।। उषा स्वस्ति।।
शब्द के छल छद्म की मारीचिक़ा
शब्द के व्यामोह ने जग को ठगा है
शब्द अब आकार लिपि आबद्ध हैं
संचरण अनुभूतियों का खो गया है
शब्द के गुरु भार को अब कौन ढोए ?
डॉ मृदुल कीर्ति
शब्द की मारीचिका और कहे, अनकहे को ढूंढने की कोशिशें...जारी है बुधवारिया अंक जिससे आप सभी को इधर उधर न जाना पड़े..✍️
वागीश्वरी की नंदिनी
नहीं है ख़ुशी
कोई मंज़िल
यह तो राह है
चलते चलते जिस पर
जीना है
अपनी मस्ती में हर पल..
🏵️
मुझे बड़ा नहीं होना
चित्र साभार shutterstock से... |
"अच्छा जी ! तो हाय हैलो करोगे या गुड मॉर्निंग, गुड नाइट वगैरह वगैरह ? सब चलेगा..
🏵️
सुरों की देवी लता
कहाँ ढूंढें तुम्हें सुरों की देवी बता
नहीं देकर गई अपना कोई पता
साज़ सहमे हुए नग्में खामोश है
मौशिकी की है इसमें कैसी खत
🏵️
रूठी है ज़िन्दगी तो मुक़द्दर बदल गए ,
दुनियाँ के भी हों जैसे ये तेवर बदल गए ।
दीवार-ओ-दर में खुश था जहाँ तुम थे साथ पर,
कब नींव के न जाने ये पत्थर बदल गए ।
।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'...✍️
सुप्रभात !
जवाब देंहटाएंसराहनीय भूमिका से सज्जित सराहनीय अंक ।
सारगर्भित रचनाओं का चयन ।
मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार एवम अभिनंदन पम्मी जी,
आपको और सभी रचनाकारों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐
शानदार रचनाओं से सुसज्जित
जवाब देंहटाएंआभार..
सादर..
अति सुन्दर रचनाएं।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन।
जवाब देंहटाएंसंचरण अनुभूतियों का खो गया है
जवाब देंहटाएंशब्द के गुरु भार को अब कौन ढोए ?
भूमिका में बहुत ही सारगर्भित एवं सार्थक पंक्तियां एवं उत्कृष्ट रचनाओं से सजी लाजवाब हलचल प्रस्तुति... मेरी रचना को स्थान दजने हेतु हृदयतल से आभार एवं धन्यवाद पम्मी जी!
सुरों की देवी लता
जवाब देंहटाएंनायाब --
ये लिंक खुल नहीं रहा ...एक बार देख लीजियेगा पम्मी जी!
सादर।
नायाब --
हटाएंकहाँ ढूंढें तुम्हें सुरों की देवी बता
नहीं देकर गई अपना कोई पता
साज़ सहमे हुए नग्में खामोश है
मौशिकी की है इसमें कैसी खता
कूक कोयल की क्यों चुरा ले गई
मौत पहले तूँ अपना इरादा जता
अनाथ ग़ज़लें हुई गीत गूंगे हुए
बसी हो भजनों में तुम दीदी लता
गीत पे ग़ज़लों पे बोल भजनों पे
सब पे एहसान है सुरों की देवी लता
मनोज नायाब
कवि-लेखक
9859913535
बहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार रचनाओं से सुसज्जित
जवाब देंहटाएंआभार
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंमेरी रचना सुरों की देवी लता को शामिल करने के लिए आपका आभार
जवाब देंहटाएं