सादर
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आज का ये स्थान मेरा नही है
जवाब देंहटाएंअतिक्रमण हेतु क्षमा
सादर नमन
यशोदा ,
हटाएंक्षमा सहित ,
कैसा वक़्त है न कि न दिन याद रहा न अपनी ज़िम्मेदारी ।
सभी पाठकों से क्षमा याचना 🙏🙏🙏🙏
कई बार ऐसा हुआ है, किसी परिस्थिति में बुद्धि लाक हो जाती है..
हटाएंसादर नमन
पसंद आई
जवाब देंहटाएंताबड़तोड़ प्रस्तुति..
जल्दबाजी में भी सटीक रचनाएं
सादर..
सभी अच्छी रचनाएं...। सभी रचनाकारों को खूब बधाई। सभी साथी अपना ध्यान रखियेगा और अपने परिवार का भी।
जवाब देंहटाएंबाहर सुंदर लिंक्स का चयन । कम समय में भी सुंदर लिंक्स समेटे । आई सी यू में जूझते प्रश्न ने झकझोर दिया । 🙏🙏
जवाब देंहटाएंबेहद सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंजय माँ जानकी ! प्रस्तुति है!आज सुबह जब पाँच लिंकों के आनंद को खोला तो कोई प्रस्तुति न देख कर मन चिंतित हो गया। फिर अभी आई, दिन भर सोच रही थी कि क्या कारण हो सकता है फिर अभी आई । अभी हर एक लिंक पर जाऊँगी । आप सबों को प्रणाम ।
जवाब देंहटाएंआप जैसी अवस्था मेरी भी हुई थी..
हटाएंपर मैं भिड़ गई.. और आधे घण्टे में
प्रकाश देने लगी..
आभार.
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद यशोदा अग्रवाल जी 🙏
जवाब देंहटाएंवाह ! बहुत ही सुन्दर सार्थक लिंक्स से सुसज्जित आज का संकलन ! मेरी रचना को इसमें स्थान दिया ! आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार सखी ! सप्रेम वन्दे !
जवाब देंहटाएंमार्मिक और भावपूर्ण रचनाओ से सजा अंक आदरणीय दीदी। कई बार जल्दबाजी में भी। लाजवाब पकवान बन जाता है। बेहतरीन अंक के लिए शुभ कामनाएं और बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुतियां आदरणीय दीदी,सादर नमन आपको,और सादर शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक्स। अभी पढ़े। आदरणीया यशोदा दी से सीखा तत्परता और समर्पण। यही है आज के अंक की सबसे बड़ी विशेषता। सादर।
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