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बुधवार, 5 जनवरी 2022

3264...ए सुनो!!

 ।। उषा स्वस्ति।।

"वक़्त कहता है सँभल जाओ कहीं ऐसा न हो

वो भी हो जाए कभी जो आपने सोचा न हो

दिल की हर दीवार पर चिपकी हैं यूं ख़ामोशिया

एक मुद्दत से यहाँ जैसे कोई रहता न हो

मैं इन्हीं बातों में ‘अंबर’ उम्र भर उलझा रहा

ये न हो, वो भी न हो,ऐसा न हो,वैसा न हो"

अम्बर खरबंदा

लाजवाब शे'र के साथ...,

सच में ,ओमनीक्रॉन,करोना के फिर वही चाल..अर्थात ये न हो ,वो न हो..जादा क्या लिखें, विगत दो साल से सब हैरान ,परेशान है.. बस बचते रहिए और लिंकों पर नज़र डालते चलिए..✍️






आप के आने से पहले आ गई ख़ुश्बू इधर

ख़ैरमक़्दम के लिए मैने झुका ली है नज़र


यह मेरा सोज़-ए-दुरूँ, यह शौक़-ए-गुलबोसी मेरा

अहल-ए-दुनिया को नहीं होगी कभी इसकी ख़बर

🔶🔶


ए सुनो!!

एकांत खुशी दे जाती है, पर मिल कर बातें नहीं करती।

एक से दो भले वाली कहावत मुझे क ई बार डरा जाती हैै।

एक अंक वाले नाटक को एकांकी कहते हैं और मैं एक पात्र की पाती हूं।

एकतरफा प्यार मुझे क ई बार हुआ है।
🔶🔶

मिलकर क़दम बढ़ाएँ








 इन क़दमों ने बहुत है सीखा,

चलना सँभल-सँभल के।

नापे दूरी कल, आज और,

कल के बीच पल-पल के।

समय ने तब ही जनम लिया,

🔶🔶

तिलस्मी मन


देश दुनिया जीत ली, मन से जो हारा
हारकर अपने से, होता बेसहारा ।।

ऐ मनुज है भाग्य तेरा अर्थ जग में,
तू खड़ा परिचय निकाले स्वयं मग में ।
है वही कामी, वही नामी जहाँ में
🔶🔶

चित्र साभार गूगल

चटख मौसम,किताबें,फूल 


चटख मौसम,किताबें,फूल,कुछ किस्सा,कहानी है

मोहब्बत भी किसी बहते हुए दरिया का पानी है


नहीं सुनती ,नहीं कुछ बोलती ये चाँदनी गूँगी

मगर जूड़े में बैठी गूँथकर ये रात रानी है..

🔶🔶

।।इति शम।।

धन्यवाद

पम्मी सिंह 'तृप्ति'...✍️




10 टिप्‍पणियां:

  1. "वक़्त कहता है सँभल जाओ कहीं ऐसा न हो
    वो भी हो जाए कभी जो आपने सोचा न हो..
    बेहतरीन अंक..
    आभार..
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. इन क़दमों ने बहुत है सीखा,
    चलना सँभल-सँभल के।
    नापे दूरी कल, आज और,
    कल के बीच पल-पल के। ..... बहुत सुन्दर ...
    -- बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  3. 'एक तरफा प्यार मुझे कई बार हुआ है। तभी तो सृजन के संसार को छुआ है... ।" बहुत सुंदर संकलन। आभार और बधाई, पम्मी जी!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. शुक्रिया आपका विश्वमोहन जी  ... जो आपको मेरी लिखी पंक्तियाँ अच्छी लगी 

      हटाएं
  4. वैविध्यपूर्ण, मोहक अंक सजाने के लिए आपका हार्दिक आभार एवम अभिनंदन आदरणीय पम्मी जी । मेरी रचना को शामिल करने के लिए धन्यवाद । सादर शुभाकामनाएं 💐💐🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  5. वाह!
    सुंदर प्रस्तुति आदरणीया पम्मी जी द्वारा।
    अंबर खरबंदा जी के शेर दिलचस्प हैं। सूत्र चयन प्रशंसनीय है। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  6. चटख मौसम,किताबें,फूल,कुछ किस्सा,कहानी है
    मोहब्बत भी किसी बहते हुए दरिया का पानी है

    पठनीय सूत्रों से सुसज्जित अंक प्रिय पम्मी जी| हार्दिक आभार आपका |सभी रचनाकारों को सस्नेह बधाई |

    जवाब देंहटाएं
  7. आपका हृदय से आभार।रेणु जी पम्मी जी और सभी ब्लॉगर और पाठक मित्रों का हृदय से आभार।सबको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं

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