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गुरुवार, 6 जनवरी 2022

3265...हमन दुनिया से यारी क्या?"

सादर अभिवादन। 

गुरुवारीय अंक लेकर हाज़िर हूँ। 

महान संत कबीर साहब का ग़ज़ल शैली का अंदाज़ पढ़िए-

"हमन है इश्क़ मस्ताना, हमन को होशियारी क्या?

रहें आज़ाद या जग से,हमन दुनिया से यारी क्या?"

-कबीर 

अब पढ़िए आज की पाँच चुनिंदा रचनाएँ-

लेखनी नि:सृत मुकुल सवेरे

कोकिला कूजित मधुर स्वर

मधुकरी मकरंद मोले 

प्रीत पुलकित है पपीहा

शंखपुष्पी शीश डोले

शीत के शीतल करों में

सूर्य के स्वर्णिम उजेरे।।

टोहता है गिद्ध | कविता | डाॅ (सुश्री) शरद सिंह | 6 जनवरी अर्थात् युद्ध अनाथों का विश्व दिवस पर | World Day Of War Orphans

युद्ध नहीं चाहती मां

युद्ध नहीं चाहता पिता

युद्ध नहीं चाहते नाना-नानी

युद्ध नहीं चाहते दादा-दादी

युद्ध नहीं चाहते बच्चे

फिर कौन चाहता है युद्ध?

वे जिन्हें नहीं होना पड़ता अनाथ

बनना पड़ता है शरणार्थी

और   नहाना पड़ता है रक्त से

कह तो दे कि वो सुन रहा है... 

 उन संबंधों को जीते हुए किसी से समय रहते हुए वो सब-कुछ नहीं कह पाने का एक गहरा परिताप सदैव सालता रहता है समय रहते यदि वो सबकुछ कह दिया जाता जो अवश्य कह देना चाहिए था तो...

समाज को आईना दिखाती हुई नई कविता-फटा जूता

फटे जूते के छेद से

समाज करता है

आकलन,

किसी की प्रतिष्ठा,

किसी के रुतबे का,

और उस मोची ने

सिल दिया उस

फटे जूते को,

और बचा ली

किसी की

इज़्ज़त।

नई किताब-वह चिड़िया क्या गाती होगी

जब बाहर सब कुछ बंद था, तब प्रतिभा कटियार ने अपने भीतर देखने के अपने प्रिय काम को कुछ और समय दिया। उसका नतीजा है- बिना किसी को संबोधित किए लिखी गईं ये चिटि्ठयां - कुछ डायरी, जैसी, लेकिन ज़्यादा ख़तों जैसी। इन चिटि्ठयों को पढ़ते हुए लेखिका के भीतर का कोमल संसार तो खुलता ही है, बाहर पसरी दुनिया को भी एक नई-तरल आंख से देखने की इच्छा पैदा होती है

*****

आज बस यहीं तक 

फिर मिलेंगे अगले गुरुवार। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

 

10 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात..
    बेहतरीन अंक
    आभार..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात बेहतरीन अंक।मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  3. शानदार..
    संत कबीर साहेब को नमन
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  4. अति सुन्दर सूत्रों से संकलित हलचल के लिए हार्दिक आभार एवं शुभकामनाएँ ।

    जवाब देंहटाएं
  5. हर सूत्र रोचक और पठनीय दिख रहा है, अभी दो रचनाएँ पढ़ीं सभी पर जरूर जाऊंगी आदरणीय सर । आपके श्रमसाध्य कार्य को नमन और वंदन 💐🙏

    जवाब देंहटाएं
  6. भूमिका में कबीरदास जी का एक अलहदा रूप ,
    शानदार अंक, सुंदर लिंक्स ।
    सभी रचनाएं बहुत आकर्षक।
    सभी रचनाकारों को बधाई।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय से आभार।
    सादर सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं
  7. रवीन्द्र सिंह यादव जी, मेरी कविता को "पांच लिंको के आनंद" में ​स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार 🌷🙏🌷- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

    जवाब देंहटाएं

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