आज भी कुछ पढ़ लिख लें
बड़ी बहना
माँ स्वरूपा
सम-उम्र बहना
सखी अनुरागी
छोटी बहना
प्यार लुटाती
समय पड़ने पर
रक्षा करती
आस की प्यास
एक हौसले की थपकी की
मैं हूँ न
श्याम जी की लेखनी
कानून से मिला हक़
धन का बंटवारा
नहीं करती संवेदनशील बहना
मइके के मिट्टी से स्नेह जोहती
अर्चना जी की लेखनी
साल में एक दिन
बहनों के लिए
समय क्यों नहीं
निकल पाता भाइयों का
चण्डीदत्त जी की लेखनी
फिर मिलेंगे ....... तब तक के लिए
आखरी सलाम
शुभ प्रभात दीदी
जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार प्रासंगिक प्रस्तुति
सभी रचनाएँ उत्कृष्ट हैं
सादर..
शुभ प्रणाम दीदी
जवाब देंहटाएंजन्म दिवस पर
बहुत सारी
शुभकामनाएँ
सादर चरणस्पर्श
यशोदा
रक्षाबंधन और जन्म दिन दोनो की ढेर सारी बधाई और शुभकामनाऐं । सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविताएँ , बधाई
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविताएँ , बधाई
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविताएँ , बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत आभार ...व शुभकामनाएँ
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