निवेदन।


फ़ॉलोअर

मंगलवार, 6 सितंबर 2016

417...बच्चों को स्वस्थ बनाकर ही देश को एक स्वस्थ व सशक्त राष्ट्र बनाया जा सकता है।

जय मां हाटेशवरी...
आज के बच्चे ही कल युवा होंगे और राष्ट्र की प्रगति व संरक्षण का दायित्व उनके कंधों पर होगा। ऐसे में आवश्यक है कि वे शारीरिक-मानसिक स्तर पर स्वस्थ व मजबूत हों। बच्चों को शारीरिक-मानसिक स्तर पर स्वस्थ व मजबूत रखने के लिए बुनियादी जरूरत यह है कि गर्भ में पल रहे शिशु से लेकर तकरीबन तीन-चार वर्ष तक उनके पोषण व चिकित्सा का समुचित ध्यान रखा जाए। इस समय अगर उनके खान-पान आदि के प्रति जरा भी लापरवाही हुई तो वे कुपोषण की चपेट में चले जाते हैं। सच तो यह है कि कुपोषण की समस्या आज इतना विकराल रूप ले चुकी है कि विश्व बैंक ने इसकी तुलना ‘ब्लैक डेथ’ नामक उस महामारी से की है जिसने अठारहवीं सदी में यूरोप की एक बड़ी जनसंख्या को नष्ट कर दिया था।


बच्चे देश का भविष्य हैं। बच्चों को स्वस्थ बनाकर ही देश को एक स्वस्थ व सशक्त राष्ट्र बनाया जा सकता है। इसी के दृष्टिगत भारत  में प्रत्येक वर्ष 1 सितम्बर से 7 सितम्बर तक राष्ट्रीय पोषाहार सप्ताह मनाया जाता है...
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का विषय-वस्तु (थीम):- 1. 2011 का विषय था “शुरुआत से ही अच्छा भोजन”। 2. 2012 का विषय था “पोषण जागरुकता- स्वस्थ राष्ट्र का समाधान”।

3. 2013 का विषय था “प्रोजेक्ट डीनरटाईम- बनाओ, खाओ और आनन्द उठाओ”। 4. 2014 का विषय था “पोषक आहार देश का आधार”। 5. 2015 का विषय था “बेहतर पोषण: विकास के
लिए महत्वपूर्ण”। 6. 2016 का विषय है:” मेरा भोजन तथा टेक होम राशन” ।
अब पेश  है आज की चयनित कड़ियां...

 शिक्षक दिवस था...
आज इस मौके पर मैं हर छात्र से कहना चाहता हूँ की तुम्हारा “I Can”तुम्हारे “IQ” से ज्यादा महत्वपूर्ण होता हैं |तुम अपनी परिस्थितिओं से ऊपर हों,ड्रीमर बनों,...जहाँ तक सोच सकते हों हासिल भी कर सकते हों ,पर ध्यान रखना मानव का मन एक समय में केवल एक ही चीज पर फोकस कर सकता हैं,तुम्हे भी एक ही चीज पर फोकस करना होंगा तभी आशातीत सफलता प्राप्त कर सकोंगे |हर दिन 60000 विचार आते हैं,फ़ालतू ,गैर जरुरी विचारों पर ध्यान न दो ,भले ही वे अछे विचार क्यूँ न हो ,ध्यान दो केवल उसी विचार पर जो तुम्हे तुम्हारे लक्ष्य की तरफ ले जाए ,अपने मन को इस तरह ट्रेनिंग दो, की वह सिर्फ इन्ही विचारो को जगह दे ,विचार उर्जा हैं ,फोटान जैसे हैं ...उर्जा के करेस्पोनडेन्स जो फ्रिक्वेंसी हैं ,ब्रम्हांड की उस फ्रिक्वेंसी की अन्य चीजे भी आकर्षित होती हैं | विचार ही हमसे कार्य करवाते हैं इसलिए विचारो की गुणवत्ता से समझौता न करना |

तंज़….
रात आई है कितनी बन ठन के
चराग़ बिन जले ही जलते हैं ।
अलाव, सिसकियाँ खयालों की
जिनको ख़ामोशी में समोते हैं ।
उनके गेसू में फूल टेसू के
आग जंगल की आज लगते हैं ।

चुनौती खुद को
कुछ दिनों में ही समझ में आ गया कि यह मन जीतने नहीं देगा और मज़ाक बन जायेगी इस संकल्प की , सो दो माह बाद होने वाले हाफ मैराथन ( 21 km ) रनिंग का फार्म भर
दिया और परिवार व् नज़दीक मित्रों में घोषणा कर दी !
और इज़्ज़त बचाने के लिए हांफते हांफते भी हाफ मैराथन दौड़ना ही पड़ा और  जब मैंने यह असंभव जैसा कार्य कर लिया तब आत्मविश्वास से सराबोर अगले ४ माह में ही , 3
हाफ मैराथन सहित दसियो मैडल आसानी से हासिल किये !

