ज़िंदगी
-----
संसार में जन्म के साथ मिलने वाली
धुकधुकाती साँसों से,
जग से साँसों का नाता टूटने तक की यात्रा सृष्टि के
प्रत्येक जीव की ज़िंदगी है।
जितने प्रकार का देह का आवरण, उतनी विविधता,
"जितने जीव उतनी ज़िंदगी।"
★
हर उम्र में ज़िंदगी का रूप-रंग
अलहदा होता है
सुख-दुख,धूप-छाँव,हर क़दम
दूसरे से जुदा होता है
बंद मुट्ठियों की चाह,पहेलियों में उलझे
फिरते हैं उम्रभर
पर रिक्त हथेलियों से आदि और अंत
सदा होता है
★ हर मोड़ गर रौशन मिलता,
तो ज़िंदगी आफ़ताब होती
हर रिश्ता प्यार से खिलता,
तो ज़िंदगी खुली किताब होती
दर्द,ग़म,फरेब,धोखा,बेईमानी,आसबाब
किर्चियाँ समेटकर चल रहे..
छोड़ पाते गर बेमतलब के सामान,
तो सफ़र में आसानी बेहिसाब होती।
★★★★★
आदरणीया साधना वैद
ज़िंदगी चलती रही
खुशनुमां वो गुलमोहर की धूप छाँही जालियाँ
चाँदनी, चम्पा, चमेली की थिरकती डालियाँ
पात झरते ही रहे हर बार सुख की शाख से
मौसमों की बाँह थामे ज़िंदगी चलती रही !
★
आदरणीया साधना वैद
ज़िंदगी का फलसफा
ज़िंदगी एक अनवरत जंग है,
संघर्ष है, चुनौती है, स्पर्धा है
एक कठिन इम्तहान है
यह एक ऐसी अथाह नदी है
जिसे पार करने के लिए
जो इकलौता पुल है वह भी
टूट कर नष्ट हो चुका है
★★★
आदरणीय सुबोध सिन्हा
एक कॉकटेल है ज़िन्दगी ...
सारे तंत्र-मंत्र, जादू-टोने, झाड़-फूंक,
अस्पताल, डॉक्टर-नर्स, दवाई, आई सी यू,
वेंटीलेटर ...इन सब को धत्ता बतला कर
बस रूप बदल फुर्र हो जाती है ज़िन्दगी....
हाँ ...अपनों को बिलखता छोड़ फुर्र....
पर नहीं...यहीं कहीं किसी अपने संतान में रूप बदल
संतान के सीने में धड़क रही होती है ज़िन्दगी
★★★★★★
आदरणीय मुकेश सिन्हा
ज़िन्दगी का ओव्हरडोज़
जिंदगी फिर भी कहकहे लगाती हुई खुद से कहती है
क्या कहूँ अब जिंदगी झंड ही होती रही
फिर भी बना रहा है घमंड
आखिर खुशियों का ओवेरडोज़
दर्द भरी आंखो मे कैसे बहता होगा
★★★★★★
★★★★★
आदरणीया मीना भारद्वाज
"पहेली"
और हाँ… .,
वक्त जब हाथ में आता है
तो वक्त और जिन्दगी..
दोनों का छोर
इन्सान के हाथों से
ना चाहते हुए भी
मुठ्ठी से बन्द बालू रेत सा
फिसल ही जाता है
★★★★★★
★★★★★
★★★★★★
आदरणीया कुसुम कोठारी
फुरसत ए जिंदगी .....
फुरसत -ए ज़िंदगी कभी तो हो रू-ब-रू
ढल चला आंचल अब्र का भी हो सुर्ख़रू ।
पहरे बिठाये थे आसमाँ पर आफ़ताब के
वो ले गया इश्राक़ आलम हुवा बे-आबरू ।
★★★★★आदरणीय डॉ. ज़फ़र
किसके घर हैं ज़िन्दगी....
वक़्त युही गुज़रता हैं जैसे गुज़र गया
यार फकत मुट्ठी भर हैं ज़िन्दगी,
गाँव के ग्वालन में सारी दुनियां हमारी हैं,
भोर भई मंदिर की घंटी औऱ मुरलीधर हैं ज़िन्दगी,
★★★★★★
आदरणीया अनुराधा चौहान
जिंदगी .....
ज़िंदगी तो वही जीते हैं
जो हर हाल में खुश हैं
रो-रोकर
जिए तो क्या जिए
बस दुःख की माला पहनते रहे
सब सुख
भला किसको मिला
किसी का पेट भरा
★★★★★★
आदरणीया सुजाता प्रिय
उपहार है ये जिंदगी
जिंदगी है इक सफर, हम राह तय करते चलें।
धरा से आसमान तक उड़ान हम भरते चलें।
चाँद - तारें छू लें बेकरार है ये जिंदगी।
भगवान ने दिया हमें उपहार है ये जिंदगी।
★★★★★
और चलते-चलते
आदरणीय सुशील सर
आज की यह प्रस्तुति आपसभी
को कैसी लगी?
आपकी प्रतिक्रियायें
मनोबल बढ़ा जाती हैं।
हमक़दम का नया विषय
जानने के लिए
कल का अंक पढ़ना न भूले।
#श्वेता सिन्हा
सुप्रभात,
जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार अंक,विषय ही इतना रोचक था रचनाये एक से बढ़कर एक प्रतीत होती है।
अटल जी को नमन-
रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई,
यों लगा ज़िन्दगी से बड़ी हो गई।
सादर
जानदार,मानदार,शानदार प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंसाधुवाद..
सादर...
वाह! स्वेता!
जवाब देंहटाएंजिंदगी के अंग
जिंदगी के जंग,
जिंदगी के रंग,
जिंदगी के संग ,
जिंदगी के ढंग ,
और
जिंदगी के उमंग,
की मोतियों से पिरोया बहुत सुंदर प्रस्तुति मालिका।
सभी एक से एक बढ़कर सुंदर। सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ। मेरी रचना को भी मान देने के लिए बहुत-बहुत धन्यबाद।
बहुत सुंदर प्रस्तुतीकरण
जवाब देंहटाएंवाह!!श्वेता ,बहुत खूबसूरत प्रस्तुति !मेरी रचना को स्थान देने हेतु बहुत-बहुत धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
बहुत ही सुन्दर संकलन !
जवाब देंहटाएंshaandaar kavitaon ke links, shukriya ....
जवाब देंहटाएंहमकदम की सदैव की भांति लाजवाब और बेहतरीन प्रस्तुति । मेरी रचना को साझा करने के लिए बहुत बहुत आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत एवं शानदार रचनाओं का चयन आज के संकलन में ! मेरी रचनाओं को स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार श्वेता जी ! देखिए हमकदम का सबको कितनी अधीरता से इंतज़ार था ! आज की बेहतरीन रचनाओं की गिनती इस बात की गवाह है ! बहुत प्यारा संकलन ! प्यार भरा अभिनन्दन स्वीकार करें श्वेता जी !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार श्वेता जी
जवाब देंहटाएंसुन्दर संकलन। आभार श्वेता जी।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार
सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई
धन्यवाद मेरी रचना हलचल में शामिल करने हेतु!
जवाब देंहटाएं