तुम्हारी एक निगाह से
क़तल होते हैं लोग,
एक नज़र ....
हमको भी देख लो
कि ज़िन्दगी अब
अच्छी नहीं लगती…
सादर अभिवादन....
चलिए देखते हैं
मेरी और आपकी पसंद में फर्क......
सच में अगर दिल
साफ होता है तो
पूजा मस्जिद में
क्यों नहीं की जाती है
और मंदिर में नमाज
क्यों कभी नहीं
कहीं भी पढ़ी जाती है ।
फोटोशॉप की सफलता के बाद अब मैं आपके लिए लाया हूँ
Coreldraw का कोर्स हिंदी में यानि Coreldraw in hindi
कुछ समय से
घर भर गया है
मेहमानों से.
घर ही नहीं
शरीर, मन, मस्तिष्क
चेतन, अवचेतन.
ये मात्र मेहमान नहीं
भविष्य ने बुलाया था तुम्हें
तरक्की ने रास्ता निहारा था
तुम्हारी अपनी ज़रूरतें थीं
हमेशा अपनी सहूलियतें
सब चुना अपनी मर्ज़ी से
हज़ारों मुश्किलें हैं दोस्तों से दूर रहने में
मगर इक फ़ायदा है पीठ पर खंज़र नहीं लगता
कहीं कच्चे फलों को संगबारी तोड़ लेती है
कहीं फल सूख जाते हैं कोई पत्थर नहीं लगता
और विदा लेने की इज़ाज़त दें...
तू याद रख, या ना रख...
तू याद है, ये याद रख....!!
-दिग्विजय
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जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर इक्तीसवाँ पाँच लिंको का अंक । आभारी है 'उलूक' सूत्र 'कलाकारी क्यों एक कलाकार से मौका ताड़ कर ही की जाती है' को पाँच में जगह देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति ....आभार!
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा...
जवाब देंहटाएंआभार आप का।
दिग्विजय जी बहुत सुंदर लिंक्स का संकलन. मेरी रचना को शामिल करने के लिए धन्यबाद.
जवाब देंहटाएंदिग्विजय जी बहुत सुंदर लिंक्स का संकलन. मेरी रचना को शामिल करने के लिए धन्यबाद.
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