समय को मत समझाया कर किसी को एकदम उसी समय
लिखते ही हैं
लिखने वाले
समझाने के
लिये मायने
किसी और
की लिखी
हुई पुरानी
किताब में
किसी समय
उस समय के
उसके लिखे
लिखाये के
समझते हैं
करेंगे कोशिश
उलझने की
समय से
समय पर
ही आमने
सामने अगर
समय की
सच्चाइयों से
उसी समय की

क्रोध बनाम सौंदर्य -
      क्रोध के  कम्पन से एक बात समझ आ गयी कोई दूसरा क्रोध करे या न करें हम उसके तेवर में आने से पहले ही काँपने लगते है।  अगले को काहे मौका दें कि वह हम पर अपना कोई तीर छोड़े।
           क्रोध की महिमा जानकार साहब  क्रोध को ऐसे गायब करने का प्रयास कर रहे हैं जैसे गधे से सिर से सींग. सारे सहकर्मी  पूरे शबाब पर थे।  एक दो पिछलग्गू भी लगा लिए और साहब की चम्पी कर डाली।भगवान् जाने  ऐसा मौका मिले न मिले।  अन्य  सहकर्मी -- साहब योग करो, . व्यायाम करो.........

ये हिंदुत्व का जादू ही तो है |
1995 की घटना है, लंदन में स्वामीनारायण संप्रदाय वालों ने अक्षरधाम की तरह ही एक भव्य मंदिर बनाया था. स्वामीनारायण वालों की विशेषता है कि वो अपने मंदिरों के साथ जुड़े संग्रहालय में हिन्दू संस्कृति और इतिहास का परिचय कराने वाली मूर्तियाँ, कलाकृतियाँ आदि भी लगाते हैं. लंदन के मंदिर में स्वामीनारायण पंथ के सन्यासियों ने एक दिन वहां के मेयर को आमंत्रित किया. मदिर में दर्शन करने के पश्चात् वो मेयर मंदिर के साथ लगे संग्रहालय भी देखने गये. वहां पर रामायण को चित्रित करती तस्वीरें लगी थी. इन तस्वीरों का अवलोकन करते-करते वो मेयर श्रवण कुमार की उस तस्वीर के सामने रूक गये जिसमें श्रवण अपने बूढ़े अंधे माता-पिता को बहंगी में उठाये हुए हैं. मेयर साहब ने साथ चल रहे संन्यासी से पूछा कि तस्वीर में दिख रहा ये युवक कौन है और क्या कर रहा है? संन्यासी ने उन्हें बताया कि ये हमारे रामायण काल का एक युवक श्रवण है जिसके माता-पिता वृद्ध और अंधे थे. उसके माता-पिता की तीर्थाटन की इच्छा हुई तो श्रवण ने उन्हें बहंगी में बिठाकर सारे भारतवर्ष का तीर्थाटन कराया. सुनकर मेयर हतप्रभ रह गया, उनके मुंह से निकला, क्या ये संभव है कि एक नवयुवक जिसकी अभी मौज-मस्ती करने की उम्र है वो इस तरह से अपने वृद्ध और अंधे माता-पिता
को तीर्थयात्रा करवा रहा है? शायद मेयर साहब की आँखों के सामने इंग्लैंड में खुले हुए ढ़ेरों वृद्धाश्रम के दृश्य घूम गये. संभवतः उन्हें ये भी पता था कि उनके इंग्लैंड में जब माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं तो बच्चों को लगता है कि ये डिस्टर्ब करते हैं इसलिये वो उन्हें ओल्ड-एज-होम में छोड़ आते हैं और इसलिये उस मंदिर से वापस आने के बाद उस मेयर ने फ़ौरन वहां के स्कूलों के लिए एक सर्कुलर निकाला कि रविवार को अपने बच्चों को स्वामीनारायण मंदिर में लेकर जाओ ताकि वो सीख सकें कि हिन्दू धर्म क्या है, हिन्दू जीवन-मूल्य क्या है.

आज बस इतना ही...
अभी-अभी लिखी गयी पांच रचनाओं के लिये...
इस ब्लौग के अंत में जाएं...
धन्यवाद।






   











6 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात..
    बहुत ही अच्छी रचनाएँ
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. आभार रचना के सम्मान के लिए, हार्दिक मंगलकामनाएं !!

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति कुलदीप जी । आभारी है 'उलूक' सूत्र 'समय को मत समझाया कर किसी को एकदम उसी समय' को स्थान देने के लिये ।

    जवाब देंहटाएं
  4. अच्छी हलचल प्रस्तुति हेतु धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  5. Ramanasri IAS Institute is Best IAS Coaching in Delhi NCR. On the of the chance that is very intrigued to turn into an IAS Officer and Serve to your nation country. At that point, UPSC Civil Services Examination is the Main obstacle in the middle you had always wanted Job. Ramanasri IAS Institute is top speciality IAS Coaching Institute for UPSC/IAS Aspirant. which offers the IAS Foundation Course, General Studies Foundation Course and Full Course including Optional Subjects. At Ramanasri IAS Institute, you can get Fee Concession as Ramanasri IAS Institute Module (For Urban Poor, Minority, Rural, OBC, SC/ST Students).


    how to prepare economics for upsc

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...