सोमवार को किन्हीं अपरिहार्य कारण से मैं चर्चा नहीं लगा पाई और आपको मेरे द्वारा पाँच लिंकों का आनन्द नहीं मिला . सबसे पहले सभी पाठकों से क्षमा याचना ... प्रिय यशोदा को हृदय से धन्यवाद कि उसने मोर्चा बहुत अच्छे से संभाल लिया ...
आज की प्रस्तुति की ज़िम्मेदारी सौंपी है तो प्रयास कर रही हूँ कि पाँच लिंकों का आनन्द भर पूर दे सकूँ .......
आज का समय ऐसा है कि मन - मस्तिष्क हर समय ही विचलित रहते हैं , ऐसे समय हमारे जो हमारे ब्लॉगर साथी इस महामारी से जूझ रहे हैं या इसको मात दे कर बाहर आये हैं , उन सबके लिए हम हृदय से प्रार्थना करते हैं कि वो सभी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ करें .
रूप चन्द्र शास्त्री जी हमारे बहुत पुराने ब्लॉगर और साथी रहे हैं ... आज कल कोरोना को हराने की जंग में शामिल हैं .... और एक तरह से हरा ही चुके हैं .... बस अब पूर्ण स्वास्थ्य लाभ ले शीघ्र हमारे बीच उपस्थित हों यही हम सबकी कामना है ... आज उनकी एक बहुत पुरानी रचना ले कर हाज़िर हुई हूँ .... इस तरह का लेखन शायद आपने शास्त्री जी का न पढ़ा हो .....
मुझे लेना नहीं आया , उन्हें देना नहीं भाया ...
हमारे मंच की सदस्या पम्मी जी ने कोरोना से दो - दो हाथ कर उसे भगा दिया है ..... लेकिन उनका पूरा परिवार ही महामारी की गिरफ्त में था .... बहुत कठिन समय निकला होगा ....हमारी दुआएँ उनके और उनके पूरे परिवार के लिए हैं ... शीघ्र सब स्वस्थ हों ...
वैसे भी वो न जाने क्या क्या कैद कर लेती हैं ..........
कोरोना की दूसरी लहर ने सभी चिकित्सकीय तैयारियों की वास्तविकता खोलकर रख दी है। देश भर के अनेक अस्पतालों में बेड और दवा तो दूर, मरीजों को ऑक्सीजन भी नहीं मिलने के समाचार सुर्खियों में हैं। इसे देखते हुए भारत सरकार ने 50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन खरीदने का फैसला किया है।
देश के हालात इस समय ऐसे हैं कि क्या किया जाये और क्या न किया जाय ...समझ ही नहीं आता ... हमारे एक ब्लॉगर बन्धु अरुण चन्द्र राय बहुत ही संवेदनशील विचार रख कह रहे हैं कि क्या करना चाहिए ......
मुद्रित कीजिए
अखबारों को श्वेत श्याम में
संपादकीय पृष्ठ को कर दीजिए
आज का अंतिम लिंक एक खूबसूरत ग़ज़ल के साथ ..... अभी फेसबुक पर बहुत सी रचनाएँ माँ को समर्पित हुईं थीं लेकिन यहाँ देखिये कि नासवा जी ने किसको माँ का आँचल हो गया कहा है .....
शुभ प्रभात..
जवाब देंहटाएंये ब्लॉग हम सभी का है
आज का समय ऐसा है कि मन - मस्तिष्क हर समय ही विचलित रहते हैं , ऐसे समय हमारे जो हमारे ब्लॉगर साथी इस महामारी से जूझ रहे हैं या इसको मात दे कर बाहर आये हैं , उन सबके लिए हम हृदय से प्रार्थना करते हैं कि वो सभी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ करें ..
आभार दीदी
सादर नमन
हार्दिक शुभकामनाएं।
हटाएंशुक्रिया यशोदा
हटाएंक्या बात है दी आज तो मैं भी हूँ..पूरानी रचना संग।बहुत बहुत शुक्रिया।हाँ,उबर रहे हैं।जल्द लौटते हैं वंदना,अभिवंदना करने। बीच बीच में ब्लॉग पर पढ़ जाती हूँ अभी।बाकी सब बढियाँ।
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंकों का चयन। सभी को शुभकामनाएँ।
धन्यवाद
आपके सपरिवार शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनाएं!!!
हटाएंप्रिय पम्मी
हटाएंजल्दी जल्दी स्वस्थ हो जाइए । सब यहाँ आपके इंतज़ार कर रहे हैं ।
अच्छा लगा आपको देख कर
हटाएंअगला बुधवार आपकी प्रतीक्षा कर
रहा है...
सादर..
जल्दी स्वस्थ हो के लौटिये ... बहुत शुभकामनायें ...
