हाज़िर हूँ...! पुनः उपस्थिति दर्ज हो...
तीन हजार तीन सौ दो प्रस्तुति की यात्रा में इस ब्लॉग के संग रहने के लिए महत्त्वपूर्ण रहा, आपका स्नेह -शुभकामनाएँ और हमारी ओर से आभार और...
एक ऐसा शब्द जो अनेक सामाजिक पूर्वाग्रहों के चलते किंतु-परंतु, हां-नही,सही-गलत के भंवर से बाहर निकल कर सांस लेने को हमेशा ही छटपटाता रहता है|
लेकिन यकीन मानिए यह दो व्यक्तियों के बीच सकारात्मक उर्जा का एक ऐसा जादुई ,निर्बाध प्रवाह है जो दोनों ही व्यक्तियों को हमेशा-हमेशा के लिए एक अद्भुत भावनात्मक बंधन में बांध देता है|
पवन-बयार संग थी जगमग चांदनी मद्धम
साँसों की लय पर थिरकती वाहिनी थम-थम ।
उँगलियों की नर्मी से थे अभिभूत दो ह्रदय
डोलते क़दमों से छिड़ा निर्बाध प्रेम-विषय ।
हर क्षण ने जोड़ा था ईंट झिझक के उस पार
होठों का वो स्पर्श और उसमें मिश्रित प्यार ।
कुछ लोग भी हैं इस दुनिया में, जो नहीं दिखते सबके जैसे
इसमें उनका कुछ दोष नहीं, पर बनते पात्र ठिठोली के
दिव्यांग जनों की पीड़ा का, करो बोध लगे जब चोट तुम्हें
बस प्यार भरे बर्ताव से ही, उनको जीवन में राह दिखे
मैं अपनी परिपक्वता साबित करने के लिए
फ़िर नहीं कह पाती
कि माँ तुम्हारी याद आती है
तुम्हारे आलिंगन के बिना
अपने अंतस के रिक्तता में
फिसलते जा रही हूँँ
प्यास रूप की, दृढ़ आलिंगन
व्याकुल ऑंखें आतुर चुम्बन
गुथी अंगुलियां नदिया का तट
वे सुध खोये-खोये तन-मन
खड़ी कदम्ब तले वह राधा
टेरे जिसको वंशी का स्वर
°°
"वे हमेशा हँसते मुस्कुराते लोग
ज़रा सा जोर से गले लगाओ तो रो देते हैं"
"वे हमेशा हँसते मुस्कुराते लोग
जवाब देंहटाएंज़रा सा जोर से गले लगाओ तो रो देते हैं"
आलिंगन दिवस की शुभकामनाएं..
सादर नमन..
सार्थक प्रस्तुति । आलिंगन की महिमा का ज्ञान कराती हुई सारी रचनाएँ पढ़ लीं। टिप्पणियाँ सब पर नहीं करीं । हर जगह नाम पता पूछा जा रहा था ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुंदर प्रस्तुति प्रिय दीदी। आलिंगन दिवस के अवसर पर आलिंगन ' पर भावपूर्ण रचनाएँ बहुत पसंद आईं। स्नेह, ममता या प्रेम हो, उन्मुक्त रूप से हर अनुभूति को बढ़ाता है आलिंगन। सम्भवतः दैहिक उपक्रम होते हुए भी इसमें भावनाओं की प्रगाढ़ता का प्रवाह निर्बाध बहता है। आभार और शुभकामनाएं 🙏🙏🌷🌷
जवाब देंहटाएंअभिराम चित्र साझा करने के लिए विशेष आभार और अभिनंदन।🙏🙏🌷❤️💐🎉
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ बहुत अच्छी लगी।
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह अनूठा संकलन।
प्रणाम दी
सादर।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ बहुत अच्छी लगी।
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह अनूठा संकलन।
प्रणाम दी
सादर।इसकी तरह