प्रणामाशीष
सावन बिन तीज की चर्चा रहे
है न सब फीका
सावनी तीज सोमवार को बीत गया
रीत गया बात तो हम कभी भी कर सकते हैं
ब्लॉग मित्र की लेखनी
वैसे भी मैं बिहारी हूँ
बिहार में मिथिला के कुछ लोग सावन के तीज मनाते हैं
जिसे मधुश्रावणी के नाम से जाना जाता है
जिसमें नई वधू को पान के पत्ते से दागना
और जिसे जितना फोफला उठे
प्यार का चिह्न मानना
मुझे हमेशा खला
ब्लॉग मित्र की लेखनी
ब्लॉग मित्र की लेखनी
ब्लॉग मित्र की लेखनी
बिहार में भादो के तीज का महत्व ज्यादा है
मेरी दादी , माँ , देवरानी , सास जी वही करती थीं
चाची , भाभी , ननद करती हैं
मुझे तो बनने वाले पकवानों से मतलब रहा
मेरे छोटे भैय्या को तब तक चावल रोटी की भूख नहीं रहती है
जब तक पड़किया खजूर का डिब्बा भरा रहे
ब्लॉग मित्र की लेखनी
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंप्यारी प्रस्तुति
आभार..
बहुत सुंदर सूत्र संकलन । सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति .
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