हटाएंहार्दिक अभिनन्दन है पाम्मी जी | आपको यहाँ उपस्थिति ख़ुशी से भर गयी | आशा है पिताजी समेत, घर पर सभी लोग स्वस्थ हो गए होंगे | हार्दिक शुभकामनाएं आपके लिए | जल्द ही स्वस्थ हो ब्लॉग पर लौटें यही कामना है |
हटाएंबहुत संजीदगी से सजाया गया एक रोचक लिंक।
जवाब देंहटाएंविश्वमोहन जी
हटाएंआभार ।
रोचक लिंक हैं। सभी परिवार सहित सकुशल रहें।
जवाब देंहटाएंशिखा
हटाएंशुक्रिया । बस सब सकुशल रहें ।
मुझे लेना नही आया।
जवाब देंहटाएंउन्हे देना नही भाया।।
ये रचना तो शास्त्री जी ने
भी शायद ही पढ़ी हो..
सादर नमन
लिखी तो उन्होंने ही है 😄😄😄,
हटाएंशुक्रिया
जी दीदी,
हटाएंकभी - कभी अपनी ही रचना
अनजानी लगती है..
सादर नमन
कभी कभी ? मुझे तो अपनी लिखी अक्सर लगतीं हैं 😄😄😄😄
हटाएंअच्छी प्रस्तुति ! सभी जने सुरक्षित व स्वस्थ रहें
जवाब देंहटाएंगगन जी
हटाएंशुक्रिया
बहुत ही उन्दा और अनछुए लिंको से सजी प्रस्तुति आदरणीय दी ,परमात्मा हम सभी को इस जीवन की जंग में विजयी जरूर बनायेगे पूर्ण विश्वास है। जिन्हे नया जीवनदान मिला उन सभी को अनंत शुभकामनायें एवं सत-सत नमन
जवाब देंहटाएंआपका होम्योपैथी अंक एक बार और पढ़वाइए
हटाएंसादर
कामिनी ,
हटाएंबहुत बहुत शुक्रिया । यशोदा जी की ख्वाहिश पर ध्यान दिया जाय ।
हम भी पढ़ेंगे एक बार..
जवाब देंहटाएंबढ़िया अंक..
सादर नमन
ज़रूर पढ़िए । शुक्रिया
हटाएंबहुत खूबसूरत प्रस्तुति,सब कुशल और स्वस्थ रहे
जवाब देंहटाएंशुक्रिया भारती 🙏
हटाएंसभी उम्दा लिंक हैं....अपना सभी ख्याल रखियेगा और अपनों का भी।
जवाब देंहटाएंसंदीप जी
हटाएंआभार 🙏
बहुत सुन्दर लिंक संयोजन आपका ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी रचना को शामिल करने के लिए ...
नासवा जी
हटाएंबहुत बहुत शुक्रिया 🙏
कोरोना विभीषिका के काल में राहत की कुछ खबरों के साथ, सुंदर लिंक्स की चर्चा रोचक लगी।
जवाब देंहटाएंसर्वे भवन्तु निरामया......❤
पुरुषोत्तम जी
हटाएंराहत की खबरें ज़रूर देनी चाहिए । मनोबल बना रहता है । शुक्रिया 🙏
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जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंप्रिय रेणु
हटाएंतुम्हारी प्रतिक्रिया चर्चाकार के लिए ऑक्सीजन का काम करती है । हर लिंक पर जा कर उस रचना पर विशेष टिप्पणी चर्चाकार की पसंद को एक पहचान देती है ।
ज़िन्दगी की जंग में कोरोना को हराने वाले सभी सेनानियों का हृदय से अभिनंदन है । सही कहा कि कोरोना जहाँ एक ओर दहशत दे रहा है वहीं प्रकृति की ओर भी ले जा रहा है और साथ ही बच्चों को भी आत्मनिर्भर बनने की ओर प्रेरित कर रहा है ।
कुछ समय तक अभी भी अपना विशेष ध्यान रखने की ज़रूरत है उन सबको जो इस बीमारी से दो - चार हुए हैं ।
सबके अच्छे स्वास्थ्य की शुभकामना के साथ .... घर पर रहिए सुरक्षित रहिए ।
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जवाब देंहटाएंप्रणाम दीदी। ऊपर मेरी टिप्पणी में कई त्रुटियां थी , उन्हें संशोधित कर यहां डाल रही हूं। आपके स्नेहिल उत्तर और त्रुटि की ओर ध्यान इंगित कराने के लिए सादर आभार,����
जवाब देंहटाएंप्रणाम दीदी। सभी को ससनेह अभिवादन। भावपूर्ण प्रस्तुति जिसका मुझे अंदाज़ा था आप जरूर लेकर आएंगी। सभी पुराने अनमोल लिंक जिनमें दिगम्बर जी का कोहिनूर शेर , ----सो गया फिर चैन से जब लौट कर आया यहाँ,
