अपने स्वार्थ साधने को भूमि को जिसने बांटा ।
अपना घर भरने को, वनों को जिस ने काटा ।
ऐसे अपराधी बेटों से,मां भी शर्मिंदा होती है ।।
तब भारत माता रोती है............
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राहत फंड से
जवाब देंहटाएंकौन करेगा मौज़..?
सच कहा आपने बाढ़ के बाद प्रशासनिक आंकड़ों का खेल शुरु होता है।
अब देखें कल ही मैं एक वरिष्ठ अधिकारी से मीरजापुर में क्षति एवं राहत कार्य पूछा , तो उन्होंने डायरी खोली और कहा नोट करें , प्रारम्भिक जानकारी है।
1,37,800 जनसंख्या
329 गांव
8,927.785 क्षेत्रफल
7,862 फसल बोया क्षेत्रफल
35 कच्चा मकान ध्वस्त
हुये
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राहत कार्य-
694 लोगों का उपचार
6139 ओ आर एस
62335 क्लोरीन की गोली
29,180 पशु टीकाकरण
92 नाव/ 32 मोटरवोट
आप सभी देंखे प्रशासन कितना सजग है।
पर सच्चाई बताये अपने कोन विकासखंड में रात्रि के अंधेरे में प्रकाश करने के लिये मिट्टी का तेल ग्रामीण मांगते रह गये, क्यों कि घरों में विषैले जंतु घुस रहे थें।बिजली बाढ़ के कारण कटी थी।
परंतु बताया गया कि जिसने रसोई गैस और बिजली कनेक्शन ले रखा है, उसे तेल नहीं मिलेगी। दुर्भाग्य से जिस दिन बेटी दिवस का जश्न मनाया जा रहा था। यहाँ एक किशोरी की रात में सर्पदंश से मौत हो गयी।
इसे नियति का खेल बता दे सभी, परंतु यदि घर में लालटेन जला होता ,तो काल बना यह सांप शायद नहीं आता ?
प्रस्तुति आपकी बहुत सशक्त होती है । सभी रचनाकारों को व्याकुल पथिक का प्रणाम।
शुभ प्रभात भाई रवीन्द्र जी
जवाब देंहटाएंसारगर्भित जानकारियो से ओत-प्रोत अंक
आभार...
सादर..
ऐसी रचनाएँ कि बिना रुके,बिना थके,एक बैठक में ही सबका आनन्द पा लिया .नहीं तो एक बार छोड़ने के बाद दुबारा उठाते-उठाते बड़ी देर हो जाती है.चयन भी सुरुचिपूर्ण और अवसरानुकूल है -बधाई!
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स चयन
जवाब देंहटाएंसाधुवाद
सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंउम्दा संकलन
जवाब देंहटाएंउत्तम प्रस्तुति
सभी को खूब बधाई
सादर नमन
बेहतरीन संकलन
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति, सुन्दर
जवाब देंहटाएंपिरामिड सभी रचनाएं उत्तम
ब्लॉग पर टिप्पणी में संशोधन का क्या कोई विकल्प होता है ? जैसे मैं यहाँ हेक्टेयर लिखना भूल गया था और कभी-कभी मात्राएँ भी अशुद्ध हो तो , उसे ठीक किया जा सके। जैसे तेल नहीं मिलेगा कि जगह यहाँ मिलेगी लिख दिया हूँ .. ।
जवाब देंहटाएंसादर।
एडिट का आप्शन फेसबुक में तो है...
हटाएंपर अफसोस,ब्लॉग में ऐसा कोई आप्शन नहीं है..
पाठक समझदार हैं...
सादर..
जी धन्यवाद ,समझ गया।
हटाएंबहुत शानदार प्रस्तुति, सभी लिंक बहुत गहरी रचनाओं के साथ ।सभी सामग्री उच्चस्तरिय पठनीय।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई।
बहुत सार्थक वर्ण पिरामिड से शुरूआत, अंत तक सार्थक संकलन।
बेहतरीन प्रस्तुति ,सादर नमस्कार
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