सादर अभिवादन...
सातवां महीना साल सत्रह का
अभी कल ही की बात है...
लोगों ने खुशियां मनाई थी
हैप्पी न्यू ईयर कह कर..
अब गिनती उल्टी चलने लगी
दिन गिन रहे हैं लोग अब
कि अब स्वागत करेंगे
वर्ष दो हजार अट्ठारह का
आएगा ही..जाएगा कहाँ.....
नहीं लिखती आगे..भूमिका लम्बी हो रही है
इसी दिन संगीता दीदी ने अपने ब्लॉग में
सन् दो हजार सत्रह की पहली कविता प्रकाशित की...
ज़िंदगी की नाव, मैंने
छोड़ दी है इस
संसार रूपी दरिया में ,
बह रही है हौले हौले ,
वक़्त के हाथों है
उसकी पतवार ,
आगे और आगे
चल अकेला....वन्दना गुप्ता
क्योंकि
अंतिम सत्य तो यही है
अकेले आगमन होता है
और अकेले ही गमन
तो कैसे सम्भव है
बीच में काफिलों का बनना
एक ख्वाब......श्वेता सिन्हा
सितारों जड़ी चाँदनी की
झिलमिलाती चुनरी ओढ़कर
डबडबाती झील की आँखों में
मोतियों सा बिखर जाता होगा
समुद्र की गहराई तक
पहुँचने के लिए
मुझे इक भँवर चाहिए।
लहरों के सहारे
पार लग जाऊँ
ओ दाता मेरे
दरकार है मुझे
तेरी मेहर
जानता हूँ मैं
रखता तू खबर
शामो सहर
तुम ये न समझना की ये कोई उलाहना है ...
खुद से की हुई बातें दोहरानी पढ़ती हैं कई बार ...
खुद के होने का एहसास भी तो जरूरी है जीने के लिए ...
हवा भर लेना ही तो नहीं ज़िंदगी ...
किसी का एहसास न घुला हो तो साँसें, साँसें कहाँ ...
इज़ाज़त दें
फिर मिलेंगे..
यशोदा ....
बढ़िया प्रस्तुति यशोदा जी।
जवाब देंहटाएंआदरणीय भैय्या जी
हटाएंसादर नमन
आभार
सादर
सुप्रभात, सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसभी लिंक्स नायाब आज की हलचल के ... आभार मुझे भू शामिल करने का ...
जवाब देंहटाएंसुप्रभात दी,
जवाब देंहटाएंएक से बढ़कर एक रचनाओं के लिंक है। प्रस्तुति करण भी बहुत सुंदर । मेरी रचना को मान देने के लिए बहुत आभार शुक्रिया आपका दी।
बहुत खूबसूरत लिंक्स आज की हलचल में ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद यशोदा जी !
जवाब देंहटाएंसस्नेहाशीष बहना
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स का चयन
प्रस्तुति लाजबाब
शुभप्रभात दीदी ,
जवाब देंहटाएंआज का लिंक बहुत अच्छा लगा
सभी रचनाकारों को बधाई।
आभार ,
"एकलव्य"
शुभ प्रभात ...
जवाब देंहटाएं#हिन्दी_ब्लॉगिंग की सुखद चर्चा के साथ आया आज का अंक बेहतरीन रचनाओं का संकलन है। "और बेहतर" का भाव हमारे सफ़र का प्रेरणादायी सूत्र है। आदरणीय यशोदा बहन जी का ब्लॉगिंग के प्रति समर्पण अनुकरणीय है ,सराहनीय है। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं ! आभार सादर।
वर्ष भर में ही तरह-तरह के रंग देखता और दिखला देता है...साल
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक.....बधाई|
जवाब देंहटाएंआप सभी का स्वागत है मेरे ब्लॉग "हिंदी कविता मंच" की नई रचना #वक्त पर, आपकी प्रतिक्रिया जरुर दे|
http://hindikavitamanch.blogspot.in/2017/07/time.html
बहुत सुन्दर लिंक्स ...मुझे भी शामिल किया इसके लिए आभार . ब्लॉग बहुत अच्छा बनाया है ... काफी जानकारी मिल जाती है इस ब्लॉग से .
जवाब देंहटाएंविविधताओं से भरी बेहतरीन लिकों का चयन..
जवाब देंहटाएंसभी चयनित रचनाकारों को बधाई
धन्यवाद!
बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा लिंक संयोजन....
जवाब देंहटाएं