शुक्रवारीय अंक में
आप सभी का स्नेहिल अभिवादन।
---–--
“प्रेम कभी अधिकार नहीं जमाता है और प्रेम को मुट्ठी में बांधा नहीं जा सकता है। सच्चा प्रेम आपको स्वतंत्रता में ले जाता है। स्वतंत्रता सर्वोच्च शिखर है, परम मूल्य है। और प्रेम स्वतंत्रता के सबसे करीब है; प्रेम के बाद अगला कदम स्वतंत्रता है। प्रेम स्वतंत्रता के विरुद्ध नहीं है; प्रेम स्वतंत्रता की ओर एक कदम है। यही जागरूकता आपको स्पष्ट कर देगी: उस प्रेम का उपयोग स्वतंत्रता के लिए एक सीढ़ी के पत्थर के रूप में किया जाना चाहिए। अगर तुम प्रेम करते हो तो तुम दूसरे को मुक्त करते हो। और जब तुम दूसरे को स्वतंत्र करते हो, तो तुम दूसरे के द्वारा मुक्त हो जाते हो। -ओशो
आज की रचनाएँ-
बरसों पहले अपने ही सृजन को पूर्ण करने
बुना होगा कायनात ने एक लम्हा
क़तरा-क़तरा जोड़ी होगी हर साँस
रहती है जिसमें ज़िंदगी की आहट, सपनों की उड़ान
जोड़ी होगी लम्हा दर लम्हा हर ख़ुशी
जो कर सके कायनात के सृजन को पूर्ण
मन हो जाये गतिमय नद सा
हरियाली दुनिया में भर दे,
जीवन एक हवा का झोंका
बन कर जिसे सुवासित कर दे !
कदमों में विश्वास भरा हो
हाथों में हो बागडोर भी,
पलकों में नव स्वप्न भरे हों
पूर्ण सत्य की इक ज्वाला भी !
और आज, फिर, नीरवता है फैली!
रंगीन वो क्षितिज, कैसी गई छली!
उसी दिन की तरह, फिर,
फैले हैं रंग सारे,
पर, फीकी सी है होली!
और आज, फिर, नीरवता है फैली!
सोए वे ही लम्हे, फिर उठे हैं जाग,
फिर, लौटा वो ही मौसम,
जागे वे शबनम,
बरसी बूंदें फिर नसीली!
और आज, फिर, नीरवता है फैली!
उसके कन्धों पर है दुनियां की सबसे नाजुक चीज़
लेकिन उसके लिए नहीं लिखा है कहीं कोई
चेतावनी या सावधानी वाले निर्देश
उसकी जैकेट पर नहीं लिखा है कि उसके कंधों पर है
दुनियाँ की सबसे नाज़ुक चीज़ कि सावधानी से गाडी चलाएं !
जाने कौन है वो
जो मेरे अन्दर से गुजरता है
कभी बेबसी बन उमड़ता है
कभी बेचैनी सा घुमड़ता है
न शब्द उसे बाँध पाते हैं
न अर्थों तक मैं पहुँच पाती हूँ
जाने कौन सा व्याकरण वो रचता है
मेरी अंतिम इच्छा पूरी होने पर
मेरे अपनों दुखी मत होना !
मनाना खुशियाँ!
बच्चों को खिलाना रसगुल्ले,
क्योंकि मुझे बचपन में
किसी ने नहीं खिलाये रसगुल्ले!
मैं खुश होता तो
निश्चित ही रसगुल्ले खाता,
तुम बच्चों को देना
मेला जाने के लिए पैसे!
-------
आज के लिए इतना ही
मिलते हैं
अगले अंक में।
-----
अस्वस्थता के दौरान मेहनत
जवाब देंहटाएंहम औरतों को आराम मिल ही नहीं सकता
बेहद खूबसूरत अंक
बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम
जवाब देंहटाएंस्वास्थ्य का ध्यान रखिए सादर
"सच्चा प्रेम आपको स्वतंत्रता में ले जाता है। स्वतंत्रता सर्वोच्च शिखर है, परम मूल्य है"। अति सुंदर !! पठनीय रचनाओं का सुंदर संयोजन, स्वास्थ्य का ध्यान रखें, बहुत बहुत आभार श्वेता जी !
जवाब देंहटाएंसुंदर हलचल … आभार मेरी रचना को शामिल करने में लिये
जवाब देंहटाएं