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शनिवार, 28 सितंबर 2019

1534... चुप्पी



चार दिनों के बाद 150 वाँ जन्मदिन है..
 भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी जिन्हें बापू या महात्मा गांधी के नाम से भी जाना जाता है, के जन्म दिन २ अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप तथा विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाने लगा...

दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 115वीं जयंती मनाई जायेगी

- जन्‍म से वर्मा लाल बहादुर शास्‍त्री जाति प्रथा के घोर विरोधी थे. इसलिए उन्‍होंने कभी भी अपने नाम के साथ अपना सरनेम नहीं लगाया. उनके नाम के साथ लगी 'शास्‍त्री' की उपाधि उन्‍हें काशी विद्यापीठ की तरफ से मिली थी.

बीते कल ये 21 साल के हुए... 21 साल की उम्र में अगर आपसे कोई पूछे कि 'जीवन में किया क्या है'? तो शायद आप ये कह दें कि "अभी तो सिर्फ 21साल के..." लेकिन इनके चलते पूरा विश्व एक क्लिक में सिमट गया है..
हम आप रोज मिल लेते हैं.. 

पल प्रतिपल दिशा-देशांतर
खड़ी कर ऊँची मीनारें
करे धन संचय अति भयंकर
कला-साहित्य-ज्ञान-विज्ञान का मालिक बनकर
धर्म के धूम्रावरण की चादर फैलाकर
जब न्याय, इंसाफ, कानून बन जाये
कुछ लोगों की मिलकियत,
जब याचना की अर्जी
जो अपनी नर्म रोशनी में पिघला देता है हर सख्ती को
कि ‘सबसे ख़तरनाक वो चांद होता है
जो हर हत्याकांड के बाद
वीरान हुए आंगन में चढ़ता है
लेकिन आपकी आंखों में मिर्चों की तरह नहीं गड़ता’
क्योंकि वह चुप रहता है
नजरें फेर लेता है
तब भी तुम्हें पता नहीं चलता
कि मौन के इस सागर के नीचे धधक रही है कैसी बड़वाग्नि
उन लोगों को अपनी सीमा का अहसास रहता है
और शायद अपने समय का इंतज़ार भी।
कायदे से देखो
रात के इस राग में
झींगुर विसर्जित कर रहा है
अपना राग
यह विलाप नहीं
फिर भी
कुएं की उदासी
आंकी जा सकती है इस आवाज में
पर हम कर क्या रहे हैं
कुटुम्ब के सदस्य को
मार देतें हैं
या बस्तियां बहिष्कृत कर देते हैं
उनकी अर्थियां भी नहीं उठाते
बस घसीट कर ले जाते हैं
लाशें शमशान तक
आज अब बस..
चुप्पी आसान थी सो साध ली
><
पुन: मिलेंगे...
पर बाकी है विषय क्रमांक नब्बे
विषय
सुर
उदाहरण 

जब सुर खनकते हैं,
बेजान साजों से,
आवाज़ के पंखों पर उड़ने लगता है कोई गीत जब,
झूम झूम लहराते हैं ये दिल क्योंकि..
संगीत दिलों का उत्सव है,
संगीत दिलों का उत्सव है...उत्सव है.....
रचनाकार-सजीव सारथी

अंतिम तिथि- 28 सितम्बर
शाम 3 बजे तक
प्रविष्ठियाँ ब्लॉग सम्पर्क फार्म द्वारा


11 टिप्‍पणियां:

  1. आज पितरों का तर्पण एवं देवी शक्ति का आह्वान किया जा रहा है-
    जागो दुर्गा, जागो दशप्रहरनधारिनी,
    अभयाशक्ति बलप्रदायिनी, 
    तुमि जागो...
    अतःबहुत ही शुभ दिन है । आज के दिन ही शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जन्म हुआ था, जो भारती नवयुवकों के मान सम्मान एवं स्वाभिमान की मिसाल रहे हैं। उन्होंने सपना देखा था कि आजाद भारत में समानता का अधिकार शोषित -पीड़ित तबके को भी मिलेगा, लेकिन विचित्र विडंबना है कि हम चाहते हैं कि पड़ोसी का लड़का तो भगत सिंह बन जाए, परंतु हमारा पुत्र अंबानी- अडानी बने। स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर जी भी जन्मदिन है । जो अपने लक्ष्य को शीर्ष तक ले जाने का उद्घोष करती आ रही है।जिनकी गीतों को हम सभी किशोरावस्था से ही गुनगुनाया करते हैं। विभा दीदी की प्रस्तुति प्रतिष्ठित एवं नवोदित साहित्यिकारों और साहित्य प्रेमिका का सदैव मार्गदर्शन करती है।

    ****************
    बुरी बेटियों पर आपकी एक सुंदर रचना कल पढ़ी थी, तो मन में यह विचार आया-
    *********
    बुरी होती हैं वो माताएँ भी
    जो बेटियों के लिये नहीं रखती व्रत
    फिर भी उनसे करवाती हैं व्रत !
    बुरी होती हैं वे सासुमां
    जो बहू और बेटी में करती हैं फ़र्क
    बुरी होती हैं वे बहुरानी भी
    जो सास को नहीं समझती अपनी माँ
    बुरी होते हैं वे अभिभावक भी
    जो कहते बाबुल का घर हुआ पराया ?
    बुरी होती हैं वो जननी
    जो फास्टफूड और सिरियल में खोयी
    बेटियाँ बेचारी क्या सीखें फिर
    ससुराल का होमवर्क है कठिन..?
    ***
    सो, कहना चाहुँगा कि माताएँ इस पर " चुप्पी " न साधे रहे, कोई नहीं चाहेगा कि उनकी लाडली " बुरी बेटी" कही जाए...

    -व्याकुल पथिक का प्रणाम दी


    जवाब देंहटाएं
  2. क्षमा चाहुँगा भगत सिंह की जयंती कल रही।

    जवाब देंहटाएं
  3. छोटा सा शब्द चुप्पी
    मौन रहकर भी सब कह देता है
    सदा की तरह अप्रतिम
    सादर नमन..

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात दी जी 🙏)
    वाह !बेहतरीन प्रस्तुति👌)
    आप की तो चुप्पी भी चहक रही है बहुत सुन्दर दी जी
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत कुछ कह गई ये चुपी ,बेहतरीन प्रस्तुति ,सादर नमस्कार

    जवाब देंहटाएं
  6. लाजवाब! हर बार की तरह एक ही विषय पर शानदार संकलन।

    जवाब देंहटाएं
  7. चुप्पी मुखर हो रही है दीदी । बुरा न देखे..बुरा न बोले..बुरा न सुने ..के माध्यम से । सादर ।

    जवाब देंहटाएं
  8. बेहद लाज़वाब संकलन दी हमेशा की तरह..भूमिका में लगी तस्वीर गहन भाव और अर्थ समेटे महत्वपूर्ण संदेश दे रही..।
    सभी रचनाएँ सराहनीय है।

    जवाब देंहटाएं
  9. बेहतरीन रचनाओं का अनमोल संकलन।शानदार।

    जवाब देंहटाएं

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