रो देते थे जिन बातो पर अब उदास नहीं होते
तालुख़ इस क़दर अपने तलख़ हुये,
दूर बहुत हो जाते है जब जरा पास नहीं होते.
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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बेहतरीन अंक
जवाब देंहटाएंदूर बहुत हो जाते है जब जरा पास नहीं होते.
सादर
🙏
हटाएंबहुत अच्छी रचनायें स्वेता जी🙏💐
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चुनाव👍
जवाब देंहटाएंजी, बहुत सुंदर प्रस्तुति की बधाई और आभार🙏🙏
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर अंक , अमीन सयानी जी पर सटीक पंक्तियां श्वेता आपकी।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएं पठनीय अभिनव, सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
मेरी रचना को इस अंक में स्थान देने के लिए हृदय से आभार आपका श्वेता।
सादर सस्नेह।
बहुत खुबसुरत हलचल
जवाब देंहटाएंमंच तक ले ही आते हो आप हर बार
श्वेता जी दिल से आभार.