गांव का पीपल ही जैसे मां का आंचल हो गया // -----भी है पढ़कर बहुत ही अच्छा लगा | आपकी पारखी नज़र को सलाम | ऑक्सीजन पर बहुत ज्ञानवर्धक लेख मिला | पता ही नहीं था कि जिस ऑक्सीजन पर इतना हो- हल्ला और मारामारी है वो कैसे बनती और कितनी मत्वपूर्ण है | मयंक सर और सखी पम्मी जी के कुशल समाचार के साथ पम्मी जी को यहाँ देखकर अपार हर्ष हुआ | वे जल्द ही पूर्ण स्वस्थ होकर अपने अपने ब्लॉग पर लौटें यही कामना है | अरुण जी की समसामयिक व्यथाओं को इंगित करती रचना , कवि मन का आक्रांत स्वर है | मयंक सर के लेखन का ये रंग बहुत दुर्लभ है हम पाठकों के लिए |कोरोना की विभीषिका को हराने के लिए हमारे दोनों कोरोना यौद्धाओं का हार्दिक अभिनन्दन है | कोरोना को हराने में हमारी प्यारी जिज्ञासा जी भी पीछे नहीं रही | उन्होंने सपरिवार इस पीड़ा को झेला है और कुशलतापूर्वक इसे हराया भी है | उनका भी अभिनन्दन | इसी बीच ब्लॉग पर उनकी सक्रियता उनकी असीम जीवटता की परिचायक है | खुद मैंने भी सपरिवार आंशिक कोरोना का सामना किया | पतिदेव को तो गंभीर हालत से गुजरना पड़ा और माता पिताजी तो अभी पूर्ण स्वस्थ नहीं है पर धीरे -धीरे बीमारी से उबर रहे हैं || पर मुझे लगता है इस स्थिति में विचलित ना होना भी सबसे बड़ा उपाय है बीमारी से बचने का | चिंता और वहम के साथ अनगिन परेशानियां खुदबखुद आती रहती हैं | जहाँ तक हो सके घर पर रहकर उपचार लें , जबतक कि बहुत जरूरत ना पड़े बाहर ना जाएँ | और घर में सभी जन एक दूसरे का सहयोग करें खासकर बच्चों को घर के काम से दूर रखने की परम्परा सी बन गयी है | पर ये स्वाबलंबी होने का समय है | हमारी भावी पीढ़ी को कर्मठ बनना ही होगा | सभी स्वस्थ रहें , सकुशल रहें और अपनों के साथ रहें इन्ही कामनाओं के साथ इस नायाब अंक के लिए हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई | सभी रचनाकारों को सादर नमन 🙏🙏🙏💐💐
यूँ तो समझ सब ही गए होंगे कि तुम क्या लिख रही हो । क्यों कि टाइपिंग में कई बार ऑटो करेक्शन से शब्द अर्थ का अनर्थ कर देते हैं ।और यहाँ कुछ अनर्थ ही हो रहा था । इसलिए ध्यान आकर्षित करना ज़रूरी लगा ।
हटाएंसस्नेह ।
प्रिय रेणु जी,आपके निरंतर स्नेह की तहेदिल से आभारी हूं, जिस समय मेरे घर में कोरोना का आगमन हुआ,मैने देखा कि कई ब्लॉगर मित्र मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं, इसलिए मैंने कुछ भी साझा नहीं किया,आपको तो इसके बाद की स्थिति का पता ही है रोज एक नया सा अनुभव हो रहा है, कुछ दिनों में जब मन थोड़ा स्थिर हो जायेगा तो इसका अनुभव जरूर साझा करूंगी । मैं आपके विचारों से पूर्णतः सहमत हूं,आपको मेरी ढेरों शुभकामनाएं और बधाई..
हटाएंउत्कृष्ट लिंकों के साथ लाजवाब हलचल प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
बहुत सुखद लगा यह जानकर कि आ.पम्मी जी परिवार सहित एवं आ.शास्त्री जी अब स्वस्थ हैं....।
आ. जिज्ञासा जी एवं अन्य भी स्वास्थ्य लाभ पा रहे हैं सखी रेणु जी के पतिदेव एवं माँ पिताजी भी यह जंग झेल चुके सच में कितना भयावह है ये दौर.....।आप भी अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें रेणु जी! जब ये विषाणु परिवार में घुस चुका तो और भी सतर्कता का आवश्यकता होगी...।
हाँ आप सभी विजेताओं से अनुरोध है कि यदि हो सके तो अपने अनुभव शेयर कर औरों को सीख देकर लाभान्वित करें ताकि सभी इस दुश्मन को मात दे सकें।
सुधा जी
हटाएंआपका सुझाव अच्छा है कि कोरोना से जंग जीतने वाले अपने अनुभव शेयर करें । संध्या जी ने अपने ब्लॉग पर अनुभव को लिखा है । यदि हमारे और साथी भी अपने अनुभव लिखें तो बेहतर होगा ।
हलचल पसंद करने का शुक्रिया ।
आदरणीय संगीता दीदी,प्रणाम !
जवाब देंहटाएंइतना सारगर्भित और रोचक अंक मैने पढ़ा तो था,पर बच्चों को लेकर,अपने गांव चली गई थी,(वहां का माहौल पता कर लिया था,वहां सब ठीक था)वहां नेटवर्क की वजह से टिप्पणी नहीं कर पाई,आपका और सुधाजी का सुझाव अच्छा है कि कोरोना से जंग का अनुभव शेयर करें, जरूर शेयर करूंगी,बस थोड़ा मनःस्थिति और शारीरिक स्थिति से जंग लड़ लूं 😀 आप सबके स्नेह की आशा में जिज्ञासा सिंह..