाब देंहटाएंसुंदर पठनीय रचनाओं से सजी प्रस्तुति । सादर धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कमाल की प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंबहुत से लोग आए...
जवाब देंहटाएंपढ़-लिख कर चले गए
बचा मैं ही था...
सो वो कमी भी पूरी हुई
आपकी बराबरी नहीं न कर सकता
सादर