मंगलवारीय अंक में
गूंजते हैं बिस्तर की सलवटों पर
रात दिन बस परेशान करते हैं।।
शब्द आघात करते हैं।।
समंदर से सीखा है मैंने
जिसके पास
अश्क़ो का सैलाब होता है
वो रोया नहीं करते ।
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
मंगलवारीय अंक में
समंदर से सीखा है मैंने
जिसके पास
अश्क़ो का सैलाब होता है
वो रोया नहीं करते ।
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एक अनूठा अंक
जवाब देंहटाएंवासंतिक भावनाओं का निचोड़
आभार
सादर
जी ! .. नमन संग आभार आपका .. हमारी बतकही को अपनी प्रस्तुति में स्थान प्रदान करने के लिए ...
जवाब देंहटाएंआज की भूमिका में संदेशपरक सकारात्मक दृष्टिकोण और उम्मीद की बातें अच्छी हैं ...
बहुत सुंदर संकलन।
जवाब देंहटाएंस्थान देने हेतु हार्दिक आभार।
सादर
बहुत सुंदर संकलन आदरणीया मेरी रचना को स्थान देने पर तहेदिल से शुक्रिया आपका ।
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