न भिष्म की सुनी...
न मां गांधारी की...
श्री कृष्ण भी शांती दूत बन कर गये...
फिर भी दुर्योधन न माना...
और युद्ध हो कर ही रहा...
आज पाकिस्तान की भी यही स्थिति है...
कहते हैं न...
जब काल किसी पर छाता है...
पहले विवेक मर जाता है...
युद्ध से तो केवल विनाश ही होता है...
महाभारत के बाद...
न कौरव सुखी थे...
न पांडव...
काश पाकिस्तान को ये बात समझ आ पाती...
विश्व में अमन रहे...
इस आशा के साथ...
पेश है आज की चुनी हुई कड़ियां...
माँ तू बोली थी न
बहादुर बाप का बहादुर बेटा है तू
शहीद हो गए हैं तेरे बाबा
देश के खातिर जान लुटा दी
था भारत का वो वीर सिपाही
नत मस्तक सारा देश हुआ है
वीर पुत्र का सम्मान मिला है
सुन कर मुन्ना गोदी से नीचे उतरा
भर कर आँखों में आँसू
निकट बाबा के जा बैठा
दो नन्हें हाथों को जोड़े
मन ही मन कुछ वो बोला
समझ न सका कोई कुछ भी
बस झर झर आँसू बह रहे थे
अब न थी कोई शिकायत
न माँ से न बाबा से
अचानक ही बच्चा
बडा हो गया था
या हालात ने बना दिया था
सावन
बहार फ़क़त तेरी आँखों का इक धोखा है
ये वो सावन है जो मेरी आँखों से बरसा है,
तीनों पीढी एक साथ
अलग अलग रहने की
कल्पना तक कभी
मन में न आई
बरगद की छाँव में
बगिया मेरी हरी भरी
मेरे मन को बहुत भाई|
एक मित्र से अनुरोध
भारत में हर व्यक्ति, समस्या निदान के लिए, विश्व का सबसे बड़ा विद्वान है , आप कोई समस्या बताइये जवाब हाज़िर है खास तौर पर बीमारियों के इलाज़ , बिना शरीर हिलाये तो
टिप्स पर हैं .... हार्ट एवं मोटापे के इतने इलाज हैं कि उन्हें सुनकर आपको लगेगा कि मैं बेकार ही चिंता करता हूँ शायद ही कोई भारतीय होगा जो मेथी, जामुन व्
लहसुन नहीं खाता होगा और यह इलाज बचपन से मालूम हैं , उसके बाद सबसे अधिक मौतें इन्हीं बीमारियों से होती हैं मगर मजाल है कि किसी घर में यह देसी इलाज बंद हुए
हों !
हनुमत रविकर ईष्ट, उन्हें क्यों नही पुकारा
इक सिक्के के लिए, करूं क्यों भक्ति विखंडित।
क्यूं कूदें हनुमान, प्रत्युत्तर देता पंडित।।
लड़ी जा सकनेवाली एक लड़ाई
हम, पाकिस्तान से सर्वाधिक त्रस्त देश हैं। हम सीधा युद्ध तो शुरु नहीं कर सकते किन्तु पाकिस्तानी सेना की तरह छù युद्ध तो लड़ ही सकते हैं। एक ही अन्तर होगा।
हमारी यह लड़ाई धीमी होगी, देर से नतीजा देनेवाली और भारत में ही लड़ी जाएगी।
एक लड़ाई ऐसी भी लड़ने पर विचार करने में हर्ज ही क्या है?
**~प्यारी बेटियाँ ~**
जीवन में कुछ रिश्ते दिल के बहुत-बहुत क़रीब होते हैं -माँ, पिता, बेटा, बेटी और दोस्त ! विशेषकर 'बिटिया' तो दिल की धडकन की तरह हरपल साथ होती है !फिर उसके
लिए किसी एक दिवस की कोई दरक़ार कहाँ !
ये कविता हर दिन, हर पल - सभी बेटियों को असीमित स्नेह एवं शुभकामनाओं सहित समर्पित ~
धन्यवाद।
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंभारत की जनता
जिए या मरे
सैनिक तो शहीद
होने के लिए ही
बना जाता है
ऐसा ही समझते है
देश के नेतागण
सादर
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कड़ीओ का चयन
सादर
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स का चयन
बढ़िया हलचल प्रस्तुति कुलदीप जी ।
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद |
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति..
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