सादर नमस्कार
बुल्लेशाह की तू कहे काफ़ियाँ,
गाये वारिस की हीर जोगी |
दिल का ही था किस्सा कोई
जो राँझा बना फ़कीर जोगी |
इश्क़ के रस्ते खुदा तक पँहुचे,
क्या तूने वो पथ अपनाया जोगी ?
ये कोई दर्द था दुनिया का ,
या दुःख अपना गाया जोगी !!
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
सादर नमस्कार
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शानदार अंक
जवाब देंहटाएंअलविदा सितंबर
वंदन
बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय सादर
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय सादर
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार दिग्विजय भाई जीआपको! देर से उपस्थित होने पर क्षमा प्रार्थी हूँ। सभी रचनाकारों को शुभकामनाएं🙏🙏
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