निवेदन।


फ़ॉलोअर

शनिवार, 24 फ़रवरी 2024

4046 ...“ऐ मौत आज तू इतनी शांत कैसे है?

सादर अभिवादन
आज पूनम है, पवित्र पूनम
धूम है प्रयागराज मे
कुम्भ-कल्प जो है
आज की रचनाएँ




“ऐ मौत आज तू इतनी शांत कैसे है?
मौत! तू कभी तो एक क्षण में
आ धमकती है,
कभी वर्षों मलमल के गद्दे पर सड़ा देती है,
क्या कहें तुझसे?
तुझसे बड़ा खिलाड़ी नहीं देखा!”







आज भोर सूरज उगा है
रक्तिम लालिमा लिए
कुछ अपराधी सा
स्वयं को दुत्कारता सा
शायद उदास है
कल फिर एक मासूम झूल गया था
एक फंदे से ।
गुस्से में आ कर
विरोध से उसने स्कूल की बेंच तोड़ी थी




खाया  जिस  घर  रात-दिन,नेता जी ने  माल,
नहीं  भा  रही  अब  वहाँ, उनको  रोटी-दाल।
उनको  रोटी-दाल , बही   नव   चिंतन  धारा,
छोड़   पुराने   मित्र , तलाशा   और   सहारा।
कहते  सत्य  विवेक,नया  फिर  ठौर  बनाया,
भूले  उसको  आज ,जहाँ  वर्षों  तक खाया।  




वश में, यूं भी तो, कब ये मन!
करे अपनी ही,
कहे, बहकी बातें कई,
न समझे,
रिवाजों को, ये मन!




मन तो रंगे किशोरी जू से
लोकरंग से नश्वर काया,
श्याम रंग की चमक है असली
बाकी सब है उसकी माया,
यमुना में भी रंग उसी का
आओ चलें नहाने जी.


मार्मिक अलक ...


"माँ ! क्या आप पापा की ऐसी हरकत के
बाद भी उन्हें उतना ही मानती हो " ?  
अपने और माँ के शरीर में
जगह-जगह चोट के निशान और
सूजन दिखाते हुए बेटे ने पूछा ।


कल फिर
सादर

4 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर पठनीय अंक।
    मेरी कहानी को शीर्ष भूमिका रखकर आपने कहानी को मान दे दिया। हृदयतल से आभार।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही खूबसूरत अंक. हार्दिक आभार. बधाई और शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  3. सभी रचनाएं उम्दा एवं पठनीय
    मेरी रचना को भी यहाँ स्थान देने हेतु दिल से आभार।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...