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गुरुवार, 13 मई 2021

3027...सकारात्मक ख़बर 2-DG (2-deoxy-D-glucose)

सादर अभिवादन। 

गुरुवारीय अंक में आपका स्वागत है। 

 वैक्सीन

कोई भी जीवाणु / विषाणु / परजीवी (Antigen ) जब हमारे शरीर में प्रवेश करके बीमार करता है तब लगभग एक सप्ताह बाद उसे मारने के लिए हमारे शरीर का प्रतिरक्षा-तंत्र सक्रिय होकर

Antibodies बनाता है जो उस बाहरी तत्त्व अर्थात Antigen को क़ैद करके नष्ट करतीं हैं और हमारा शरीर स्वस्थ होने लगता है। 

वैक्सीन बनाने के लिए संबंधित बीमारी के Antigen की जिनोम सीक्वेसिंग अर्थात उसका नक़ली मॉडल तैयार किया जाता है जो मृत होता है अर्थात हमारे शरीर को उससे कोई ख़तरा नहीं होता।  इसी नक़ली मृत Antigen को जब हमारे शरीर में इंजेक्शन द्वारा भेजा जाता है तो हमारे शरीर का प्रतिरक्षा-तंत्र यह समझकर सक्रिय हो जाता है कि कोई Antigen शरीर में आ गया है जिसे नष्ट करना है अतः इस उथल-पुथल में हमारा शरीर हरारत महसूस करता है और इस नक़ली Antigen के विरुद्ध शरीर Antibodies बनाता है। 

ये Antibodies उस वक़्त हमारी सुरक्षा करतीं हैं जब कोई असली Antigen (जैसे करोना वायरस ) हमारे शरीर में प्रवेश करता है तब वे Antibodies उसे नष्ट कर देतीं हैं। 

वैक्सीन रोगों से बचाव का 60 से 80 प्रतिशत तक कारगर उपाय है 100 प्रतिशत नहीं.


प्राप्त निष्कर्षों के अनुसार करोना वैक्सीन 3 से 8 माह तक की सुरक्षा है

जबकि करोना वायरस जिन्हें आक्रमण कर चुका है और वे स्वस्थ हैं तो ऐसे व्यक्तियों को 6 माह तक उसके शरीर में बन चुकी Natural Antibodies सुरक्षा देतीं रहेंगीं (एक बार संक्रमित होने वाले की दोबारा संक्रमित होने की संभावना नगण्य हो जाती है )। 

सकारात्मक ख़बर

2-DG (2-deoxy-D-glucose

रक्षा मंत्रालय के प्रतिष्ठान DRDO के वैज्ञानिकों ने करोना से संक्रमित मरीज़ों की ऑक्सीजन पर निर्भरता कम करने के लिए नई दवा 2-DG (2-deoxy-D-glucose ) विकसित कर ली है जिसके परिणाम आशाजनक सिद्ध हुए हैं। यह दवा आगामी 2 या 3 सप्ताह में बाज़ार में उपलब्ध हो जाएगी।

मुझे भी DRDO के वैज्ञानिकों के साथ कार्य करने का अवसर 1995-1997  के दौरान मिला जो मेरे लिए अब तक फ़ख्र की बात है।  हमारे देश के वैज्ञानिक सीमित साधनों और सरकारी फंड पर निर्भरता से जूझते रहते हैं इसीलिए कुछ महत्त्वाकांक्षी वैज्ञानिक विकसित देशों की ओर पलायन कर जाते हैं। हमारे देश के वैज्ञानिक इस उपलब्धि के लिए बधाई के पात्र हैं।  

बहरहाल DCGI ने इस दवा के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति प्रदान कर दी है। हम उम्मीद कर सकते हैं कि ऑक्सीजन की निर्भरता से यह दवा करोना मरीज़ों को निस्संदेह राहत देगी साथ ही इलाज़ का ख़र्च भी नियंत्रित होगा।  

