निवेदन।


फ़ॉलोअर

गुरुवार, 20 अगस्त 2015

समय भूल जायेगा तुझे और मुझे.......तैंतीसवीं प्रस्तुति

अच्छे होते हैं ..
बुरे लोग....!!!
जो अच्छा होने का 
नाटक तो नहीं करते.


सादर अभिवादन....


चलते हैं देखने आज की चुनिन्दा रचनाएं...




आप कुछ सवालों के 
जवाब देकर पैसे कमा सकते हैं।


काट रही हूँ धीरे धीरे
जिससे प्यार सिर्फ प्यार रहे
न किसी को साधे न किसी को बांधे
न सधे  न बंधे कभी किसी बंधन में


तुझे और मुझे 
फिर हर खेत 
में कबूतरों की 
फूल मालाऐं 
पहने हुऐ रंग बिरंगे 
पुतले नजर आयेंगे 


ले अक्षत व डोरी
ताके ड्योढ़ी


फूल एक उपवन के
सींचा और सँवारा
माली ने
एक समान हमे
आज
भरा जीवन हम में

अब आज्ञा दें यशोदा को
फिर मिलते हैं..














2 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात छोटी बहना
    स्नेहाशीष

    आपके चयन हमेशा से मुझे प्रभावित करते रहे
    खुद के लिखे को देख धन्य हो जाती हूँ
    आभारी हूँ

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर प्रस्तुति । आभार 'उलूक' का :) ।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...