आज हिन्दी दिवस है
मनाया बिलकुल वैसे ही जाएगा
हमको तो जकड़े गए हैं
हिन्दी की गिरफ्त में...
चलिए आज की चयनित रचनाओं की ओर..
पता नहीं लोगों के पास समय होगा कि नहीं पढ़ने का
सादर
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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आपका आभार यशोदा जी ,एक बैठक में पढ़ लेना बहुत अच्छा लगता है .
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम
हिन्दी दिवस की हार्दिक बधाई
सुन्दर लिंक का चयन
सादर
सुन्दर बुधवारीय हलचल । आभारी है 'उलूक' एक पुरानी बकवास 'औरों के जैसे देख कर आँख बंद करना नहीं सीखेगा किसी दिन जरूर पछतायेगा' को शीर्षक देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंशानदार पांच लिंकों का खजाना में आज आठ पढ़ने को मिलीं |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार यशोदा जी |
जवाब देंहटाएंहिन्दी दिवस -
जवाब देंहटाएंसूर की राधा दुखी, तुलसी की सीता रो रही है।
शोर डिस्को का मचा है, किन्तु मीरा सो रही है।
सभ्यता पश्चिम की, विष के बीज कैसे बो रही है ,
आज अपने देश में, हिन्दी प्रतिष्ठा खो रही है।।
हाय! माँ, अपने ही बेटों में, अपरिचित हो रही है।
बोझ इस अपमान का, किस शाप से वह ढो रही है?
सिर्फ़ इंग्लिश के सहारे भाग्य बनता है यहाँ,
देश तो आज़ाद है, फिर क्यूं ग़ुलामी हो रही है?
हिंदी पखवाड़ा -
आज माँ की दुर्दशा पर, पुत्र अविरल रोएगा,
उसके अधिकारों की खातिर, चैन अपना खोएगा.
बोझ हिंदी भक्त का, पन्द्रह दिनों तक ढोएगा,
फिर मदर इंग्लिश के, चरणों में पड़ा, वह सोएगा.
बहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति। .
जवाब देंहटाएंहिंदी दिवस की हार्दिक बधाई!