सादर अभिवादन।
मंगलवारीय प्रस्तुति लेकर हाज़िर हूँ आपकी सेवा में-
आदत हो गई अब
करोना के साथ जीने की
हमको आहिस्ता-आहिस्ता,
दुनिया के बाज़ार में
अनायास हो गया है
कुछ महँगा कुछ सस्ता।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
आइए अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलें-
तुम्हें ही करना है...साधना वैद
सही ग़लत में बस थोड़ा ही अंतर है
इस अंतर का ध्यान तुम्हें ही करना है !
पहन मुखौटे दोस्त मिलेंगे दुश्मन भी
मित्रों की पहचान तुम्हें ही करना है !
मेरी कविताएँ अपरंपार ...अमृता तन्मय
मेरे शब्दों के सहारे
घड़ी भर के लिए ही सही
तुम अपने ही अर्थ को पाओ तो
कुछ-ना-कुछ
घटते-घटते घट जाएगी
मेरी कविताएँ
तुम्हारी ही प्रतिसंवेदना है
डायरी के पन्नों से ..."प्रियतमे, तब अचानक..." (कविता)
खोलकर निज अवगुंठन
जब कलियाँ लेती अंगड़ाई,
झलके कपोलों पर जब यौवन की मादक अरुणाई,
करती है जब मधुप का शीश झुका कर अभिनंदन,
पुष्पों के मधु-सौरभ से महक उठती बगिया सारी।
"प्रियतमे तब अचानक...
रहे यदि बंटे हुए
जीवन से कटे हुए,
तीर से बिंधे हुए
सुख विलग रुंधे हुए !
दूरियाँ..... अनुराधा चौहान 'सुधी'
भावनाएं रोज मरती
शब्द चुभते तीर जैसे।
जेब अपनी भर रहे हैं
छोड़ बैठे प्रीत कैसे।
व्यर्थ की बातें निकलती
बेवजह की अटकलों से।
दूरियाँ दिल...
और अब चलते-चलते पढ़िए एक ऐसी सार्थक लघुकथा जो दिमाग़ में कई सवाल कौंधने की पर्याप्त सामग्री समेटे है-
सृजक...विभा रानी श्रीवास्तव
वनाग्नि की तरह खबर फैल जाती है और अस्पताल में जुटी भीड़ से तरह-तरह के सवाल पूछे जाते हैं।
"निजी अस्पतालों में धन उगाही का एक माध्यम है , शल्य चिकित्सा से प्रसव, साधारण रोगी का वेंटिलेटर पर पहुँच जाना..," इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की महिला पत्रकार ने पूछा.. मानो उसका कोई घाव रिस रहा था।
आज बस यहीं तक
फिर मिलेंगे आगामी गुरूवार।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
सस्नेहाशीष व अशेष शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुतीकरण हेतु साधुवाद
बढ़िया..
जवाब देंहटाएंआभार..
सादर..
वाह ! पठनीय रचनाओं के सूत्रों से सजी हलचल ! आभार!
जवाब देंहटाएंपठनीय रचनाओं का संकलन। आभार।
जवाब देंहटाएंदिमाग है कई सवाल को कौंधाती हुई , प्रत्युत्तर देती हुई हलचल के लिए हार्दिक आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर, सार्थक, संक्षिप्त हलचल आज की ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार रवीन्द्र जी ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति, मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचनाओं से सजी प्रस्तुति... बधाई भाई रवीन्द्र जी! मेरी कविता को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार!
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