हाज़िर हूँ...! पुनः उपस्थिति दर्ज हो...
सन् 2022 के प्रत्येक महीने का दिनांक 22 अच्छा लगेगा। उम्र 22 जैसे जिम्मेदारी का एहसास होने पर अच्छा लगता है। नया-नया पँख उग आने का एहसास।
22 जनवरी की पोस्टहम ज़िन्दगी जी रहे हैं
न की एक एक दिन काट रहे हैं ,
पर अगर सारी कोशिशों के बावजूद
भी ये अधूरापन न जाये तो ?
रिश्ते को पूरा प्यार ,
पूरा सम्मान दे कर भी
बस तन्हाई और अकेलापन
कवि यहां यह कहना चाहता है कि अधिकतर विमोचन , भूमिका लेखन मुरव्वत का नतीजा होता है। कोई मुरव्वत के चलते आपकी किताब की भूमिका लिख रहा है, विमोचन करने आ रहा तो यह उसकी भलमनसाहत भी है। इसकी तारीफ़ भी होनी चाहिये। सिर्फ मजे लेना बहुत नाइन्साफी है।
सदा की तरह
जवाब देंहटाएंसदा बहार
अथक परिश्रम से
प्रसवित यह अंक..वाकई
संग्रहणीय है
सादर नमन..
बहुत सुंदर संकलन।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात🙏
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर प्रस्तुति!
नया अंदाज बहुत ही खूबसूरत है
काफी पहले के ब्लॉग्स पर जाने का अवसर देने के लिए विभा दीदी आपका बहुत शुक्रिया । हर सूत्र पर रचनाओं को पढ़ने का आनंद मिला । रश्मि रवीजा जी का आलेख
जवाब देंहटाएंबहुत ही सारगर्भित और सार्थक लगा ।
सभी रचनाकारों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐
जी दी,
जवाब देंहटाएंप्रणाम।
पुराने लेखों को पढ़कर अलग अनुभूति हो रही है।
आदरणीय अनवर हुसैन जी के सूत्र में किताब का ज़िक्र है न..
हमको खासकर
अंतिम वाले लेख में पुराने चिट्ठों का आपसी सामंजस्य अपनापन उनकी सृजनशीलता बेहद प्रभावित कर रही।
कुछ पंक्तियाँ पढ़कर तो सचमुच मुसकान आ गयी-
“हंसी का भी बहुत बड़ा परिवार है
कई बहने है जिनके नाम है-
सजीली,कंटीली,चटकीली,मटकीली
नखरीली और ये देखो आ गई टिलीलिली,
हंसी का सिर्फ एक भाई है
जिसका नाम है ठहाका
टनाटन हेल्थ है छोरा है बांका
हंसी के मां-बाप ने
एक लड़के की चाह में
इतनी लड़कियां पैदा की
परिवार नियोजन कार्यक्रम की
ऐसी-तैसी कर दी।...
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अनूठा और अनमोल स्मृतियों से सज्जित अंक पढ़वाने के लिए आभार दी।
सादर।
बहुत खूबसूरत रचना चयन
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति प्रिय दीदी। मौलिक विचार साझा करना कोई आपसे सीखे। बाईस जनवरी की रोचक रचनाओं का ये संकलन मन को छू गया। कोटि आभार और अभिनंदन आपका 🙏🙏🌷🌷💐💐
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