125 करोड़ लोगों की भागीदारी होगी तो देश हर पल 125 कदम आगे बढ़ेगा।....
हमें सिर्फ विकास पर ध्यान देना होगा। एकता बिखरने से सपने चूर-चूर हो जाते हैं।...
-सांप्रदायिकतावाद का जूनुन, जातिवाद के जहर को नहीं पनपने देना है।...
एकता और सफलता भारत की पूंजी, शक्ति है, इस पूंजी पर दाग नहीं लगना चाहिए।...
ये शब्द हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीके... जो उन्होंने आजादी की 69वीं सालगिरह पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहे...
अब आप के लिये...
">भगतसिंह के लेख एवं दस्तावेज
अब अपने इस आनंद के सफर को...और आनंददायक बनाने के लिये पढ़ते हैं ये 5 रचनाएं...
फिर धुआं दिखने लगा संसद में है।
उसकी आदत में निजामी,....कुछ तो है।।
मज़हबी साया में देखो हुश्न बेपर्दा हुआ ।
हो गयीं वह भी किमामी,.....कुछ तो है ।।
जिसकी सत्ता थी नहीं उसको कबूल।
दे रहा है वो सलामी ,....कुछ तो है ।।
पुख्ता सबूतो पर मिली फाँसी उसे ।
क्यों हुई ये ऐहतरामी,....कुछ तो है ।।
बापू - माँ का शक्ल दागी हो गया है।
मैली चादर रामनामी ,....कुछ तो है ।।
है खबर शायद इलेक्शन हांरने की।
देखिये बद इंतजामी,.... कुछ तो है ।।
इसी समुदाय का कोई सदस्य अगर अपनी पसंद का करियर चुनना चाहता है उसके पास तमाम योग्यता और क्षमता के साथ आगे बढ़ने का जज़्बा भी है लेकिन क्या उसके लिए रास्ता
उतना ही आसान होता है जितना कि हम तथाकथित सामान्य लोगों के लिए...हम खुद को सामान्य कैसे कह सकते हैं अगर हम इस समुदाय (हिजड़ा या ट्रांसजेंडर्स) को खुशी के
मौकों पर नाचने-गाने के अलावा कहीं और देख ही नहीं सकते...
भला हो सुप्रीम कोर्ट का जिसने 14 फरवरी 2014 को ऐतिहासिक फैसले में इस समुदाय को थर्ड जेंडर की पहचान दी...यहीं नहीं सरकार से इन्हें सामाजिक और आर्थिक तौर
पर पिछड़े समुदाय के तौर पर नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण देने के लिए भी कहा। लेकिन सिर्फ कोर्ट के फैसले पर ही बात खत्म नहीं हो जाती...इस समुदाय को पूरा
न्याय तब मिलेगा जब समाज भी इनके लिए अपनी सोच को बदले...इस बात को समझे कि इस समुदाय को भी सम्मान के साथ रहने का अधिकार है जितना कि मुझे और आपको...मेरा यही
मानना है कि नौकरियों और शिक्षा में अगर किसी को वास्तव में ही आरक्षण की ज़रूरत है तो इसी समुदाय को है।
नहीं चाहते हम दुनिया को अपना दास बनाना
नहीं चाहते हम औरों के मुँह की रोटी खा जाना
सत्य न्याय के लिए हमारा लहू सदा बहेगा
हिन्द देश का प्यारा ..........................
हम कितने सुख सपने लेकर इसको फहराते हैं
इस झंडे पर मर मिटने की कसम सभी खाते हैं
हिन्द देश का यह झंडा घर-घर में लहराएगा
हिन्द देश का प्यारा ..........................
आजाद देश के आजादी के आदी हो चुके आजाद लोगों को एक बार पुन: आजादी की ढेर सारी शुभकामनाऐं
खुशी खुशी शामे दावत
की तैयारी में जुट जायें
आजादी के होकर गुलाम
फिर वही सब रोज का
करने को वही सब काम
एक गीता बगल में दबा
कर शुरु वहीं से जहाँ
रुके थे फिर से शुरु हो जायें
सन 2011 में जब देश में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन शुरू हुआ तो कहा जा रहा था कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा कानून बन गया तो दिल्ली और मुम्बई के कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स
जेलों में तब्दील हो जाएंगे। कानून बने एक साल से ज्यादा हो गया, अभी कुछ हुआ नहीं। पर इससे निराश होने की जरूरत भी नहीं। यह सिर्फ संयोग नहीं है 1991 के उदारीकरण
के बाद से घोटालों का आयाम अचानक बढ़ा है। पहले लाख-दस लाख के होते थे, फिर करोड़ों के होने लगे। अब अरबों के होते हैं। शेयर बाजार घोटाला इनमें पहला था।
अंत में एक निवेदन...
मैंने इस 15 अगस्त से हमारा अतीत नाम से एक सामूहिक ब्लौग प्रारंभ किया है। सभी संमानित रचनाकार इस शुभ कार्य में इस ब्लौग का रचनाकार बनकर मुझे सहियोग दें। तथा इस ब्लौग पर केवल देश प्रेम, हमारा गौरवमयी इतिहास तथा हमारी अनुपम सभ्यता संस्कृति से संबंधित रचनाएं प्रकाशित करें, जिससे इस प्रकार की रचनाओं का एक बड़ा संकलन बन सके। इस के लिये आप मुझे मेरी ईमेल kuldeepsingpinku@gmail.com पर संपर्क करें...
धन्यवाद।
वाह....
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति कुलदीप जी ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका इंतजार...
मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
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