आप सभी स्वस्थ रहें, बार-बार यही कामना.🙏

#रवीन्द्र_सिंह_यादव 

आइए अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलें-

लाशें...ओंकार 

ये बेजान लाशें सवाल कर रही हैं,

अब इन्हें जला दो या दफ़ना दो,

तो भी ये सवाल पूछना बंद नहीं करेंगी


पक्षियों का बेघर हो जाना...संदीप कुमार शर्मा 

नींव के नीचे

तुम्हारे अवशेष

कराहते रहेंगे

सदियों तक

और

पूछेंगे सवाल

आखिर मेरा कुसूर क्या था।

 

जहरी हवा... अनुराधा चौहान 'सुधी'

छोड़ दो झगड़े पुराने

आज मानवता कहे।

कष्ट के इन बादलों को

एक जुट होकर सहे।

सामने सच को खड़ा कर

जो कहीं पीछे दुका।

काल भीषण.....


सीमा...हर्षवर्धन जोग 

यह खबर इन दोनों देशों में खूब उछली, खूब कार्टून, मीम और चुटकुलेबाजी चली. दोनों देशों की बीच की सीमा का ये पत्थर 1819 में लगाया गया थाबेल्जियम के अधिकारियों ने कहा है कि उस किसान से अनुरोध किया जाएगा की पत्थर को वापिस रख दे और अगर उसने नहीं रखा तो उसके बाद आगे की कारवाई पर विचार किया जाएगा

काबिनी के तट पर... अनीता 

जीवन वही है जो खुशियों से भरा हो, पुण्यशाली हो, संतुष्टि देने वाला हो. सुख लें औरों को सुख बाँटें. यदि वे अपने मन, वचन, कर्म से अन्यों को सुख देते हैं और निर्मल प्रेम बांटते हैं तो उन्हें भी वही कई गुना होकर मिलता है. नकारात्मकता को इस नए वर्ष में त्याग देना है, सत्य का संग करना है, मन की गति को सहज करना है.

*****

आज बस यहीं तक 

फिर मिलेंगे अगले गुरुवार। 


रवीन्द्र सिंह यादव  

 


11 टिप्‍पणियां:

  1. जीवन की आशा को संबल प्रदान करती प्रस्तुति
    आभार भाई रवीन्द्र जी..
    इस सकारात्मक प्रस्तुति हेतु..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. आशादयक प्रस्तुति आज सकारत्मकता से भरी रचनाओं की आवश्यकता है सुन्दर प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  3. अच्छी प्रस्तुति हैं आदरणीय रवींद्र जी। सभी लिंक अच्छे हैं और सभी रचनाकारों को मेरी ओर से खुब बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  4. "सीमा" को शामिल करने के लिए धन्यवाद. बढिया संकलन

    जवाब देंहटाएं
  5. ज्ञानवर्धक और उत्साहवर्धक भूमिका के साथ पठनीय सूत्रों का चयन, आभार !

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुंदर प्रस्तुति।
    मेरी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय।

    जवाब देंहटाएं
  7. सकारात्मक ख़बर आज की जरूरत है रविंद्र जी। आपके द्वारा ज्ञानवर्धक जानकारी से अपार हर्ष हुआ।DRDO के वैज्ञानिक बधाई और सराहना के पात्र हैं अपनी इस महान उपलब्धि के लिए। मानवता पर उपकार और समय की जरूरत है ये शोध । आज के बढ़िया लिंकों के रचनाकारों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं आपको भी शुभकामनाएं। कोरोना यौद्धा के रूप में आपकी नियमित ओर असीम सेवाएं सराहना से परे हैं। आप भी अपना खयाल रखें। मैरी शुभकामनाएं आपके लिए। स्वस्थ रहिए, साकुशल रहिए।

    जवाब देंहटाएं
  8. आज अभी पाँच लिंकों का आनंद लिया । महत्त्वपूर्ण जानकारी मिली । वैक्सीन संबंधित और नई दवा के विषय में अच्छी जानकारी मिली ।देश के वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं ।
    इस प्रस्तुति के लिए शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं

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