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मंगलवार, 13 फ़रवरी 2024

4035....एक जुगनू ने देखा अंधेरा...

 मंगलवारीय अंक में
आपसभी का स्नेहिल अभिवादन।
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इस सृष्टि में पूर्णतया नष्ट कुछ भी नहीं होता,हर कण  परिस्थितियों के घर्षण से स्वरूप बदल लेती है।
एक प्रेम ही है जो हर रूप में शांति और आत्मिक सुख की जादुई अनुभूतियाँ
  सतत प्रवाहित करता रहता है।
प्रेम की अनुभूति का अलौकिक सुख समय की भट्ठी में चढ़कर मीठा होता या फीका यह परिस्थितियों की आँच पर निर्भर है।
प्रेम करना जितना सहज है प्रेम से मिली पीड़ा को सहना उतना ही कष्टकारी। 
पर सच तो यह भी है कि
क्रोध,लोभ,मोह अंहकार, ईष्या जैसी भावनाओं की विषाक्तता को मिटाने की एक औषधि है संसार में  वह है प्रेम। प्रेम जो मनुष्य को साधारण से विशेष होने की अनुभूति कराता है।
प्रेम को परिभाषित करने में हर शब्द, हर भाव असमर्थ हो जाते है। 
प्रेम की कोई भाषा नहीं 
होती, प्रेम का फूल मौन में खिलता हैं। प्रेम संगीत है, प्रेम अंतर्नाद है, प्रेम ही अनाहद नाद है।

क्या बसंत क्या मधुमास
मौन स्फुरण,शून्य आभास,
प्रेम प्रतीक्षारत है,खत्म हो
संवेदनाओं का अज्ञातवास।

 आज की रचनाएँ-


दिल की बंजर जमीं पर उगा इक खियाल
आँखेंबहने लगीं फिर नदी हो गयी
एक जुगनू ने देखा अँधेरा वहां
फूस के घर में भी रोशनी हो गयी



सुन लेना रजनीगंधा की फूल
या ठुमक लेना ' झुमका गिरा ' की धुन पर
कह लेना खुद से भी "Relax !
चंद कदम ही तो हैं,
चल लेंगे आहिस्ता-आहिस्ता
हम भी, तुम भी।।

अंग हर प्रत्यंग हैं

इन बाजुओं की 

शक्ति में घुसपैठ

करती क्षीणता है

तीव्र कंटक की

चुभन का दर्द पीना 

अब समय की

धीरता गंभीरता है

पाँव के टूटे हुए हैं॥




अपनों  के  मारे  हुए जो
अपनों  के  चारे  हुए जो
है परिस्थिति मृत्यु की पर
साँस  को  धारे  हुए  जो
ऐसों को मत  त्रास  देना
प्रश्न    भी    करना  नहीं



और चलते-चलते

साइबरबुलिंग में डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके किसी को जानबूझ कर तंग करना या डराया-धमकाया जाता है. इसमें इंटरनेट या मोबाइल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके असभ्य, घटिया या तकलीफ़देह संदेश, टिप्पणियां और इमेज/वीडियो भेजना शामिल है. ऐसे में यूनिसेफ ने साइबरबुलिंग से बचने के लिए कुछ टिप्स शेयर किए हैं.



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आज के लिए बस इतना ही
मिलते हैं अगले अंक में।
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4 टिप्‍पणियां:

  1. पठनीय व संग्रहणीय अंक
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. जिज्ञासा सिंह13 फ़रवरी 2024 को 6:27 pm बजे

    बहुत सुंदर सरस और पठनीय अंक!
    सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई!
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार सखी!

    जवाब देंहटाएं
  3. धन्यवाद स्वेता जी, मेरी पोस्ट को अपने संकलन में शाम‍िल करने के ल‍िए आभार

    जवाब देंहटाएं

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